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गति (Speed) से क्या अभिप्राय है?
यह एक व्यक्ति की वह क्षमता है जिसमें वह कम-से-कम समय में दी गई दूरी को तय करता है।
शक्ति (Strength) क्या है?
यह एक व्यक्ति की मांसपेशियों के द्वारा प्रतिरोध का सामना करने की क्षमता है।
दमखम/सहन-क्षमता (Endurance) से आप क्या समझते है?
व्यक्ति की थकान से प्रतिरोध (मुकाबला) करने की क्षमता को दमखम/सहन क्षमता कहते हैं।
तालमेल संबधी योग्यताओं (Co-ordinate Abilities) से क्या अभिप्राय है?
यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें वह हलचलों को क्रमबद्ध तरीके से करने में सक्षम होता है।
शक्ति सहन-क्षमता/शक्ति दमखम (Strength Endurance) से आपका क्या तात्पर्य है?
यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें वह लंबे समय तक बल लगाने में सक्षम होता है। जैसे लंबी दूरी की दौड़े, तैराकी इत्यादि।
गति सहन-क्षमता/ गति दमखम (Speed-Endurance) से क्या अभिप्राय है?
यह व्यक्ति की वह क्षमता है जिसमें वह थकान की स्थिति में भी किसी कार्य को तीव्र गति से 45 सैकंड तक करने में सक्षम होता है। जैसे - 400 मी० दौड़।
त्वरण योग्यता (Acceleration) से आप क्या समझते है?
यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें वह स्थिर अवस्था या धीमी गति से तीव्र गति को प्राप्त करता है उसे त्वरण कहते हैं।
विस्फोटक शक्ति (Explosive Strength) से आप क्या समझते है?
व्यक्ति की वह योग्यता जिसमें वह किसी प्रतिरोध के विरूद्ध तीव्र गति से कार्य करने में सक्षम होता है। वह उसकी विस्फोटक शक्ति कहलाती है।
प्रतिक्रिया योग्यता (Reaction Ability) से आप क्या समझते हैं?
यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें वह किसी संकेत की प्रतिक्रिया शीघ्रता व प्रभावी ढंग से कर पाता है।
क्रिया की गति (Movement Speed) क्या है?
यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें वह कम से कम समय में एक क्रिया को पूर्ण करता है जैसे: मुक्केबाजी, कुश्ती, जिम्नास्टिक आदि।
स्पोर्टस में प्रशिक्षण (Training) का क्या अर्थ है?
अथवा
खेल प्रशिक्षण की धारणा संक्षेप में समझाइए।
किसी खेल अथवा प्रतियोगिता में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई तैयारी को खेल प्रशिक्षण कहा जाता है।
पेस दौड़ों क्या है?
पेस दौड़ों का अर्थ है कि एक दौड़ की पूरी दूरी को एक निश्चित गति से दौड़ना। पेस दौड़ों में एक धावक दौड़ को अपनी एक ही गति से दौड़ता है। उदाहरण 800 मी.।
अनुकूलन (Adaptation) योग्यता किसे कहते है?
अनुकूलन योग्यता: किसी खिलाड़ी द्वारा खेलो के दौरान होने वाले पूर्व-निर्धारित परिवर्तनों के कारण अपनी गतियों के प्रभावशाली समायोजन की योग्यता को अनुकूलन कहते हैं।
अधिकतम शक्ति (Maximum Strength) से आप क्या समझते है?
यह वह योग्यता है जिसमें किसी मांसपेशियों के समूह के द्वारा किसी प्रतिरोध के विरूद्ध अधिकतम बल लगाया जाता है। वह उसकी अधिकतम शक्ति कहलाती है- जैसे-भार उठाना (Weight Lifting), रोमन रिंग आदि।
कंधे के क्षेत्र के लिए किन्ही दो आइसोमीट्रिक व्यायामों का सुझाव दीजिए।
फार्टलेक प्रशिक्षण विधि क्या होती है?
