शारीरिक शिक्षा Chapter 2 खेल व पोषण
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा

    खेल व पोषण Here is the CBSE ������������������ Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ खेल व पोषण Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ खेल व पोषण Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIPEH12036855

    कार्बोहाइड्रेट कितने प्रकार के होते है?

    Solution

    कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते हैं: जटिल और साधारण।

    Question 2
    CBSEHHIPEH12036856

    साधारण कार्बोहायड्रेट के प्रकारों का वर्णन करो?

    Solution

    कार्बोहायड्रेट निम्न प्रकार के होते है:

    1. ग्लूकोज़
    2. लेक्टोज
    3. फ्रक्टोज
    4. मालटोज
    5. सुक्रोज

    Question 3
    CBSEHHIPEH12036857

    जटिल कार्बोहायड्रेट के प्रकारों का वर्णन करो ।

    Solution

    स्टार्च, ग्लाकोजन, सेलुलोज, जटिल कार्बोहायड्रेट के प्रकार हैं।

    Question 4
    CBSEHHIPEH12036858

    खाद्य के दो गैर पोषक तत्त्वों का वर्णन करो।

    Solution

    फाइबर तथा कलर/रंग के गैर पोषक तत्त्वों में आते हैं।

    Question 5
    CBSEHHIPEH12036859

    प्रोटीन में कितने प्रकार के अमीनों अम्ल पाये जाते हैं?

    Solution

    प्रोटीन में 20 अमीनों अम्ल पाये जाते हैं जिनमें 9 अमीनो अम्ल ज़रूरी होते हैं।

    Question 6
    CBSEHHIPEH12036860

    खाने में कितने प्रकार के विटामिन B पाये जाते है?

    Solution

    खाने में छ: प्रकार के विटामिन पाये जाते है:

    1. विटामिन B1
    2. विटामिन B2
    3. विटामिन B3
    4. विटामिन B5
    5. विटामिन B6
    6. विटामिन B12

    Question 7
    CBSEHHIPEH12036861

    प्रोटीन की कमी से होने वाली दो बीमारियों के नाम बताओं ?

    Solution
    1. Kwashiorkor (क्वासोरकोर)
    2. Marasmus (मारास्मस)
    Question 8
    CBSEHHIPEH12036862

    उन वृहत खनिजों के नाम बताइए जो खाने में पाए जाते हैं?

    Solution

    खाने में पाए जाने वाले खनिज निम्न हैं:

    1. Calcium (कैल्शियम)
    2. Sodium (सोडियम)
    3. Phosphorus (फॉस्फोरस)
    4. Iodine (आयोडीन)
    5. Potassium (पोटेशियम)

    Question 9
    CBSEHHIPEH12036863

    चार मिथकों के नाम बताओ जो आहार से संबंधित है।

    Solution

    आहार के चार मिथक निम्न प्रकार के है:

    1. वसा रहित खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
    2. केवल अल्पाहार के माध्यम से ही शारीरिक भार को कम किया जा सकता है।
    3. स्वास्थ्य वर्धक खाना महंगा होता है।
    4. मछली खाने के बाद तुरन्त दूध नहीं पीना चाहिए।

    Question 10
    CBSEHHIPEH12036864

    पूरक आहार से आप क्या समझते है?

    Solution

    पूरक आहार सामान्य आहार के साथ दिया जाने वाला वह आहार है जो कि पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करता है जो  कि सामान्य भोजन से पूरी नही हो पाती है।

    Question 11
    CBSEHHIPEH12036865

    प्राकृतिक पूरक आहार से आप क्या समझते है ?

    Solution

    प्राकृतिक पूरक आहार के अर्न्तगत वह आहार आता है जो कि पेड़ों तथा जानवरों से निष्कर्षित किया गया हो और अथवा जो पोषक तत्वों की कमी पूरा करने में सक्षम हो।

    Question 12
    CBSEHHIPEH12036866

    अर्द्वकृत्रिम पूरक आहार क्या होते है?

