शारीरिक शिक्षा Chapter 5 बच्चे तथा खेल
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा

    बच्चे तथा खेल Here is the CBSE ������������������ Chapter 5 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ बच्चे तथा खेल Chapter 5 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ बच्चे तथा खेल Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIPEH12036932

    गामक विकास (Motor Development) को परिभाषित कीजिए?

    Solution

    गामक विकास से अभिप्राय बच्चों की हड्डियों, मांसपेशियों तथा घूमने-फिरने और अपने आसपास के वातावरण में परिवर्तन करने के विकास से है।

    Question 2
    CBSEHHIPEH12036933

    आसन से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    आसन से हमारा अभिप्राय शरीर की उस स्थिति से है जिसमें हमारे शरीर के सभी अंग एक विशेष प्रकार से श्रेणीबद्ध (Aligned) होते है।

    Question 3
    CBSEHHIPEH12036934

    उचित आसन से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    उचित आसन शरीर की वह स्थिति है जिसमें हमारे शरीर के सभी अंग एक दूसरे को ज्यादा सहायता प्रदान करते हैं, उचित प्रकार से श्रेणी बद्ध होते हैं तथा कम ऊर्जा खर्च करके हमारा शरीर अधिक कार्य कर सकता है। उचित आसन की स्थिति में संतुलन अच्छा होता है तथा थकावट कम होती है।

    Question 4
    CBSEHHIPEH12036935

    कूबड़ पीछे को (Kyphosis) क्या है?
    अथवा
    हम्प बैक (Hump Back) से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारे शरीर की रीढ़ की अस्थियों का थोरासिक क्षेत्र (Thoracic Region) का वक्र पीछे की ओर अधिक बढ़ जाए कूबड़ पीछे को (Kyphosis) कहलाती है। कूबड़ पीछे की जटिल स्थिति को हम हम्प बैक (Hump Back) के नाम से भी जानते है।

    Question 5
    CBSEHHIPEH12036936

    कूबड़ आगे को (Iordosis) क्या है?
    अथवा
    होलो बैक  (Hollow Back) क्या हैं?

    Solution

    शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारे शरीर की रीढ़ की अस्थियों का लम्बर क्षेत्र (Lumber Region) का वक्र आगे की ओर अधिक बढ़ जाता है कूबड़ आगे को कहलाती है। इस स्थिति को हम होलो बैक (Hollow Back) के नाम से भी जानते है।

    Question 6
    CBSEHHIPEH12036937

    स्कोलियोसिस (Scolisis) क्या होता है?

    Solution

    शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारी रीढ़ की अस्थियाँ अपनी मध्य रेखा से दाई ओर अथवा बाई ओर झूक जाती हैं वह स्कोलियोसिस कहलाती है। स्कोलियोसिस दो प्रकार का होता है। 'C' वक्र स्कोलियोसिस तथा 'S' वक्र स्कोलियोसिस।

    Question 7
    CBSEHHIPEH12036938

    घुटनों का आपस में टकराना (Knock Knee) क्या होता है?
    अथवा
    धनुर्जानु (Genu Valgum) क्या होता है?

    Solution

    यह वह आसन संबंधी विकृति है जिसमें घुटने अन्दर की तरफ मुड़कर अवतल (Concave) आकृति ले लेते हैं। जिसके कारण दोनों घुटनों के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है तथा घुटने एक दूसरे को स्पर्श करने लगते हैं।

    Question 8
    CBSEHHIPEH12036939

    चपटे पैर (Flat Foot) क्या होते हैं?

    Solution

    पैर (Foot) की लम्बी चाप का गायब हो जाना चपटे पैर (Flat Foot ) कहलाता है। इस स्थिति में हमारे पैर मध्य भाग जमीन को स्पर्श करने लगते है।

    Question 9
    CBSEHHIPEH12036940

    गोल (Round Shoulders) कन्धे क्या होते हैं?

    Solution

    इस आसन संबंधी विकृति में कंधे गोल होकर आगे की ओर झुक जाते हैं।

    Question 10
    CBSEHHIPEH12036941

    धनुषाकार टांगे (Bowlegs) क्या होती है?

