शारीरिक शिक्षा Chapter 11 मनोविज्ञान और खेल
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा

    मनोविज्ञान और खेल Here is the CBSE ������������������ Chapter 11 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ मनोविज्ञान और खेल Chapter 11 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ मनोविज्ञान और खेल Chapter 11 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIPEH12037090

    तनाव से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    तनाव शरीर की वह स्थिति है जिसमें किसी माँग के कारण शरीर का होमोअस्टेसिस (Homeostatis) बिगड़ जाता है जिसके कारण शरीर का शारीरिक तथा मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।
    स्थिति में बदलाव उत्पन्न होता है → घातक उत्तेजक → होमोअस्टेसिस का बिगड़ना → तनाव

    Question 2
    CBSEHHIPEH12037091

    तनाव कितने प्रकार का होता है?

    Solution

    तनाव दो प्रकार का होता है:

    1. तीक्षण तनाव (Acute Stress): इस प्रकार का तनाव बहुत छोटी अवधि के लिये उत्पन्न होता है। परन्तु इसकी तीव्रता बहुत तेज होती है। यह कम नुकसान पहुँचाता है।
    2. दीर्घकालिक तनाव (Chroni Stress): इस प्रकार तनाव लम्बे समय तक चलता है परन्तु इसकी तीव्रता कम होती है। यह ज्यादा हानिकारक होता है।

    Question 3
    CBSEHHIPEH12037092

    सामना करने की युक्तियों अथवा मुकाबला करने से क्या अभिप्राय है?

    Solution

    सामना करने से हमारा अभिप्राय उन व्यवहारात्मक तथा मनोवैज्ञानिक बदलावों से है जिनके माध्यम से हम कठिन से कठिन तनावपूर्ण स्थिति के साथ भी समायोजन कर सकते है।

    Question 4
    CBSEHHIPEH12037093

    व्यक्तित्व से आप क्या समझते है?

    Solution

    व्यक्तित्व शब्द लैटिन शब्द परसोना (Persona) से लिया गया है जिसका अर्थ है मुखौटा,अर्थात् व्यक्तित्व वह मुखौटा है जिसे लगा कर व्यक्ति अपने वातावरण के सम्पर्क में आता है। किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसके शारीरिक गुण, मानसिक गुण, सामाजिक गुण, भावनात्मक गुण, रूचियाँ, व्यवहार, योग्यताएँ आदि सभी विशेषताएँ आती है जिनके साथ व्यक्ति अपने वातावरण के सम्पर्क में आता है।

    Question 5
    CBSEHHIPEH12037094

    व्यक्तित्व की परिभाषा लिखिए?

    Solution

    ''व्यक्ति की बनावट, व्यवहार का ढंग, रुचियाँ , सामर्थ्य तथा स्तर से व्यक्तित्व की परिभाषा दी जाती है'' (Munn)।
    ' सभी जैविक गुण, विचार, रूझान, स्तर, इच्छाओं तथा अनुभव से अर्जित रूझानों का कुल योग व्यक्तित्व कहलाता है। (Morton Prince) 

    Question 6
    CBSEHHIPEH12037095

    आक्रामकता से आप क्या समझते है?

    Solution

    कोई भी शारीरिक तथा मौखिक व्यवहार जिसका लक्ष्य दूसरे खिलाड़ी को शारीरिक रूप से अथवा मनोवैज्ञानिक रूप से नुकसान पहुँचाना होता है।

    Question 7
    CBSEHHIPEH12037096

    शत्रुतापूर्ण आक्रामकता से आप क्या समझते है?

    Solution

    कोई भी शारीरिक व्यवहार जिसका लक्ष्य जान-बूझ कर दूसरे खिलाड़ी को शारीरिक नुकसान पहुँचाना होता है शत्रुतापूर्ण आक्रामकता कहलाता है।

    Question 8
    CBSEHHIPEH12037097

    अभिप्रेरणा क्या होता है? 

    Solution

    प्रेरणा शब्द लेटिन शब्द ''मोवियर'' से लिया गया है जिसका अर्थ है ''चलना'' अर्थात् अभिप्रेरणा वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति अंदरूनी शक्तियों तथा बहारी शक्तियों से प्रेरित होकर लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है।

    Question 9
    CBSEHHIPEH12037098

    आत्म सम्मान से आप क्या समझते हो?

    Solution

    आत्म सम्मान से हमारा अभिप्राय है कि हम अपने आप का कितना सम्मान करते है। व्यक्ति के द्वारा किया गया आत्म-सम्मान उसकी शारीरिक छवि, मानसिक योग्यताओं, सामाजिक गुणों तथा भावनात्मक गुणों से प्रभावित होता है।

    Question 10
    CBSEHHIPEH12037099

    शारीरिक छवि से क्या अभिप्राय है?