    Solution

    अर्द्वकृत्रिम पूरक आहार वह आहार है जो कि निष्कृर्षित तो पेड़ों तथा जानवरो से किया जाता है परन्तु बाद में उसे रासायनिक रूप से बदल कर प्रयोग किया जाता है।

    Question 13
    CBSEHHIPEH12036867

    कृत्रिम पूरक आहार का अर्थ समझाइए।

    Solution

    कृत्रिम पूरक आहार से हमारा अभिप्राय उस आहार से है जो कि पूर्ण कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है उदाहरण के लिये विटामिन की गोलिया जो कि विभिन्न प्रकार के रासायनों के द्वारा बनाई जाती है।

    Question 14
    CBSEHHIPEH12036868

    संतुलित आहार किसे कहते हैं? इसके कार्यो का वर्णन करो ?

    Solution

    संतुलित आहार: संतुलित आहार वह होता है जिस भोजन में विभिन्न पोषक तत्व सही एवं उचित मात्रा एवं गुण में व्यक्ति की आवश्यकता के अनुसार हों। इसके कार्य निम्नलिखित हैं:

    1. हमें काम करने की पर्याप्त ऊर्जा संतुलित आहार से मिलती है।
    2. यह व्यक्ति की वृद्धि और विकास में सहायता करता है।
    3. संतुलित आहार सभी संस्थानों को सही प्रकार से कार्य करने में सहायता प्रदान करता है।
    4. यह सभी टूटे-फूटे ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है।
    5. संतुलित आहार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है।
    6. यह शरीर का संपूर्ण स्वास्थ्य का स्तर बढ़ाता है।
    7. यह शरीर की चयापचय क्षमता में वृद्धि करता है।
    8. यह शरीर मेंकिसी भी प्रकार की कमी से होने वाली बीमारियों को कम करता है तथा शरीर का सही भार बनाए रखता है तथा व्यक्ति की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी करता है।

    Question 15
    CBSEHHIPEH12036869

    भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का वर्णन करो जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है?

    Solution

    भोजन में दो तरह के सूक्ष्म पोषक तत्त्व हैं: विटामिन और मिनरल (खनिज पदार्थ) यह कम मात्रा में भोजन में आवश्यक होते हैं, पर जो शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं वे विटामिन निम्न हैं:

    विटामिन A: इसे रेटिनोल भी कहा जाता है। यह शरीर की वृद्धि और विकास के लिए बहुत जरूरी है विशेषकर आखों की।
    विटामिन D:  यह शरीर की सभी हड्डियों के बनाने में और उनमें वृद्धि और विकास में सहायक है।
    विटामिन E: यह सैल मेम्ब्रेन की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
    विटामिन K: यह खून का थक्का जमाने में सहायता करता है।
    विटामिन B: इसके अन्तर्गत विटामिन B समूह के 6 विटामिन्स आते है। जो कि सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
    विटामिन C: यह शरीर टेंडन और लिगामेन्टस की मरम्मत और विकास के लिए जरूरी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

    खनिज पदार्थ जो शरीर के लिए जरूरी हैं निम्न हैं:

    1. आयरन: यह खनिज रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए जरूरी है।
    2. कैल्शियम: यह हमारी हड्डियों और दांतों के निर्माण में सहायता करता है।
    3. फास्फोरस: यह हमारे दांतों को मजबूत बनाता है तथा हड्डियों को भी मजबूत करता है।
    4. सोडियम: यह हमारे तंत्रिका तंत्र को और अधिक मजबूत बनाता है।
    5. आयोडीन: आयोडीन बहुत जरूरी है इसकी कमी से ग्वाइटर (Goiter) रोग हो सकता है।
    6. क्लोराइड: यह हमारे नाखूनों और दांतों के निर्माण और मजबूत बनाने में सहायक है।

    इस प्रकार विटामिन और खनिज हमारे शरीर के वृद्धि विकास में सहायक हैं और इनकी कमी से कई तरह की गंभीर बीमारियाँ हो सकती है।

    Question 16
    CBSEHHIPEH12036870

    हमारे शरीर के लिए प्रोटीन कितना जरूरी है वर्णन करो?