    Solution

    यह एक आसन संबंधी विकृति है जिसमें व्यक्ति की टांगे बाहर की ओर मुड़कर उतल (Convex)आकृति ले लेती है। जिसके कारण घुटनों के बीच की दूरी सामान्य से अधिक हो जाती है तथा टांगे धनुषाकार नजर आने लगती हैं।

    Question 11
    CBSEHHIPEH12036942

    भार प्रशिक्षण से होने वाली हानियाँ बताइए।

    Solution
    1. चोटों का खतरा: अत्याधिक और गलत तरीके से किए गए व्यायाम चोटो और दर्द का कारण बनते है।
    2. लचक के कमी: यदि भार प्रशिक्षण व्यायामों के साथ लोचवर्धक व्यायाम न किए जाए तो इनसे शरीर में लचीलेपन की कमी हो सकती है।
    3. परिपक्वता (Maturity): बच्चों का भार प्रशिक्षण तब तक शुरू नहीं करना चाहिए जब तक वे शारीरिक और भावनात्मक रूप इसे करने में परिपक्व नहीं हो जाते क्योंकि अपरिपक्वता बच्चों में गंभीर चोटों और विकृतियों का कारण बनती है।
    4. वृद्धि: अत्यधिक भार प्रशिक्षण बच्चों की सामान्य वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
    5. साथी की आवश्यकता: इन व्यायामों को बच्चे बिना किसी साथी की सहायता से अच्छी प्रकार नहीं कर पाते।
    Question 12
    CBSEHHIPEH12036943

    उचित आसन की विशेषताएँ लिखिए?

    Solution
    1. शरीर के सभी अंग अच्छी श्रेणीबद्धता में होते हैं जिससे शरीर के सभी अंग एक दूसरे की ज़्यादा सहायता प्रदान करते हैं।
    2. शरीर का भार दोनों पैरों पर बराबर विभाजित होता है।
    3. शरीर का संतुलन अच्छा होता है।
    4. शरीर के सभी अंगों का गुरूत्चाकर्षण केन्द्र उस काल्पनिक रेखा के नजदीक होता है जो शरीर के मध्य से होकर गुजरती है।
    5. थकावट कम होती है।
    6. कम ऊर्जा खर्च करके अधिक कार्य कर सकते हैं।
    7. शरीर के विभिन्न अंगों के बीच अच्छा तालमेल होता है।
    Question 13
    CBSEHHIPEH12036944

    कूबड़ पीछे को (kyphosis) के लक्षण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।

    Solution

    लक्षण (Symptom):

    1. स्कैप्यूला के बीच की दूरी बढ़ जाती है।
    2. कंधे आगे की ओर झुक जाते हैं।
    3. छाती की मांसपेशियों (Pectorals) की लम्बाई छोटी हो जाती है।
    4. गर्दन आगे की ओर झुक जाती है।
    5. पूरा शरीर आगे की ओर झुका प्रतीत होता है।
    6. संतुलन खराब हो जाता है।

    सुधारात्मक व्यायाम: कूबड़ पीछे को उपचारित करने के लिये हमें उन व्यायामों का प्रयोग करना चाहिए जिनको करने से हमारी छाती की मांसपेशियों की लम्बाई में वृद्धि हो तथा थोरासिक क्षेत्र की, पीठ की मांसपेशियों की शक्ति में वृद्धि होती हो जैसे कि:

    1. चक्रासन
    2. भुजंगासन
    3. धर्नुरासन
    4. स्विस बाल पर विपरीत दिशा में मुड़ना (पीछे को)
    5. विपरीत दिशा में वाटरफ्लाई करना
    6. तकिये की सहायता से गदर्न की एक्सटेंशन करना
    7. मर्जयासन (Cat Pose) करना
    8. उष्ट्रासन (Camal Pose) करना
    9. अर्धचक्रासन (Half-Wheel ) करना

    Question 14
    CBSEHHIPEH12036945

    स्कॉलिओसिस (Scoliosis) के लक्षण तथा सुधारात्मक उपायों का वर्णन कीजिए।

    Solution

    लक्षण (Symptoms):

    1. एक कंधा ऊँचा तथा एक नीचे हो जाता है।
    2. एक कूल्हा ऊपर तथा एक नीचे हो जाता है।
    3. शरीर का वजन एक पैर पर ज्यादा तथा एक पर कम हो जाता है।
    4. शरीर सीधा न होकर एक ओर झुका हुआ प्रतीत होता है।