फार्टलेक विधि: यह सहन क्षमता को बढ़ाने की विधि है। इस विधि को 1930 में स्वीडिश कोच 'गोस्ता होल्मर' द्वारा विकसित किया गया था। इसलिए इसे 'स्वीडिश प्ले (Swedish Play)' या 'स्पीड प्ले (Speed Play)' भी कहा जाता है। इस विधि में धावक अपने अनुसार अपनी गति को आसपास के वातावरण के अनुकूल परिवर्तित कर सकता है। इस विधि के द्वारा शक्ति और सहन क्षमता का विकास होता है। खिलाड़ी अपनी गति अपने अनुसार परिवर्तित करता है। अत: यह विधि स्वत: अनुशासति कहलाती है। इसमें हृदय गति प्रति मिनट पहुँच जाती है। फार्टलेक प्रशिक्षण में दौड़ कम ज़्यादा होती रहती है।
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लचक से आप क्या समझते है? लचक के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
अक्रिय व सक्रिय लचक में अंतर स्पष्ट कीजिए?
लचक: शरीर के जोड़ों की गतियों के विस्तार को लोच/लचक कहते है।
संदीप एक फुटबाल/हैंडबॉल की टीम तैयार कर रहा है जिसके लिए उसने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया। प्रशिक्षण देते समय उसने यह महसूस किया कि कुछ खिलाड़ी अच्छे शूटर है परन्तु खेल के मैदान में ज्यादा देर तक टिक नहीं पाते अर्थात् जल्दी थक जाते हैं। अब संदीप इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बढ़ाने का प्रयास करता है।
सहन-क्षमता (Endurance) के प्रकारों का उल्लेख कीजिए?
अथवा
खेलों में उच्च प्रदर्शन करने के लिए सहन क्षमता एक आवश्यक घटक है उल्लेख करें?
त्वरण दौड़ों (ऐक्सलेरेशन रन) एवं पेस रेसे के विषय में लिखिए।
अथवा
गति को विकसित करने की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
गति को विकसित करने की विधियाँ:
परिधि प्रशिक्षण की विशेषताएँ?
परिधि प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics of Circuit Training):
सर्किट ट्रनिंग किसे कहते है? बच्चों के लिए सामान्य फिटनेस बनाए रखने के लिए दस स्टेशनों का प्रशिक्षण सत्र तैयार कीजिए।
सर्किट एक ऐसी प्रशिक्षण विधि है जिसमें विभिन्न व्यायामों को यन्त्रों और बिना यन्त्रों के निश्चित मात्रा में किया जाता है, इसका लक्ष्य शक्ति तथा माँसपेशीय क्षमता बढ़ाना है।
परिधि प्रशिक्षण में भार को कैसे बढ़ाना चाहिए?
परिधि प्रशिक्षण में भार को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ:
लोच/लचक को विकसित करने की विधियों का वर्णन कीजिए?
अथवा
बैलिस्टिक विधि व पोस्ट आइसोमैट्रिक विधि में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
खेल-कूद में लोच/लचक को बनाए रखने के लिए खिंचाव वाले व्यायाम करने चाहिए। निम्न विधियों के द्वारा लोच को विकसित किया जा सकता है:
शक्ति को विकसित करनेकी विधियों का विस्तृत उल्लेख कीजिए।
अथवा
आइसोमेट्रिक, आइसोटोनिक व आइसोकाइनेटिक व्यायामों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
शक्ति को विकसित करने की विधियाँ निम्न है:
आइसोमेट्रिक व्यायाम: आइसोमेट्रिक शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है 'आइसो-समान' 'मेट्रिक-लम्बाई' अर्थात् जब हम इन व्यायामों को करते है तो मांसपेशियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता। इन व्यायामों में किसी भी प्रकार का कार्य होता हुआ दिखाई नहीं पड़ता। जैसे पक्की दीवार को धकेलने की कोशिश करना इन व्यायामों को कहीं पर भी किया जा सकता है एवं इनमें कम उपकरण व समय की आवश्यकता होती है। चोट के दौरान शक्ति को बनाए रखनें में यह व्यायाम सहायक होते है।
उदाहरण; तीरदांजी, भार-उठाना, जिमानस्टिक आदि।
किया गया कार्य = बल x तय की गई दूरी
लेकिन तय की गई दूरी के शून्य होने के कारण, किया गया कार्य भी शून्य माना जाता है।
आइसोटॉनिक व्यायाम: 'आइसो-समान (Same)' और 'टॉनिक-तनाव' इन प्रकारों के व्यायामों में गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से होती हुई दिखाई देती है। मांसपेशियों की लम्बाई बढ़ती है और घटती हुई दिखाई देती है जिसे असेन्ट्रकि (Ecentric) संकुचन और कन्सेन्ट्रिक (Concentric) संकुचन कहते है जैसे किसी बॉल को फेंकना, दौड़ना भागना, इत्यादि। इस प्रकार के संकुचन ज़्यादातर खेल-कूद में देखे जाते हैं। इस प्रकार के व्यायाम को उपकरण के साथ तथा बिना उपकरण के किया जा सकता है। इन व्यायामों से लचक तथा मांसपेशियों की लम्बाई में वृद्धि होती है तथा खेलों में अनुकूलन के लिए सहायक होते हैं।
आइसोकाइनेटिक व्यायाम: 'आइसो-समान' और 'काइनेटिक-गति' इन व्यायामों को सन् 1968 में जे. जे. पेरिन ने बनाया था। इन व्यायामों को विशिष्ट निर्मित मशीनों के द्वारा किया जाता है। इन व्यायामों के द्वारा मांसपेशियों की शक्ति विकसित होती है। ज्यादातरन खेल-कूद में इन व्यायामों का उपयोग नहीं किया जाता है परंतु जल क्रीडा (खेल) स्केटिंग रस्सी पर चढ़ना, नॉव चलाना आदि में यह व्यायाम दिखाई पड़ते है।
खेलो में तालमेल संबंधी योग्यताओं से आप क्या समझते हैं? किन्ही दो योग्यताओं का वर्णन कीजिए?
