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गामक विकास (Motor Development) को परिभाषित कीजिए?
गामक विकास से अभिप्राय बच्चों की हड्डियों, मांसपेशियों तथा घूमने-फिरने और अपने आसपास के वातावरण में परिवर्तन करने के विकास से है।
आसन से आप क्या समझते हैं?
आसन से हमारा अभिप्राय शरीर की उस स्थिति से है जिसमें हमारे शरीर के सभी अंग एक विशेष प्रकार से श्रेणीबद्ध (Aligned) होते है।
उचित आसन से आप क्या समझते हैं?
उचित आसन शरीर की वह स्थिति है जिसमें हमारे शरीर के सभी अंग एक दूसरे को ज्यादा सहायता प्रदान करते हैं, उचित प्रकार से श्रेणी बद्ध होते हैं तथा कम ऊर्जा खर्च करके हमारा शरीर अधिक कार्य कर सकता है। उचित आसन की स्थिति में संतुलन अच्छा होता है तथा थकावट कम होती है।
कूबड़ पीछे को (Kyphosis) क्या है?
अथवा
हम्प बैक (Hump Back) से आप क्या समझते हैं?
शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारे शरीर की रीढ़ की अस्थियों का थोरासिक क्षेत्र (Thoracic Region) का वक्र पीछे की ओर अधिक बढ़ जाए कूबड़ पीछे को (Kyphosis) कहलाती है। कूबड़ पीछे की जटिल स्थिति को हम हम्प बैक (Hump Back) के नाम से भी जानते है।
कूबड़ आगे को (Iordosis) क्या है?
अथवा
होलो बैक (Hollow Back) क्या हैं?
शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारे शरीर की रीढ़ की अस्थियों का लम्बर क्षेत्र (Lumber Region) का वक्र आगे की ओर अधिक बढ़ जाता है कूबड़ आगे को कहलाती है। इस स्थिति को हम होलो बैक (Hollow Back) के नाम से भी जानते है।
स्कोलियोसिस (Scolisis) क्या होता है?
शरीर की वह स्थिति जिसमें हमारी रीढ़ की अस्थियाँ अपनी मध्य रेखा से दाई ओर अथवा बाई ओर झूक जाती हैं वह स्कोलियोसिस कहलाती है। स्कोलियोसिस दो प्रकार का होता है। 'C' वक्र स्कोलियोसिस तथा 'S' वक्र स्कोलियोसिस।
घुटनों का आपस में टकराना (Knock Knee) क्या होता है?
अथवा
धनुर्जानु (Genu Valgum) क्या होता है?
यह वह आसन संबंधी विकृति है जिसमें घुटने अन्दर की तरफ मुड़कर अवतल (Concave) आकृति ले लेते हैं। जिसके कारण दोनों घुटनों के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है तथा घुटने एक दूसरे को स्पर्श करने लगते हैं।
चपटे पैर (Flat Foot) क्या होते हैं?
पैर (Foot) की लम्बी चाप का गायब हो जाना चपटे पैर (Flat Foot ) कहलाता है। इस स्थिति में हमारे पैर मध्य भाग जमीन को स्पर्श करने लगते है।
गोल (Round Shoulders) कन्धे क्या होते हैं?
इस आसन संबंधी विकृति में कंधे गोल होकर आगे की ओर झुक जाते हैं।
धनुषाकार टांगे (Bowlegs) क्या होती है?
यह एक आसन संबंधी विकृति है जिसमें व्यक्ति की टांगे बाहर की ओर मुड़कर उतल (Convex)आकृति ले लेती है। जिसके कारण घुटनों के बीच की दूरी सामान्य से अधिक हो जाती है तथा टांगे धनुषाकार नजर आने लगती हैं।
भार प्रशिक्षण से होने वाली हानियाँ बताइए।
उचित आसन की विशेषताएँ लिखिए?