    सुधारात्मक उपाय:

    1. तैराकी (Breast Stroke)
    2. त्रिकोण आसन करना
    3. लटकना
    4. तख्त (Plank) व्यायाम करना
    5. ऐसे व्यायाम करना जिसमें नीचे वाला कंधा ऊपर जाये तथा ऊपर वाला कंधा नीचे जाये।
    6. अधोमुख श्वान आसन

    Question 15
    CBSEHHIPEH12036946

    कूबड (Lordosis) आगे के लक्षण तथा सुधारात्मक उपाय का वर्णन कीजिए।

    Solution

    लक्षण (Symptoms):

    1. कूल्हे (Pelvis) आगे की ओर तथा नीचे की ओर झुक जाते हैं।
    2. पीठ की लम्बर क्षेत्र () की मांसपेशियों की लम्बाई छोटी हो जाती है।
    3. उदर क्षेत्र की मांसपेशियों की लम्बाई बढ़ जाती है।

    सुधारात्मक व्यायाम:

    1. कूबड़ आगे को उपचारित करने के लिए हमें उन व्यायामों को करना चाहिए जिनको करते समय उदर क्षेत्र की मांसपेशियोंकी शक्ति में वृद्धि होती हो तथा लम्बर क्षेत्र की पीठ की मांसपेशियोंकी लम्बाई में वृद्धि होती हो
    2. सिट अप्स लगाना- पैर सीधे करके, घुटने मोड़ कर
    3. हलासन करना
    4. पश्चिमोत्तानासन करना
    5. साईकिलिंग करना
    6. तिरछे करनचेज व्यायाम (Oblique Crunches)
    7. लंजस व्यायाम करना
    8. माऊंटेन क्लाबिंग व्यायाम करना (Mountain Climbing)
    9. ऊंची कूद करतेहुए घुटनेछाती से लगाना
    10. पैर के अंगूठे की बारी-बारी छूना
    11. आगे की तरफ झुककर व्यायाम करना

    Question 16
    CBSEHHIPEH12036947

    घुटनों (Knock-Knee) के आपस में टकराना के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।

    Solution

    लक्षण (Symptoms):

    1. खड़े रहने की स्थिति में दोनों घुटने आपस में स्पर्श करने लगते हैं।
    2. चलते समय घुटने आपस में स्पर्श करते हैं।
    3. दौड़ते समय घुटने आपस में स्पर्श करते हैं।

    कारण:

    1. मोटापा
    2. विटामिन डी की कमी
    3. रिकेटस नामक रोग
    4. समय से पहले बच्चों की चलाना
    5. कुपोषण
    6. घुटने के मिडिल लिंगामेंट का लेटरल लिंगामेट की अपेक्षा में ज्यादा विकसित होना
    7. लम्बे समय तक भारी बोझा उठाना

    सुधारात्मक उपाय:

    1. घुड़सवारी करना
    2. फुटबाल खेल में साईड किक (Side Kick) करना
    3. पद्मासन करना
    4. दोनों घुटनों के बीच तकिया लगाकर खड़े होना 
    5. वाकिंग कैलिपरस (Walking Calipers) का इस्तेमाल करना
    6. घुटनों के नीचे तौलिया रखकर पैर सीधा रखकर तकिये को घुटनों से नीचे की ओर दबाना
    7. पैर को सीधा रखकर उसे उठाना

    Question 17
    CBSEHHIPEH12036948

    धनुषाकार (Bow Legs) टांगों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।

    Solution

    लक्षण (Symptoms):

    1. दोनों घुटनों के बीच की दूरी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है।
    2. खड़े होने की स्थिति में, चलने की स्थिति में तथा दौड़ने की स्थिति में घुटने बाहर की ओर घूम जाते है।
    3. टांगों की आकृति धनुषाकार हो जाती है।

    कारण (Causes):

    1. घुटनों के लेटरल लिंगामेट (Lateral Ligament) का (Medial Ligament) मिडियल लिंगामेंट की अपेक्षा ज्यादा बढ़ जाना।
    2. हड्डियों का तथा मांसपेशियों का कमज़ोर हो जाना।
    3. लम्बे समय तथा सुखआसन में बैठना।
    4. गलत तरीके से चलना।
    5. मोटापा।
    6. बालक को समय से पहले खड़ा करना अथवा चलाना।