    Solution

    प्रोटीन कोशिकाओं के निर्माण में जरूरी तत्व है। प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन व कभी-कभार सल्फर नामक तत्वों से बनी होता है। प्रोटीन शरीर में अमीनो अम्लों के द्वारा रक्त में मिल जाते है।
    इन अमीनों अम्लों का प्रयोग शरीर के द्वारा रक्तमांस पेशियों, नाखूनों, त्वचा, बालों व आंतरिक अंगों के निर्माण में किया जाता है। प्रोटीन नये ऊतकों को बनाती है और टूटे-फूटे ऊतकों की मरम्मत करती है। जल और अम्लों के संतुलन को नियमित करती है।
    ऑक्सीजन  और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक ले जाती है तथा एंटी बॉडीज बनाती है। अत्यधिक प्रोटीन का प्रयोग भी हमारे लिए हानिकारक हैं इससे हृदय रोग, स्टियोपोरोसिस, स्ट्रोक और गुर्दे में पथरी हो सकती है।
    शरीर को आदर्श शरीर भार के प्रति पौंड 0.36 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। बच्चों में इसकी कमी से सूखारोग (Marasmus) और क्वाशिओरकोर (kwashiorkor)  रोग हो जाते है।

    Question 17
    CBSEHHIPEH12036871

    कार्बोहाइड्रेट क्या है? साधारण व जटिल कार्बोहाइडेरट में अन्तर स्पष्ट कीजिए?

    Solution

    कार्बोहाइड्रेट हमारे आहार का सबसे मुख्य अंग है। यह हमारे शरीर में ईधंन की तरह कार्य करता है। यह ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है। भिन्न-भिन रासायनिक सयोंजन के कारण कार्बोहाइडेरटस मुख्यत: दो प्रकार के होते है:

    1. शर्करा या साधारण कार्बोहाइहेट: यह अनाज (गेहूँ, चावल आदि) व रसीले फलों जैसे गन्ना, चुकन्दर, आम, अनानास आदि में पाया जाने वाला स्वभाविक मिठास है। इनमें शर्करा, मोनोसेक्राइडस, डाइसेक्राइडस व ट्राई सेक्राइडस के रूप में पायी जाती है जैसे ग्लूकोज, फ्रेक्टोज, सुक्रोज व माल्टोज यह पानी में घुलनशील व स्वाद में मीठे होते हैं।
    2. जटिल कार्बोहाइड़ेट ( पोली सेक्राइडस): साधारण कार्बोहाइडेरटस से विपरीत ये स्वाद में मीठे नहीं होते है। इनमें शर्करा पॉली सेक्राइडस के रूप में पायी जाती है। यह पानी में घुलती नहीं है। इनमें स्टार्च, ग्लाइकोजन व सेल्यूलोज प्रमुख है। जो कि आलू, शकरकन्दी, चुकन्दर, गाजर, मक्का, गेहूँ, चावल आदि में मुख्य रूप से पाये जाते हैं। हमें आहार में कार्बोहाइडेरटस की अधिक मात्रा इसी पॉलीसेक्राइडस से प्राप्त होती है।

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    Question 18
    CBSEHHIPEH12036872

    वसा हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
    या
    वसा की उपयोगिता संक्षेप में लिखिए?

    Solution

    वसा हमारे आहार में उपस्थित सभी पोषक पदार्थो में सबसे ज़्यादा ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक तत्व है। एक ग्राम वसा से 9.1 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। आवश्यकता से अधिक कार्बोहाइडेरट भी शरीर में वसा के रूप में सचिंत होता रहता है।

    1. इससे शरीर को चर्बी प्राप्त होती है।
    2. लंबे समय तक चलने वाली शारीरिक क्रियाओं में यह ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में काम आती है।
    3. इससे विटामिन A, D, E व K के अवशोषण में भी सहायता मिलती है।
    4. वसा मांसपेशीय उत्तक के निर्माण व शरीर के कोमल अंगों जैसे हृदय गुर्दे आदि को सुरक्षा प्रदान करती है।
    5. शरीर को सुडौल बनाती है तथा सक्रामक रोगों से बचाने में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

    Question 19
    CBSEHHIPEH12036873

    खाद्य असहिष्णुता (भोजन असहनशीलता) क्या है ?