कूबड़ पीछे को (kyphosis) के लक्षण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।
लक्षण (Symptom):
सुधारात्मक व्यायाम: कूबड़ पीछे को उपचारित करने के लिये हमें उन व्यायामों का प्रयोग करना चाहिए जिनको करने से हमारी छाती की मांसपेशियों की लम्बाई में वृद्धि हो तथा थोरासिक क्षेत्र की, पीठ की मांसपेशियों की शक्ति में वृद्धि होती हो जैसे कि:
स्कॉलिओसिस (Scoliosis) के लक्षण तथा सुधारात्मक उपायों का वर्णन कीजिए।
लक्षण (Symptoms):
सुधारात्मक उपाय:
कूबड (Lordosis) आगे के लक्षण तथा सुधारात्मक उपाय का वर्णन कीजिए।
लक्षण (Symptoms):
सुधारात्मक व्यायाम:
घुटनों (Knock-Knee) के आपस में टकराना के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।
लक्षण (Symptoms):
कारण:
सुधारात्मक उपाय:
धनुषाकार (Bow Legs) टांगों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।
लक्षण (Symptoms):
कारण (Causes):
सुधारात्मक उपाय:
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चपटों पैरों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए।
लक्षण (Symptoms):
1. चलते समय तथा खड़े होते समय पैर (Feet) के मध्य भाग में दर्द होना।
2. पैर की लम्बी चाप का खत्म हो जाना।
3. पैरों को गीला करके यदि फर्श पर रखा जाये तो पूरे पैर का निशान (Foot-Print) देखा जा सकता है।
कारण (Causes):
सुधारात्मक उपाय:
गोल कंधों के लक्षण, कारण तथा सुधारात्मक उपाय लिखिए?
लक्षण (Symtpoms):
कारण (Causes):
सुधारात्मक उपाय:
भार प्रशिक्षण किस प्रकार बच्चे की कार्य कुशलता में सुधार करता है वर्णन कीजिए?
अथवा
भार प्रशिक्षण के लाभ बताइए।
गति विकास के विभिन्न चरण समझाइए?
अथवा
बच्चों के बाल्यावस्था में गामक विकास पर चर्चा कीजिए।
बच्चों में गामक विकास अध्ययन वाल्यावस्था के निम्नलिखित तीन चरणों में किया जा सकता है।
प्रारंभिक अवस्था (Early Childhood): इस अवस्था की अवधि दूसरे वर्ष से प्रांरभ होती है तथा छठे वर्ष तक चलती है। इस अवधि के दौरान गामक विकास अधिक तेजी से होता है। इसे 'विद्यालय पूर्व अवधि ' कहा जाता है।
(क) इस अवधि के दौरान बालक दौड़ने- कूदने, फेंकने जैसी मूलभूत गतिविधयों में निपुण हो जाता है।
(ख) इस अवधि के दौरान सीढ़ी पर चढ़ने की क्षमता में दक्षता आ जाती है।
(ग) इस अवधि में बच्चें के कदमों की लम्बाई बढ़ जाती है और उनके दौड़ने का तरीका परिपक्व हो जाता है।
(घ) वे कुशलता पूर्वक उछल तथा दौड़ सकते है।
(ड्) जिमनास्टिक ओर तैराकी जैसे खेलों का प्रशिक्षण इस उम्र में शुरू किया जा सकता है।
मध्यकाल (Middle Childhood): यह अवस्था 7 वर्ष से 10 वर्ष की आयु तक रहती है। इस आयु में बालक में परिर्वतन होतें है।
(क) बच्चे क्रियाशील और स्फूर्तिमान हो जाते है।
(ख) विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की प्रबल इच्छा होती है।
(ग) आँख, हाथों और पैरो में समन्वय।
(घ) आसन और संतुलन अच्छा बना रहता है।
(ड्) स्थिर व उत्तम गामक कौशल।
(च) मेल जोल करने की योग्यता में विकास का स्तर उच्चतम होता है जबकि लचक में विकास धीरे- धीरे होता है।
उत्तर बाल्यावस्था (Late Childhood): यह अवस्था 11 से 12 वर्ष की आयु तथा अथवा लैंगिक रूप से परपिक्व होने के प्रारंभ तक रहती है।
(क) इस अवधि में लड़किया अपने मासिक धर्म के समय पूर्व आरंभ होने के कारण लड़के की अपेक्षा अस्थाई रूप से अधिक लंबी तथा स्थूल होती है।
(ख) लड़को तथा लड़कियों की शारीरिक शक्ति में अंतर प्रारंभ हो जाता है।
(ग) अधिकतर बच्चे सर्वाधिक जटिल गामक कौशलों में महारत हासिल कर लेते है।
(घ) वे युक्तियों तथा अधिक जटिल खेल सीखने के लिए तैयार हो जाते है।
(ड) दौड़ने व कूदने की गतिविधियाँ, गुणात्मक तथा संख्यात्मक रूप से इस अवस्था में तेजी से विकसित होती है।
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