    सुधारात्मक उपाय:

    1. वाकिंग कैलिर्पस (Walking Calipers) का इस्तेमाल करना।
    2. घुटनों की मालिश करना।
    3. घुटनों के आसपास की मांसपेशियों की शक्ति को बढ़ाने वाले व्यायाम करना जैसे लैग एक्सटेन्सन (Leg Extension) करना।
    4. योग पट्टियों की सहायता से दोनों पैरों को सीधा करके बांधे और फिर गौ आसान की स्थिति को बनाना।
    5. पिलेट्स व्यायाम करना जैसे कि रोल आप (Roll up) बेलरिना आर्म (Bellerina Arms)।
    6. गरुड़ आसान करना।
    7. अर्ध मत्सेन्द्र आसन करना।

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    Question 18
    CBSEHHIPEH12036949

    चपटों पैरों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।

    Solution

    लक्षण (Symptoms):
    1. चलते समय तथा खड़े होते समय पैर (Feet) के मध्य भाग में दर्द होना।
    2. पैर की लम्बी चाप का खत्म हो जाना।
    3. पैरों को गीला करके यदि फर्श पर रखा जाये तो पूरे पैर का निशान (Foot-Print) देखा जा सकता है।

    कारण (Causes):

    1. मांसपेशियों तथा हड्डियों की कमज़ोरी
    2. अधिक भार (Over Weight) होना
    3. मोटापा
    4. लम्बे समय तक भारी बोझा उठाना
    5. चोट
    6. कुपोषण
    7. खराब जूते

    सुधारात्मक उपाय:

    1. पैरों से लिखना
    2. रेत पर चलना तथा दौड़ना
    3. पंजों पर कूदना
    4. उचित प्रकार के जूते पहनना
    5. जमीन पर गिरे हुए छोटे पत्थर के टुकड़ो को पैरों से उठाना
    6. पंजो पर चलना
    7. ताड़ आसन करना
    8. व्रजासन करना
    9. गेंद के ऊपर चलने वाले खेल
    10. जूते के मध्य भाग में रूमाल रखकर पहनना

    Question 19
    CBSEHHIPEH12036950

    गोल कंधों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए?

    Solution

    लक्षण (Symtpoms):

    1. कंधे गोल होकर आगे की ओर झुक जाते हैं।
    2. गर्दन आगे की ओर झुक जाती है।
    3. नीचे की झुके हुए कंधे।

    कारण (Causes):

    1. गलत आदत
    2. जकड़े हुए कपड़े
    3. खराब फर्नीचर
    4. व्यवसाय

    सुधारात्मक उपाय:

    1. धर्नुरासन
    2. चक्रासन
    3. भुजंगासन
    4. स्विस बाल पर विपरीत दिशा में पीछे की ओर कंधों को मोड़ना
    5. विपरीत दिशा में बटरफ्लाई करना
    6. मर्जयासन (Cat Pose) करना
    7. उष्ट्रासन (Camel Pose) करना
    8. अर्ध चक्रासन (Half Wheel) करना
    9. रस्सी या रॉड पर लटकना

    Question 20
    CBSEHHIPEH12036951

    भार प्रशिक्षण किस प्रकार बच्चे की कार्य कुशलता में सुधार करता है वर्णन कीजिए?
    अथवा
    भार प्रशिक्षण के लाभ बताइए।