    Solution

    खाद्य असहिष्णुता : शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारा शरीर भोजन के विशेष तत्वों को अवशोषित करना बंद कर दे खाद्य असहिष्णुता कहलाती है। इस स्थिति का मुख्य कारण भोजन केकिसी विशेष तत्व से एलर्जी होता है। कई बार हमारा शरीर भोजन की अधिक मात्रा की स्थिति में भी खाद्य असहिष्णुता दर्शाता है।

    खाद्य असहिष्णुता से बचने के उपाय:

    1. बासी भोजन न करें, सदैव ताजा भोजन ही खाएं।
    2. तले हुए पदार्थो से परहेज करें।
    3. अधिक मात्रा में पानी पीए।
    4. खाना खाते समय खानेको खूब चबाएं।
    5. अधिक मात्रा में भोजन ना करें।
    6. पोषक विशेषज्ञ से परामर्श लें।

    इसके लक्षण निम्न हैं;

    1. सिरदर्द
    2. घबराहट
    3. उल्टी
    4. दस्त
    5. गैस
    6. एसिडिटी
    7. उदरवायु
    8. पेट दर्द
    9. मितली आना
    10. सीने में जलन

    Question 20
    CBSEHHIPEH12036874

    BMI क्या है इसकी गणना कैसे की जाती है?

    Solution

    BMI स्वस्थ भार ज्ञात करने का सर्वाधिक प्रचलित तरीका है। निम्नलिखित सूत्र की सहायता से हम BMI की गणना कर सकते है।
    बॉडी मास इंडेक्स  (BMI) = शरीर का भार (किग्रा.)ऊंचाई × ऊंचाई (मीटर)
    विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदण्ड की तालिका की सहायता से हम व्यक्ति की स्वस्थ भार की स्थिति जान सकते है।

    श्रेणी बॉडी मास इंडेक्स
    अल्पभार < 18.5 
    सामान्य भार 18.5 - 24.9
    अतिभार 25 - 26.9
    स्थूलता वर्ग - 1 27 - 29.9
    स्थूलता वर्ग - 2 30 - 34.9
    स्थूलता वर्ग - 3 35 - 39.9
    स्थूलता वर्ग - 4 > 40

     

    Question 21
    CBSEHHIPEH12036875

    कुछ बच्चों को पूरक आहार की अवश्यकता क्यों होती है?

    Solution

    पूरक आहार की अवश्यकता निम्नखिलित कारणों से हो सकती है:

    1. उचित भोजन का चयन न करना: यदि दिये जाने वाले भोजन में भोजन के सभी तत्व नहीं होंगे तो शरीर की पोषक तत्वों की मांग की पूर्ती नहीं हो पायेगी और पूरक आहार की अवश्यकता पड़ेगी।
    2. भोजन सम्बन्धित विकार तथा भोजन एलर्जी: भोजन एलर्जी तथा भोजन सम्बन्धित विकार की स्थिति में सामान्य भोजन से पोषण की पूर्ति होने की सम्भावना कम हो जाती है तथा पूरक आहार की अवश्यकता पड़ती है।
    3. कठोर प्रशिक्षण: कठोर प्रशिक्षण की स्थिति में भी सामान्य भोजन से पोषण तत्वों की पूर्ति होने की सम्भावना कम हो जाती है तथा पूरक आहार की अवश्यकता पड़ सकती है।

    Question 22
    CBSEHHIPEH12036876

    पूरक आहार के प्रकारों का वर्णन कीजिए।

    Solution
    1. प्राकृतिक पूरक आहार: प्राकृतिक पूरक आहार प्राकृति पदार्थो से निष्कृषित किये जाते हो जैसे कि पेड़ों से निष्कृषित करना, जानवरों से निष्कृषित करना उदाहरण के अंकुरित दाल, अलसी का तेल आदि।
    2. अर्द्धकृत्रिम पूरक आहार:-अर्द्धकृत्रिम आहार को निष्कृषित तो प्राकृतिक पदार्थी से ही किया जाता है। परन्तु निष्कृषित होने के उपरांत उसे रासायानिक रूप से बदलकर प्रयोग किया जाता है उदाहरण के लिये दूध का पाऊडर।
    3. कृत्रिम पूरक आहार: कृत्रिम पूरक आहार को कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है। उदाहरण के लिये विटामिन की गोलियाँ जो कि रासायनिक रूप से तैयार कि गई हो।
    Question 23
    CBSEHHIPEH12036877