    Solution

    शारीरिक छवि से हमारा अभिप्राय यह है कि हम अपनी शारीरिक बनावट के बारे में क्या सोचते है अर्थात् हम अपनी शारीरिक बनावट से संतुष्ट हैं अथवा नहीं।

    Question 11
    CBSEHHIPEH12037100

    बाह्य आक्रामकता से आप क्या समझते है?

    Solution

    कोई भी शारीरिक व्यवहार जिससे किसी दूसरे खिलाड़ी को शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाए जाए परन्तु वह जान-बूझ न किया गया हो अपितु अच्चतम प्रदर्शित की प्राप्ति हेतु किया गया हो बाह्य आक्रामकता कहलाता है।

    Question 12
    CBSEHHIPEH12037101

    मुखर व्यवहार आक्रामकता से आप क्या समझते है?

    Solution

    कोई भी मौखिक व्यवहार जिससे किसी दूसरे खिलाड़ी को मनोवैज्ञानिक रूप से नुकसान पहुँचाया जाए मुखर व्यवहार आक्रामकता कहलाता है। मुखर व्यवहार सामान्यत वैद्य तरीको से किया जाता है तथा इसमें नियमों को नहीं तोड़ा जाता है।

    Question 13
    CBSEHHIPEH12037102

    आक्रामकता के प्रकारों को बताइए।

    Solution
    1. शत्रुतापूर्ण आक्रामकता (Hostile Aggression): कोई भी शारीरिक व्यवहार जिसका एक मात्र लक्ष्य किसी दूसरे खिलाड़ी को शारीरिक रूप से जान-बूझ कर नुकसान पहुँचाना होता है। उदाहरण के लिए जान-बूझ कर किसी खिलाड़ी को हॉकी स्टिक से घायल करना।
    2. बाह्य आक्रामकता (Instrumental Aggression): कोई भी शारीरिक व्यवहार जिससे किसी दूसरे खिलाड़ी को शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचता हो परन्तु यह व्यवहार जान-बूझ कर न किया गया हो अपितु उच्चतम प्रदर्शित की प्राप्ति के लिए किया गया है। उदाहरण के लिए हॉकी स्टिक से अनजाने में किसी दूसरे खिलाड़ी का घायल होना।
    3. मुखर व्यवहार आक्रामकता (Assertive Aggression): वह मौखिक व्यवहार जिससे किसी खिलाड़ी को मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुँचाया जाता है मुखर व्यवहार आक्रमकता कहलाता है। मुखर व्यवहार हमेशा नियमों के दायरे में रह कर किया जाता है। उदाहरण के लिए क्रिकेट खेलते समय बोले जाने वाली टिप्पणियाँ।
    Question 15
    CBSEHHIPEH12037104

    समस्या केंद्रित स्थिति से सामना करने की युक्तियों का वर्णन कीजिए।

    Solution
    1. अपनी योग्यताओं को समझना।
    2. आत्मविश्वास को मजबूत करना।
    3. लक्ष्य को दोबारा से निर्धारित कीजिए तथा आसान से मुश्किल सिद्धांत को अपनाइए।
    4. साहित्य का अध्ययन करना जो यह बताता हो कि समस्या से कैसे निदान पाया जा सकता है।
    5. आत्म-सुझाव देना।
    6. अपने आप को मनोरंजित करना।
    7. शारीरिक पुष्टि को अच्छा बनाना।
    8. अपने अध्यापक तथा कोच से समस्या की चर्चा करना तथा उनका परार्मश लेना।
    Question 16
    CBSEHHIPEH12037105

    भावना केन्द्रित समस्याओं से सामना करने की युक्तियाँ लिखिए।

    Solution

    लिखना:

    1. दु:ख को दूसरों से बाँटना
    2. दूसरों पर आरोप लगाना
    3. सच्चाई को झूठलाना
    4. खेल कूद में ज्यादा से ज्यादा समय बिताना
    5. अपने आप को मनोरंजक क्रियाओं में व्यस्त रखना
    6. नकारात्मक सोच को दूर रखे
    7. मनोवैज्ञानिको से परार्मश लें
    8. ध्यान लगाना, शवआसन का प्रयोग करना

    Question 17
    CBSEHHIPEH12037106

    व्यक्तित्व के प्रकार लिखिए।

    Solution

    शैल्डन के अनुसार:

    1. एंडोमोर्फिक (Endomorphic): मोटे तथा छोटे।
    2. मेसोर्मोफिक (Meso Morphic) - गठा हुआ शरीर, लम्बा कद।

