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कार्बोहाइड्रेट कितने प्रकार के होते है?
कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते हैं: जटिल और साधारण।
साधारण कार्बोहायड्रेट के प्रकारों का वर्णन करो?
कार्बोहायड्रेट निम्न प्रकार के होते है:
जटिल कार्बोहायड्रेट के प्रकारों का वर्णन करो ।
स्टार्च, ग्लाकोजन, सेलुलोज, जटिल कार्बोहायड्रेट के प्रकार हैं।
खाद्य के दो गैर पोषक तत्त्वों का वर्णन करो।
फाइबर तथा कलर/रंग के गैर पोषक तत्त्वों में आते हैं।
प्रोटीन में कितने प्रकार के अमीनों अम्ल पाये जाते हैं?
प्रोटीन में 20 अमीनों अम्ल पाये जाते हैं जिनमें 9 अमीनो अम्ल ज़रूरी होते हैं।
खाने में कितने प्रकार के विटामिन B पाये जाते है?
खाने में छ: प्रकार के विटामिन पाये जाते है:
प्रोटीन की कमी से होने वाली दो बीमारियों के नाम बताओं ?
उन वृहत खनिजों के नाम बताइए जो खाने में पाए जाते हैं?
खाने में पाए जाने वाले खनिज निम्न हैं:
चार मिथकों के नाम बताओ जो आहार से संबंधित है।
आहार के चार मिथक निम्न प्रकार के है:
पूरक आहार से आप क्या समझते है?
पूरक आहार सामान्य आहार के साथ दिया जाने वाला वह आहार है जो कि पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करता है जो कि सामान्य भोजन से पूरी नही हो पाती है।
प्राकृतिक पूरक आहार से आप क्या समझते है ?
प्राकृतिक पूरक आहार के अर्न्तगत वह आहार आता है जो कि पेड़ों तथा जानवरों से निष्कर्षित किया गया हो और अथवा जो पोषक तत्वों की कमी पूरा करने में सक्षम हो।
अर्द्वकृत्रिम पूरक आहार क्या होते है?
अर्द्वकृत्रिम पूरक आहार वह आहार है जो कि निष्कृर्षित तो पेड़ों तथा जानवरो से किया जाता है परन्तु बाद में उसे रासायनिक रूप से बदल कर प्रयोग किया जाता है।
कृत्रिम पूरक आहार का अर्थ समझाइए।
कृत्रिम पूरक आहार से हमारा अभिप्राय उस आहार से है जो कि पूर्ण कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है उदाहरण के लिये विटामिन की गोलिया जो कि विभिन्न प्रकार के रासायनों के द्वारा बनाई जाती है।
संतुलित आहार किसे कहते हैं? इसके कार्यो का वर्णन करो ?
संतुलित आहार: संतुलित आहार वह होता है जिस भोजन में विभिन्न पोषक तत्व सही एवं उचित मात्रा एवं गुण में व्यक्ति की आवश्यकता के अनुसार हों। इसके कार्य निम्नलिखित हैं:
भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का वर्णन करो जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है?
भोजन में दो तरह के सूक्ष्म पोषक तत्त्व हैं: विटामिन और मिनरल (खनिज पदार्थ) यह कम मात्रा में भोजन में आवश्यक होते हैं, पर जो शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं वे विटामिन निम्न हैं:
विटामिन A: इसे रेटिनोल भी कहा जाता है। यह शरीर की वृद्धि और विकास के लिए बहुत जरूरी है विशेषकर आखों की।
विटामिन D: यह शरीर की सभी हड्डियों के बनाने में और उनमें वृद्धि और विकास में सहायक है।
विटामिन E: यह सैल मेम्ब्रेन की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
विटामिन K: यह खून का थक्का जमाने में सहायता करता है।
विटामिन B: इसके अन्तर्गत विटामिन B समूह के 6 विटामिन्स आते है। जो कि सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
विटामिन C: यह शरीर टेंडन और लिगामेन्टस की मरम्मत और विकास के लिए जरूरी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
खनिज पदार्थ जो शरीर के लिए जरूरी हैं निम्न हैं:
इस प्रकार विटामिन और खनिज हमारे शरीर के वृद्धि विकास में सहायक हैं और इनकी कमी से कई तरह की गंभीर बीमारियाँ हो सकती है।
हमारे शरीर के लिए प्रोटीन कितना जरूरी है वर्णन करो?
