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खेलों में प्रशिक्षण

Question
CBSEHHIPEH12037140

शक्ति को विकसित करनेकी विधियों का विस्तृत उल्लेख कीजिए।
अथवा
आइसोमेट्रिक, आइसोटोनिक व आइसोकाइनेटिक व्यायामों में अंतर स्पष्ट कीजिए।

Solution

शक्ति को विकसित करने की विधियाँ निम्न है:

आइसोमेट्रिक व्यायाम: आइसोमेट्रिक शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है 'आइसो-समान' 'मेट्रिक-लम्बाई' अर्थात् जब हम इन व्यायामों को करते है तो मांसपेशियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता। इन व्यायामों में किसी भी प्रकार का कार्य होता हुआ दिखाई नहीं पड़ता। जैसे पक्की दीवार को धकेलने की कोशिश करना इन व्यायामों को कहीं पर भी किया जा सकता है एवं इनमें कम उपकरण व समय की आवश्यकता होती है। चोट के दौरान शक्ति को बनाए रखनें में यह व्यायाम सहायक होते है।
उदाहरण; तीरदांजी, भार-उठाना, जिमानस्टिक आदि।
किया गया कार्य = बल x तय की गई दूरी
लेकिन तय की गई दूरी के शून्य होने के कारण, किया गया कार्य भी शून्य माना जाता है।

आइसोटॉनिक व्यायाम: 'आइसो-समान (Same)' और 'टॉनिक-तनाव' इन प्रकारों के व्यायामों में गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से होती हुई दिखाई देती है। मांसपेशियों की लम्बाई बढ़ती है और घटती हुई दिखाई देती है जिसे असेन्ट्रकि (Ecentric) संकुचन और कन्सेन्ट्रिक (Concentric) संकुचन कहते है जैसे किसी बॉल को फेंकना, दौड़ना भागना, इत्यादि। इस प्रकार के संकुचन ज़्यादातर खेल-कूद में देखे जाते हैं। इस प्रकार के व्यायाम को उपकरण के साथ तथा बिना उपकरण के किया जा सकता है। इन व्यायामों से लचक तथा मांसपेशियों की लम्बाई में वृद्धि होती है तथा खेलों में अनुकूलन के लिए सहायक होते हैं।

आइसोकाइनेटिक व्यायाम: 'आइसो-समान' और 'काइनेटिक-गति' इन व्यायामों को सन् 1968 में जे. जे. पेरिन ने बनाया था। इन व्यायामों को विशिष्ट निर्मित मशीनों के द्वारा किया जाता है। इन व्यायामों के द्वारा मांसपेशियों की शक्ति विकसित होती है। ज्यादातरन खेल-कूद में इन व्यायामों का उपयोग नहीं किया जाता है परंतु जल क्रीडा (खेल) स्केटिंग रस्सी पर चढ़ना, नॉव चलाना आदि में यह व्यायाम दिखाई पड़ते है।

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