    एक्टोर्मोफिक (Ectomorphic): पतले तथा लम्बा कद

    जुंग के अनुसार:

    1. बर्हिमुखी (Extrovert): आत्मविश्वास अधिक, दूसरो से मिलने में विश्वास रखते हैं, सामाजिक होते हैं, दोस्त ज्यादा होते हैं।
    2. अंतर्मुखी (Introvert): आत्मविश्वास कम होता है। अपने आप में व्यस्त रहते है तथा दूसरों से कम मिलने में विश्वास रखते है। दोस्त कम होते है।
    3. अम्बीवर्ट (Ambivert): यह उपरोक्त दोनो श्रेणी का मिश्रण है।

    Sponsor Area

    Question 20
    CBSEHHIPEH12037109

    तनाव के प्रबन्धन की व्याख्या कीजिए?
    अथवा
    तनाव को कम करने के तरीको का वर्णन कीजिए?

    Solution

    तनाव को कम करने के लिए निम्नलिखित तरीको का उपयोग किया जाता है:

    1. अपनी क्षमताओं को स्वीकारना: व्यक्ति को अपनी क्षमताओं को पहचान कर उन्हें स्वीकारना चाहिए। जब व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का ज्ञान हो जायेगा तो वे कार्य जो उसकी क्षमता से परे है उनके न हो पाने की स्थिति में व्यक्ति को तनाव नहीं होगा।
    2. शारीरिक पुष्टि: शारीरिक पुष्टि के स्तर को अच्छा बनाकर तनाव की स्थिति में पड़ने वाले विपरीत प्रभावों को कम किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों की शारीरिक पुष्टि अच्छी होती है वे तनाव में भी देर से आते है।
    3. योग करना: निरन्तर यौगिक क्रियाएँ करने से व्यक्ति तनाव की स्थिति से बच सकता है जैसे कि ध्यान लगाना, शव आसन करना, उदघोष प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम करना, अनुलोम विलोम प्राणायाम करना आदि।
    4. मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनना: व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाकर तनाव से बचाया जा सकता है तथा इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है।
    5. संतुलित आहार: तनाव से बचने के लिये व्यक्ति को संतुलित आहार लेना चाहिए तथा अपने आहार में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
    6. तनाव ग्रस्त व्यक्तियों से दूर रहना: जो व्यक्ति पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति में चल रहे है उनके साथ नहीं रहना चाहिए अन्यथा तनाव ग्रस्त व्यक्ति की सोच व स्थिति सामान्य व्यक्ति को भी तनाव की ओर लेकर जा सकती है।
    7. वातावरण को अनुरूप बनाना: यदि हमारा वातावरण हमारे अनुरूप है तो हमें तनाव नहीं होगा अथवा उसके बुरे प्रभाव हमें कम प्रभावित करेंगे। अपने वातावरण को अपने अनुरूप बनाने के लिये हमें उन वस्तुओं को अपने वातावरण में शामिल करना चाहिए जो हमें खुशी देते हो जैसे कि संगीत, दर्शक आदि।
    8. व्यायाम करना: जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करते है उनके तनाव की स्थिति में आने की सम्भावना कम हो जाती है।
    9. तनाव युक्त विचारों से दूर रहे: हमे उन बातों पर विचार नहीं करना चाहिए जो कि हमे तनाव मे ला सकती है। हमें उन बातों की न तो चर्चा करनी चाहिए और न ही इनके बारे में सोचना चाहिए।
    10. शिथिलीकरण मालिश: शिथिलीकरण मालिश के माध्यम से भी हम तनाव के स्तर को कम कर सकते है।
    11. आत्म सुझाव: अपने आप को आत्म सुझाव देकर भी तनाव को कम किया जा सकता है।
    12. अकेलेना ना रहना: तनाव की स्थिति में व्यक्ति को अकेला नहीं रहना चाहिए उसे हमेशा अपने आप को दूसरो के साथ व्यस्थ रखना चाहिए।
    13. भार को कम करना: तनाव को कम करने के लिये हमे जीवन में मिलने वाले दूसरे भारो को कम देना चाहिए जैसे कि तनाव कि स्थिति में हमें ज्यादा मुश्किल प्रशिक्षण नहीं करना चाहिए।
    14. शिक्षा: व्यक्ति को तनाव के बारे में पूर्ण जानकारी देकर भी हम अपने तनाव के स्तर को कम कर सकते है।

    Question 21
    CBSEHHIPEH12037110

    शारीरिक छवि तथा आत्म सम्मान को प्रभावित करने वाले कारक तथा उनकों सुधारने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।