तालमेल संबंधी योग्यताएँ इन योग्यताओं को कहते है जिसमें की व्यक्ति अपनी गतिविधियों को व्यापक व संतुलित रूप से नियंत्रित कर सकता है। खिलाड़ी इन योग्यताओं के द्वारा गतिविधियों के समूह को प्रभावशाली व अच्छे ढंग से करने में सक्षम होता है। तालमेल संबंधी योग्यताएँ प्राथमिक रूप से केन्द्रिय स्नायु संस्थान (CNS) पर निर्भर करती है।
तालमेल संबंधी योग्यता निम्न प्रकार से है:
तालमेल संबंधी योग्यताओं में सुधार करने की विधियाँ निम्न प्रकार है:
निरन्तर विधि तथा इन्टरवल (अन्तराल) विधि में अन्तर स्पष्ट कीजिए और इनके लाभ भी बताइए।
निरन्तर प्रशिक्षण विधि (Continuous Training Method) इस तरह के व्यायामो को लम्बे समय तक बिना रूके किया जाता है। इसलिए इनमें कार्य करने की प्रबलता (Intensity) कम होती है। खिलाड़ी की हृदय गति व्यायामों के दौरान 140-160 प्रति मिनट होनी चाहिए। तेज निरन्तर विधि में खिलाड़ी की हृदय गति (175-180 प्रति मिनट) पहुँच जाती है। व्यायाम करने की अवधि 30 मिनट से अधिक होता है। इसमें, दौड़ना, पैदल चलना, साइकिल चलाना और क्रॉस-कंट्री दौड़ शामिल है।
लाभ:
इन्टरवल/अन्तराल प्रशिक्षण विधि (Interval Training Method): यह विधि धावकों की सहन क्षमता विकसित करने के लिए बहुत प्रभावशाली है। बार-बार दौड़ के बीच धावकों को अन्तराल दिया जाता है। जिसमें की वह पूरी तरह पुर्नलाभ प्राप्त नहीं करते। इसमें हृदय गति 180 तक पहुँच जाती है तथा जब यह 120 तक वापस आ जाए तो वह दोबारा उस कार्य को करता है।
धावको की हृदय गति को जाँचने के बाद ही प्रशिक्षण भार दिया जाना चाहिए। इसमें मध्यम दूरी की दौड़, फुटबॉल तथा हॉकी इत्यादि शामिल है।
लाभ (Advantages):
(समुद्र से अत्यधिक ऊंचाई पर ट्रेनिंग) हाई एटीटयूड ट्रेनिंग क्या है? एक एथलीट पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है? विवरण दीजिए।
समुद्र तल से अत्यधिक ऊँचाई पर शरीर को ऑक्सीजन की उपलब्धता समुद्र तल की अपेक्षा कम हो जाती है। एक एथलीट हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग के द्वारा यह निर्धारित करता है वह अपने शरीर में अतिरिक्त लाल रक्त कणिकाओं (RBC) का निर्माण कर सके जिससे उस के शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन हो और वह ऑक्सीजन की कमी से निपटने का प्रयास कर सके।
एथलीट पर प्रभाव:
हाईऐल्टिटूड पर एथलीट के लिए युक्तियाँ:
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