प्रोटीन कोशिकाओं के निर्माण में जरूरी तत्व है। प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन व कभी-कभार सल्फर नामक तत्वों से बनी होता है। प्रोटीन शरीर में अमीनो अम्लों के द्वारा रक्त में मिल जाते है।
इन अमीनों अम्लों का प्रयोग शरीर के द्वारा रक्तमांस पेशियों, नाखूनों, त्वचा, बालों व आंतरिक अंगों के निर्माण में किया जाता है। प्रोटीन नये ऊतकों को बनाती है और टूटे-फूटे ऊतकों की मरम्मत करती है। जल और अम्लों के संतुलन को नियमित करती है।
ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक ले जाती है तथा एंटी बॉडीज बनाती है। अत्यधिक प्रोटीन का प्रयोग भी हमारे लिए हानिकारक हैं इससे हृदय रोग, स्टियोपोरोसिस, स्ट्रोक और गुर्दे में पथरी हो सकती है।
शरीर को आदर्श शरीर भार के प्रति पौंड 0.36 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। बच्चों में इसकी कमी से सूखारोग (Marasmus) और क्वाशिओरकोर (kwashiorkor) रोग हो जाते है।
कार्बोहाइड्रेट क्या है? साधारण व जटिल कार्बोहाइडेरट में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
कार्बोहाइड्रेट हमारे आहार का सबसे मुख्य अंग है। यह हमारे शरीर में ईधंन की तरह कार्य करता है। यह ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है। भिन्न-भिन रासायनिक सयोंजन के कारण कार्बोहाइडेरटस मुख्यत: दो प्रकार के होते है:
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वसा हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
या
वसा की उपयोगिता संक्षेप में लिखिए?
वसा हमारे आहार में उपस्थित सभी पोषक पदार्थो में सबसे ज़्यादा ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक तत्व है। एक ग्राम वसा से 9.1 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। आवश्यकता से अधिक कार्बोहाइडेरट भी शरीर में वसा के रूप में सचिंत होता रहता है।
खाद्य असहिष्णुता (भोजन असहनशीलता) क्या है ?
खाद्य असहिष्णुता : शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारा शरीर भोजन के विशेष तत्वों को अवशोषित करना बंद कर दे खाद्य असहिष्णुता कहलाती है। इस स्थिति का मुख्य कारण भोजन केकिसी विशेष तत्व से एलर्जी होता है। कई बार हमारा शरीर भोजन की अधिक मात्रा की स्थिति में भी खाद्य असहिष्णुता दर्शाता है।
खाद्य असहिष्णुता से बचने के उपाय:
इसके लक्षण निम्न हैं;
BMI क्या है इसकी गणना कैसे की जाती है?
BMI स्वस्थ भार ज्ञात करने का सर्वाधिक प्रचलित तरीका है। निम्नलिखित सूत्र की सहायता से हम BMI की गणना कर सकते है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदण्ड की तालिका की सहायता से हम व्यक्ति की स्वस्थ भार की स्थिति जान सकते है।
श्रेणी | बॉडी मास इंडेक्स |
अल्पभार | < 18.5 |
सामान्य भार | 18.5 - 24.9 |
अतिभार | 25 - 26.9 |
स्थूलता वर्ग - 1 | 27 - 29.9 |
स्थूलता वर्ग - 2 | 30 - 34.9 |
स्थूलता वर्ग - 3 | 35 - 39.9 |
स्थूलता वर्ग - 4 | > 40 |
कुछ बच्चों को पूरक आहार की अवश्यकता क्यों होती है?
पूरक आहार की अवश्यकता निम्नखिलित कारणों से हो सकती है:
पूरक आहार के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
पूरक आहार का इस्तेमाल करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
डाइटिंग (अल्पाहार) के प्रमुख नुकसान बताइये?