    Solution

    प्रभावित करने वाले तत्व:

    1. दूसरों से तुलना करना।
    2. दूसरों का व्यवहार हमारे प्रति।
    3. जीवन के अनुभव अच्छे और बुरे दोनों।
    4. शारीरिक गठन अच्छा होगा तो शारीरिक छवि तथा आत्म सम्मान भी अच्छा हो जाएगा।
    5. रंग रूप अच्छा हो तो शारीरिक छवि तथा आत्म सम्मान पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
    6. समाज से मिलने वाली टिप्पणी।
    7. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया।
    8. मीडिया में छवि।

    शारीरिक छवि या आत्म सम्मान को सुधारने के तरीके:

    1. सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।
    2. अपनी योग्यताओं पर ध्यान देना।
    3. प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग करके अपनी शारीरिक सुन्दरता को बढ़ाया जा सकता है।
    4. सुन्दरता को बढ़ाने वाली वस्तुओं का उपयोग करके भी शारीरिक सुन्दरता को बढ़ाया जा सकता है।
    5. नकारात्मक सोच को रोकना।
    6. आत्म प्रशंसा करना।
    7. व्यक्तित्व को अच्छा बनाने वाली बातों की जीवन में अपनाना।
    8. प्रतिदिन व्यायाम करना तथा संतुलित आहार खाना।

    Question 22
    CBSEHHIPEH12037111

    व्यायाम के मनोवैज्ञानिक लाभों का वर्णन कीजिए।

    Solution

    व्यायाम के मनोवैज्ञानिक लाभ:

    1. मूड को अच्छा बनाता है।
    2. अवसाद (Depression) को कम करता है।
    3. चिंता को कर देता करता है।
    4. मानसिक विकास अच्छा हो जाता है।
    5. मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त हो जाते है।
    6. दबाव को कम करता है।
    7. व्यक्तित्व को आकर्षक बनाता है।
    8. सीखने की गति बढ़ जाती है।
    9. दबाव को कम करता है।
    10. व्यक्तित्व को आकर्षक बनाता है।
    11. वृद्धि तथा विकास अच्छा हो जाता है।
    12. स्मरण शक्ति अच्छी हो जाती है।
    13. आत्म सम्मान को बढ़ाता है।
    14. गामक क्रियाओं का विकास (Motor Development)।
    15. बुद्धि का विकास अच्छा हो जाता है।
    16. विपरीत स्थिति में भी वातावरण से सामजस्य स्थापित करने में सक्षम हो जाते है।

    Question 23
    CBSEHHIPEH12037112

    अभी-प्रेरणा की तकनीकों का वर्णन कीजिए?

    Solution
    1. मूल्याकंन: मूल्याकंन के माध्यम से व्यक्ति को उसकी स्थिति से अवगत करा कर उसे और अच्छा करने के लिए  प्रेरित किया जा सकता है।
    2. विभिन्नता: व्यक्ति के कार्यक्रम में विभिन्नताएँ ला कर उसे और रूचिकर बनाकर उसे लक्ष्य की ओर प्रेरित किया जा सकता है।
    3. दर्शक: दर्शको की उपस्थिति में खिलाड़ियों में जोश उत्पन्न होता हे वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते है।
    4. विवेचना (Criticism): खिलाड़ी के अनुचित प्रदर्शन की विवेचना करके भी उसे और अच्छा करने के लिये प्रेरित किया जा सकता है।
    5. छात्रवृति: खिलाड़ी को उचित परिणाम मिलने पर छात्रवृति देकर उसे ओर अच्छा करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
    6. आधुनिक उपकरण: आधुनिक उपकरण का इस्तेमाल करके वातावरण को अच्छा तथा रूचिकर बनाया जा सकता है जो कि खिलाड़ी को लक्ष्य की ओर प्रेरित करता है।
    7. अभ्यास की समय सीमा: अभ्यास की अवधि को कम करके खिलाड़ी के भार (Load) को कम करके खिलाड़ी को लक्ष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
    8. लक्ष्म निर्धारण: आसान लक्ष्यों को निर्धारित करके खिलाड़ी को लक्ष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
    9. पुरस्कार: खिलाड़ी को लक्ष्य प्राप्ति पर पुरस्कार देने का वादा करके उसे लक्ष्य प्राप्ति के लिये प्रेरित किया जा सकता है।
    10. प्रशंसा: उचित खेल प्रदर्शन पर खिलाड़ी को प्रशंसा करके उसे और अधिक अच्छा करने के लिये प्रेरित किया जा सकता है।
    11. रूचिकर वातावरण: वातावरण को संगीत, दर्शको आदि की सहायता से अधिक रूचिकर बनाकर, आदि की सहायता से अधिक रूचिकर बनाकर खिलाड़ी को लक्ष्य की ओर प्रेरित किया जा सकता है।
    12. संचार माध्यम: जब खिलाड़ी के खेल प्रदर्शन को संचार माध्यम से प्रसारित किया जाता है तो खिलाड़ी प्रशंसा का पात्र बनने के लिये लक्ष्य प्राप्ति के लिये पूरे दमखम से प्रेरित होता है।
    Question 24
    CBSEHHIPEH12037113

    आक्रामकता को नियंत्रित करने के उपायों की व्याख्या कीजिए?