    पूरक आहार का इस्तेमाल करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    Solution
    1. जरूरत से ज़्यादा मात्रा में यदि सेवन किया जाये तो पूरक आहार हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकते हैं।
    2. पूरक आहार को हमेशा बच्चों की पहुँच से दूर रखे अन्यथा उनका दुरूपयोग होने की सम्भावना बढ़ जायेगी।
    3. पूरक आहार की मात्रा हमेशा भोजन विशेषज्ञ के दिशा निर्दशों के अनुरूप ही होनी चाहिए।
    4. केवल आवश्यकता को स्थिति में ही पूरक आहार का इस्तेमाल करना चाहिए अन्यथा भोजन के माध्यम से हो पोषक तत्वों की पूर्ति करनी चाहिए।
    Question 24
    CBSEHHIPEH12036878

    डाइटिंग (अल्पाहार) के प्रमुख नुकसान बताइये?

    Solution

    दुबले पतले होने की चाह में अक्सर व्यक्ति अपना खाना-पीना इतना कम कर देता है। कि उसके शरीर को आवश्यक पोषक पदार्थ उचित मात्रा में नहीं मिल पाते है और वह कुपोषण का शिकार हो जाता है। डाइटिंग से प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हो सकते है।

    अपर्याप्त पोषण: कम पोषण के कारण व्यक्ति में कमजोरी, एनिमिया व अधिक निंद्रा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
    सूखापन: डाइटिंग के दौरान पानी की कमी से व्यक्ति में दुर्बलता, निर्जलीकरण, व त्वचा पर झाईयाँ पड़ जाती है।
    दाँत व रक्त संबधी विकार
    नेत्र संबधी विकार
    खनिज लवणों की कमी
    स्मरण शक्ति में कमी

    Question 25
    CBSEHHIPEH12036879

    संतुलित आहार क्या है? आहार के बृहत (मैक्रो) पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए।

    Solution

    'संतुलित आहार वह आहार है जिसमें व्यक्ति की उम्र, लिंग, शरीर, कार्य, वातावरणीय परिस्थिति की आवश्यकता के अनुसार सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में होते है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार संतुलित आहार वह आहार है जो शरीर की वृद्धि (विकास कार्य) तथा स्वास्थ्य संरक्षण के आवश्यक तत्वों को सम्मलित करता है जो कि मात्रा व गुणों में संतुलित रूप से पाये जाते है।''
    साधारण शब्दों में कहें तो 'संतुलित आहार ऐसा भोजन है जिसमें व्यक्ति के शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में पाये जाते है।'

    आहार के वृहत ( मेक्रो) पोषक तत्त्व: वृहत (मेक्रो) से तात्पर्य ज़्यादा अधिक या बड़े आकार से होता है। इसी से स्पष्ट है कि वे पोषक तत्व जो कि हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में चाहिए होते है वृहत पोषक तत्व कहलाते है। जैसे: कार्बोहाइडेरट, वसा, प्रोटीन व पानी।

    1. कार्बोहाइहेट: हमारे भोजन का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग कार्बोहाइडेरट है। सभी शारीरिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा इसी से प्राप्त होती है। अतिरिक्त मात्रा में ग्रहण किया गया कार्बोहाइडेरट शरीर के द्वारा वसा व ग्लाइकोजन के रूप में परिवर्तित करके संग्रहित कर लिया जाता है जो कि समय पड़ने पर शरीर के द्वारा उपयोग कर लिया जाता है।
      स्त्रोत: सभी प्रकार के अनाज, दालें, आलू, गाजर, केला, गन्ना, शहद व मीठे फल।
    2. वसा: हमारे भोजन में उपस्थित सभी पोषक पदार्थो में सबसे ज्यादा ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक पदार्थ है। एक ग्राम वसा से 9.1 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विटामिन A, D, E व K उपयोग में मदद करता है व साथ ही साथ शरीर को सुडौल व सुन्दर बनाता है। इसकी अधिकता से मोटापा व दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
      स्त्रोत: दूध व दुग्ध उत्पाद, घी, वनस्पति तेल, सूखे-मूवी आदि।
    3. प्रोटीन: प्रोटीन हमारे शरीर निर्माण में सहायक होती है। इसलिए यह बढ़ती उम्र के बच्चों व खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। यह कोशिकाओं व उत्तकों की मरम्मत कार्य में प्रयुक्त होता है। इसलिए वयस्कों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है।
      स्त्रोत: दूध व दुग्ध उत्पाद, सोयाबीन, सभी प्रकार की दाले, चना, अनाज, मूंगफली, तिल, बादाम, सभी रेशेदार फल व सब्जियां जैसे पपीता, आम, कटहल फासबीन, ग्वार, लोबिये की फली आदि।