    Solution
    1. आसन और गति-विस्तार में सुधार (Improve the Posture and Range of Motion):  भार प्रशिक्षण विधि अच्छा आसन बनाने में मदद करती है और मांसपेशीयों में वृद्धि गति के विस्तार के लिए भी भार प्रशिक्षण द्वारा की जा सकती है।
    2. मांसपेशीय शक्ति, अस्थि घनत्व और सहनक्षमता में वृद्धि (Increase Muscles Strength, Bone Density, Endurance):  प्रतिरोधक क्षमता का प्रशिक्षण अस्थि घनत्व और मांसपेशीय द्रव्यमान में सुधार करता है, अधिक मांसपेशीय द्रव्यमान (Muscle Mass) होने से सहनक्षमता में वृद्धि होती है।
    3. चोटों से बचाव: भार प्रशिक्षण शारीरिक क्रियाकलाप और चोटो से बचाव करता है।
    4. रक्त-चाप और कोलेस्ट्रोल स्तर में सुधार: शारीरिक व्यायाम रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रशिक्षण के द्वारा खराब कोलेस्ट्रोल स्तर (Bad Cholestrol Level) को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रोल स्तर को बढ़ाता है, यह रक्त परिसंचरण स्तर में वृद्धि करता है।
    5. रोग प्रतिरोधक तंत्र (Immune System) में सुधार: पाचन तंत्र द्वारा विजातिय द्रव्य और एन्ज़ाइम को दूर किया जाता है। शरीर के अवयवों द्वारा भली प्रकार से कार्य करना जिससे बिमारियों और संक्रामक तत्वों से शरीर अच्छे प्रकार से लड़ सकता है।
    6. मनोवैज्ञानिक व सामाजिक सुयोग्यता में सुधार: एक बच्चे का स्वस्थ शरीर जो समाज द्वारा स्वीकार्य है। सशक्त कार्य को करने में मदद करता है। एक सुयोग्य स्वस्थ शरीर बच्चों के आत्म विश्वास व आत्म सम्मान में वृद्धि करता है।
    Question 21
    CBSEHHIPEH12036952

    गति विकास के विभिन्न चरण समझाइए?
    अथवा
    बच्चों के बाल्यावस्था में गामक विकास पर चर्चा कीजिए।

    Solution

    बच्चों में गामक विकास अध्ययन वाल्यावस्था के निम्नलिखित तीन चरणों में किया जा सकता है।

    प्रारंभिक अवस्था (Early Childhood): इस अवस्था की अवधि दूसरे वर्ष से प्रांरभ होती है तथा छठे वर्ष तक चलती है। इस अवधि के दौरान गामक विकास अधिक तेजी से होता है। इसे 'विद्यालय पूर्व अवधि ' कहा जाता है।
    (क) इस अवधि के दौरान बालक दौड़ने- कूदने, फेंकने जैसी मूलभूत गतिविधयों में निपुण हो जाता है।
    (ख) इस अवधि के दौरान सीढ़ी पर चढ़ने की क्षमता में दक्षता आ जाती है।
    (ग) इस अवधि में बच्चें के कदमों की लम्बाई बढ़ जाती है और उनके दौड़ने का तरीका परिपक्व हो जाता है।
    (घ) वे कुशलता पूर्वक उछल तथा दौड़ सकते है।
    (ड्) जिमनास्टिक ओर तैराकी जैसे खेलों का प्रशिक्षण इस उम्र में शुरू किया जा सकता है।

     

    मध्यकाल (Middle Childhood): यह अवस्था 7 वर्ष से 10 वर्ष की आयु तक रहती है। इस आयु में बालक में परिर्वतन होतें है।
    (क) बच्चे क्रियाशील और स्फूर्तिमान हो जाते है।
    (ख) विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की प्रबल इच्छा होती है।
    (ग) आँख, हाथों और पैरो में समन्वय।
    (घ) आसन और संतुलन अच्छा बना रहता है।
    (ड्) स्थिर व उत्तम गामक कौशल।
    (च) मेल जोल करने की योग्यता में विकास का स्तर उच्चतम होता है जबकि लचक में विकास धीरे- धीरे होता है।

    उत्तर बाल्यावस्था (Late Childhood): यह अवस्था 11 से 12 वर्ष की आयु तथा अथवा लैंगिक रूप से परपिक्व होने के प्रारंभ तक रहती है।
    (क) इस अवधि में लड़किया अपने मासिक धर्म के समय पूर्व आरंभ होने के कारण लड़के की अपेक्षा अस्थाई रूप से अधिक लंबी तथा स्थूल होती है।
    (ख) लड़को तथा लड़कियों की शारीरिक शक्ति में अंतर प्रारंभ हो जाता है।
    (ग) अधिकतर बच्चे सर्वाधिक जटिल गामक कौशलों में महारत हासिल कर लेते है।
    (घ) वे युक्तियों तथा अधिक जटिल खेल सीखने के लिए तैयार हो जाते है।
    (ड) दौड़ने व कूदने की गतिविधियाँ, गुणात्मक तथा संख्यात्मक रूप से इस अवस्था में तेजी से विकसित होती है।

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