दुबले पतले होने की चाह में अक्सर व्यक्ति अपना खाना-पीना इतना कम कर देता है। कि उसके शरीर को आवश्यक पोषक पदार्थ उचित मात्रा में नहीं मिल पाते है और वह कुपोषण का शिकार हो जाता है। डाइटिंग से प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हो सकते है।
अपर्याप्त पोषण: कम पोषण के कारण व्यक्ति में कमजोरी, एनिमिया व अधिक निंद्रा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
सूखापन: डाइटिंग के दौरान पानी की कमी से व्यक्ति में दुर्बलता, निर्जलीकरण, व त्वचा पर झाईयाँ पड़ जाती है।
दाँत व रक्त संबधी विकार
नेत्र संबधी विकार
खनिज लवणों की कमी
स्मरण शक्ति में कमी
संतुलित आहार क्या है? आहार के बृहत (मैक्रो) पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए।
'संतुलित आहार वह आहार है जिसमें व्यक्ति की उम्र, लिंग, शरीर, कार्य, वातावरणीय परिस्थिति की आवश्यकता के अनुसार सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में होते है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार संतुलित आहार वह आहार है जो शरीर की वृद्धि (विकास कार्य) तथा स्वास्थ्य संरक्षण के आवश्यक तत्वों को सम्मलित करता है जो कि मात्रा व गुणों में संतुलित रूप से पाये जाते है।''
साधारण शब्दों में कहें तो 'संतुलित आहार ऐसा भोजन है जिसमें व्यक्ति के शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में पाये जाते है।'
आहार के वृहत ( मेक्रो) पोषक तत्त्व: वृहत (मेक्रो) से तात्पर्य ज़्यादा अधिक या बड़े आकार से होता है। इसी से स्पष्ट है कि वे पोषक तत्व जो कि हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में चाहिए होते है वृहत पोषक तत्व कहलाते है। जैसे: कार्बोहाइडेरट, वसा, प्रोटीन व पानी।
भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्वों का वर्णन करते हुए इनकी उपयोगिता व स्त्रोत के बारे में भी बताइए।
हमारे आहार के वो पोषक पदार्थ जिनकी आवश्यकता अत्यंत अल्प मात्रा में होती है। भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते है।
विटामिन्स: विटामिन्स शरीर के लिए आवश्यक एवं आधारभूत पोषक तत्व है जो शरीर की क्षमता सहनशीलता व स्फूर्ति बढ़ाकर इसे फिट रखने में मदद करते है। यह दो प्रकार के होते है। जल में घुलनशील विटामिन्स ( B व C ) वसा में घुलनशील विटामिन्स (A, D, E व K) इनका संक्षिप्त कार्य, उपयोगिता व स्त्रोत निम्नलिखित है:
खनिज लवण: खनिज दूसरा सूक्ष्म पोषक तत्व है। इनमें कार्बन नहीं होता है। हमारे शरीर का 1/4 भाग खनिज लवणों का बना होता है। हमारे शरीर में कुल 24 खनिज लवण पाये जाते है। जिनमें प्रमुख निम्नलिखित है:
जल दैनिक आवश्यकता कम से कम 2000 प्रतिदिन।
प्रतियोगिता से पहले प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता के पश्चात खिलाड़ी के भोजन में क्या खाद्य-पदार्थ शामिल किये जाने चाहिए? संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
खेलकूद में प्रदर्शन को बढ़ाने में उचित पोषक पदार्थो को ग्रहण करना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि ऐसा कोई भोजन नहीं है कि जिसे प्रतियोगिता से पहले ग्रहण करके खिलाड़ी का प्रदर्शन उच्चतम स्तर का हो जाए। इसलिए उचित आहार का सेवन ही लाभकारी होता है। प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता से पूर्व ग्रहण किया गया आहार खिलाड़ी के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
प्रतियोगिता से पूर्व आहार: प्रतियोगिता से पूर्व आहार से सबंधित निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
प्रतियोगिता के दौरान आहार:
प्रतियोगिता के बाद का आहार:
प्रतियोगिता के लगभग एक घंटे बाद खिलाड़ी आहार के सभी भोज्य पदार्थो को सामान्य मात्रा में ग्रहण कर सकता है।
प्रतियोगिता के बाद लंबी दूरी के धावकों को द्रव के रूप में ग्लूकोज पेय, फलो आदि पेय पदार्थो का सेवन करना चाहिए।
प्रतियोगिता के तुरंत बाद भारी आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगली प्रतियोगिता से 30 दिन पूर्व खिलाड़ी को ग्लाइकोजन की मात्रा को एकत्र करना शुरू कर देना चाहिए।
बाजार में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों के लिये विभिन्न प्रकार के पूरक आहार उपलब्ध है। बाजार में उपलबध पूरक आहार के विभिन्न तत्वों का उल्लेख कीजिए।
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