    Question 26
    CBSEHHIPEH12036880

    भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्वों का वर्णन करते हुए इनकी उपयोगिता व स्त्रोत के बारे में भी बताइए।

    Solution

    हमारे आहार के वो पोषक पदार्थ जिनकी आवश्यकता अत्यंत अल्प मात्रा में होती है। भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते है।

    विटामिन्स: विटामिन्स शरीर के लिए आवश्यक एवं आधारभूत पोषक तत्व है जो शरीर की क्षमता सहनशीलता व स्फूर्ति बढ़ाकर इसे फिट रखने में मदद करते है। यह दो प्रकार के होते है। जल में घुलनशील विटामिन्स ( B व C ) वसा में घुलनशील विटामिन्स (A, D, E व K) इनका संक्षिप्त कार्य, उपयोगिता व स्त्रोत निम्नलिखित है:

    1. विटामिन B:  इसके अंर्तगत समूह B के विटामिन्स आते हैं। जिन्हे सामूहिक रूप से विटामिन कोम्प्लेक्स कहते है। ये हमारी पाचन क्रिया व सामान्य स्वास्थ्य केलिए अत्यन्त आवश्यक है। इसकी कमी से बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
    2. विटामिन C: यह गर्मी ऑक्सीजन के सम्पर्क में आते ही निष्क्रिय हो जाता है। खेलो के दृष्टिकोण से यह विटामिन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। सहनशीलता (Endurance) बढ़ाने में यह विटामिन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दाँत, अस्थि, रक्त वाहिनीयों को मजबूत करता है।
      स्त्रोत: खट्टें फल, आवलाँ, टमाटर, नींबू, अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां व हरी मिर्च आदि।
    3. विटामिन A: यह विटामिन सामान्य शारीरिक विकास, आखों व त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसकी कमी से रतौंधी (Night Blindness) व त्वचा खुश्क व सुखी हो जाती है।
      स्त्रोत: पीले व नारंगी फल जैसे पपीता, खरबूजा, संतरा, गाजर, हरे पत्ते वाली सब्जिया-पालक, बन्द गोभी, मटर दुग्ध व दुग्ध उत्पाद।
    4. विटामिन D: इस विटामिन को शरीर खुद भी पैदा कर सकता है। यह शरीर में कैल्शियम व फास्फोरस के अवशोषण में सहायक है। इसकी कमी से रिकेट्स (सूखा रोग) हो जाता है।
      स्त्रोत: दुग्ध उत्पाद, सूर्य के प्रकाश में तेल मालिश व ही सब्जियाँ, मछली का तेल आदि।
    5. विटामिन E: यह विटामिन, हृदयाघात, पक्षाघात व कैंसर जैसे रोगों से शरीर की रक्षा करता है। विटामिन A का उपयोग करने मे सहायक, शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। स्त्री व पुरूषों की प्रजनन शक्ति को सुदृढ़ करता है।
      स्त्रोत: अंकुरित अनाज क्षार व दाले, हरी सब्जियाँ, तेल व घी।
    6. विटामिन K: यह विटामिन क्षार व धूप में निष्क्रिय हो जाता है। पाचन क्रिया के लिए अत्यन्त आवश्यक आतों के भीतरी बैक्टिरिया का निर्माण, खून के थक्का जमाने में सहायक।
      स्त्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित अनाज, आलू-सोयाबीन, दुग्ध उत्पाद।

    खनिज लवण: खनिज दूसरा सूक्ष्म पोषक तत्व है। इनमें कार्बन नहीं होता है। हमारे शरीर का 1/4 भाग खनिज लवणों का बना होता है। हमारे शरीर में कुल 24 खनिज लवण पाये जाते है। जिनमें प्रमुख निम्नलिखित है:

    1. कैल्शियम: फास्फोरस के साथ मिलकर दांतों व हड्डियों का निर्माण, रक्त- जमाने में सहायक।
      स्त्रोत: दही, दूध, हरी सब्जियाँ, अंडा व माँस
    2. फास्फोरस: दाँतों व हड्डियों के निर्माण में सहायक
      स्त्रोत:  दूध, दही, सब्जियाँ, मौसमी फल आदि।
    3. पोटाशियम: शरीर कोशिकाओं में द्रवों की ठीक दर को बनाए रखना तथा तन्त्रिका तन्त्र को नियमित करना स्त्रोत: अनाज, फल व सब्जियाँ।
    4. सोडियम: स्नायु तन्त्र को ठीक ढंग से कार्य करने में मदद करता है।
      स्त्रोत: - दूध, सब्जिया, सामान्य नमक फल आदि।
    5. मैग्निशयम:  ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करने में सहायक
      स्त्रोत:  अनाज, फल, सब्जियाँ
    6. आयरन: हीमोग्लोबिन, तथा मायोग्लोगिन के निर्माण में सहायता करता है। इसकी कमी से अनीमियां हो जाता है।
      स्त्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियाँ(पालक, मेथी, बथुआ) अनाज, मौसम के फल, दूध आदि।
    7. आयोडीन: थायरॉयड ग्रंथि की उचित क्रिया में सहायक सामान्य चयापचय दर बनाए रखता है।
      स्त्रोत: समुद्रीय खाद्य पदार्थ।
    8. सल्फर: प्रोटीन और विटामिन निर्माण में सहायक
      स्त्रोत: दाल, टमाटर, प्याज आदि।
    9. कॉपर: आहार में अमीनो अम्ल, वसा व ग्लूकोज तत्वों के विघटन में महत्त्वपूर्ण
      स्त्रोत:  दाल, हरी सब्जियाँ व ताजे फल

    जल दैनिक आवश्यकता कम से कम 2000 प्रतिदिन।

    Question 27
    CBSEHHIPEH12036881

    प्रतियोगिता से पहले प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता के पश्चात खिलाड़ी के भोजन में क्या खाद्य-पदार्थ शामिल किये जाने चाहिए? संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।

    Solution

    खेलकूद में प्रदर्शन को बढ़ाने में उचित पोषक पदार्थो को ग्रहण करना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि ऐसा कोई भोजन नहीं है कि जिसे प्रतियोगिता से पहले ग्रहण करके खिलाड़ी का प्रदर्शन उच्चतम स्तर का हो जाए। इसलिए उचित आहार का सेवन ही लाभकारी होता है। प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता से पूर्व ग्रहण किया गया आहार खिलाड़ी के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
    प्रतियोगिता से पूर्व आहार: प्रतियोगिता से पूर्व आहार से सबंधित निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।

    1. चूंकि वसा व मांसाहारी भोजन को पचाने में अधिक समय लगता है तथा शरीर में भारीपन भी रहता है। इसलिए खिलाड़ी को अपनी प्रतियोगिता के 3 या 4 घंटे पूर्व ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए।
    2. खिलाड़ी को अपनी प्रतियोगिता से 2 घंटे पहले कार्बोहाइडेरट युक्त आहार शहद, जैम, आलू, ताजे फल व अनाज के रूप में लेना चाहिए क्योंकि ये शीघ्रता से पचकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है।
    3. गैस निर्मित करने वाले आहार जैसे फूल गोभी आदि का सेवन खिलाड़ी के लिए हानिकारक होता है।
    4. प्रतियोगिता के दिन ज़्यादा लाल मिर्च व मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए।
    5. पानी की मात्रा पर्याप्त पर होनी चाहिए।

    प्रतियोगिता के दौरान आहार:

    1. प्रतियोगिता से कुछ समय (15-45 मिनट) पहले ग्लूकोज पेय का सेवन करना चाहिए जिसमें ग्लूकोज 25 ग्राम एक लीटर पानी में होना चाहिए।
    2. प्रतियोगिता के दौरान सोडियम, कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखने के लिए क्षतिपूर्ति पेय (रिकवरी ड्रिन्क्र) लगभग 2 ग्लास लेमन का सेवन (गर्म देश में) खिलाड़ी को करना चाहिए।
    3. प्रतियोगिता सेआधा घंटा पहले से ताजे फलों का रस, चाय या कॉफी पीना लाभदायक होता है।
    4. सहनशील प्रदर्शन (लंबी दौड़ आदि) के दौरान के बार में 200 ml से ज़्यादा पानी या रिकवरी ड्रिक नहीं पीना चाहिए।

    प्रतियोगिता के बाद का आहार:

    1. प्रतियोगिता के लगभग एक घंटे बाद खिलाड़ी आहार के सभी भोज्य पदार्थो को सामान्य मात्रा में ग्रहण कर सकता है। 

    2. प्रतियोगिता के बाद लंबी दूरी के धावकों को द्रव के रूप में ग्लूकोज पेय, फलो आदि पेय पदार्थो का सेवन करना चाहिए।

    3. प्रतियोगिता के तुरंत बाद भारी आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।

    4. अगली प्रतियोगिता से 30 दिन पूर्व खिलाड़ी को ग्लाइकोजन की मात्रा को एकत्र करना शुरू कर देना चाहिए।

       

       

    Question 28
    CBSEHHIPEH12036882

    बाजार में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों के लिये विभिन्न प्रकार के पूरक आहार उपलब्ध है। बाजार में उपलबध पूरक आहार के विभिन्न तत्वों का उल्लेख कीजिए।

    Solution
    1. खनिज:
      1. आवश्यक खनिज: कैलीशयम, क्लोरीइड, क्रोमियम, आयरन, मैग्निशियम, मैग्नीज, फॉसफोरस, सोडियम, पोटाशियम।
      2. गैर आवशयक खनिज: पलोराइड, जरमिनियम, लिथियम निकल, सिलिकान, सल्फर।
      3. खनिज से सम्बन्धित पूरक आहार आवश्यक खनिज की पूर्ति करते है।
    2. विटामिन:
      1. पानी में घुलनशील: विटामिन B1B2B3B5B6B12 तथा विटामिन C
      2. वसा में घुलनशील विटामिन: विटामिन 'A', विटामिन 'D' विटमिन ' E' विटामिन K
      3. विटामिन से सम्बन्धित पूरक आहार न केवल पानी में घुलनशील विटामिन की पूर्ति करते है अपितु वासा में घुलनशील विटामिन को भी पूर्ति करते है।
    3. रेशे:
      1. घुलनशील रेशे: जौ, जाई
      2. अघुलनशीन रेशे: साबुत अनाज, खाने के लिये तैयार अनाज, गेहूँ को चौकर, फलियां मेवे, बीज, फल, गैर स्टार्य युक्त सब्जियाँ।
      3. रेशो से सम्बन्धित पूरक आहार में रेशे की मात्रा की पूर्ति करते है। इस प्रकार के पूरक आहारो में घुलनशील तथा अघुलनशील दोनों प्रकार के रेशों का इस्तेमाल होता है।
    4. प्रोटीन: विभिन्न प्रकार के अमीनों अम्ल का इस्तेमान विभिन्न प्रकार को प्रोटीन को बनाने में किया जाता है।
      1. अवाश्यक अमीनो अन्न; 9 प्रकार के होते है, जिनकों हमारा शरीर स्वंय तैयार नही कर पाता है जिन्हें हमें आहार के द्वारा लेना होता है। प्रोटीन से सम्बन्धित पूरक आहार सभी 9 प्रकार के अमीनो अम्ल की पूर्ति करते है जो हमें सामान्य आहार के द्वारा नही मिल पाते है।
    5. फैटी एसिड: ओमेगा- 3 फैटी एसिड हमारे परिसंचरण संस्थान के लिये अच्छा होता है। यह बुरे कालस्ट्रोल को खत्म करने में सहायता करता है। फैटी एसिड सम्बब्धी पूरक आहारो में ओमेगा- 3 फैटी एसिड होता है जो हमारे स्वास्थय के लिये अच्छा है।

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