    Solution
    1. गैर आक्रामक व्यवहार के लिए खिलाड़ी की प्रशंसा करनी चाहिए।
    2. उन संकेतो को हटा देना चाहिए जो कि खिलाड़ी को आक्रमक बनाते हो।
    3. संज्ञानात्मक रणनीतियों का इस्तेमाल करके जैसे कि आत्म-सुझाव, खुद से बातचीत करके, कल्पनाशीलता आदि के उपयोग से आक्रमकता को नियंत्रित किया जा सकता है।
    4. आक्रामकता के प्रबन्धन हेतु योग, शिथिलिकरण, हँस चिकित्सा, उल्टी गिनती गिनना, पाँच श्वास आदि तकनीकों का इस्तेमाल करके आक्रमकता को नियंत्रित किया जा सकता है।
    5. जब भी खिलाड़ी आक्रामकता को नियंत्रित रखें उसे सकारात्मक सुदृढीकरण प्रदान करना चाहिए उदाहरण के लिये कोई पुरस्कार देना।
    6. खेल को जीतने पर महत्व न देकर खेल को खेलने पर जोर देना चाहिए और समझना चाहिए किस प्रकार मात्र एक खिलाड़ी का आक्रमक व्यवहार भी टीम के स्तर को नीचे ला सकता है।
    7. प्रयत्न करने के बाद भी यदि खिलाड़ी आक्रमक व्यवहार को न छोड़ रहा है और निरन्तर कर रहा हो तो उसे दण्डित करना चाहिए।
    8. कोच का खुद का व्यवहार भी गैर अक्रामक होना चाहिए अन्यथा उसका व्यवहार खिलाड़ियों में आक्रमकता को बढ़ाएगा।
    Question 25
    CBSEHHIPEH12037114

    व्यक्तित्व के बिग 5 लक्षण सिद्धांत की विस्तार से व्याख्या कीजिए।

    Solution

    इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी व्यक्तित्व को आंकने के लिये 5 बडे लक्षणों का आंकलन करना चाहिए। ये 5 बड़े लक्षण निम्नलिखित है:

    1. स्पष्टता सम्बन्धी लक्षण
    2. कर्तव्यनिष्टता सम्बन्धी लक्षण
    3. बहिमुर्खता सम्बन्धी लक्षण
    4. सहमतता सम्बन्धी लक्षण
    5. मनोविक्षुब्धता सम्बन्धी लक्षण
    1. स्पष्टता सम्बन्धी लक्षण: स्पष्टता सम्बन्धी लक्षण का आकंलन यह दर्शाता है कि व्यक्ति कितना:
      काल्पनाशील
      व्यवहारिक
      विभिन्न विषयों में रूचि रखने वाला
      कितनी बौद्धिक जिज्ञासा रखने वाला
      रचानात्मक
      नए अनुभवों का आनंद लेने वाला
      नए विषयों को सीखने में योग्य है
    2. कर्तव्यनिष्टता सम्बन्धी लक्षण: कर्तव्यनिष्टता सम्बन्धी लक्षण का आकलन यह दर्शाता है कि:
      1. व्यक्ति कितना जीवन की चुनौतियों का समना करने में सक्षम है।
      2. कितना आत्म अनुशासित है।
      3. कितना कृतव्यनिष्ट है।
      4. कितना योजना बद्ध कार्य करता है।
      5. कितना प्रबन्धन कला में कुशल है।
      6. दूसरों पर कितना निर्भर है।
      7. कितना कठोर परिश्रमी है।
      8. कितना महत्वकांशी है।
    3. बहिमुर्खता सम्बन्धी लक्षण: इस लक्षण का आकलन यह दर्शाता है कि व्यक्ति कितना:
      1. ऊर्जावान है।
      2. कितनी सकारात्मक भावना रखता है।
      3. कितनी स्वीकारने की क्षमता रखता है।
      4. कितनी मिलनसार है।
      5. कितनी बातें करने में निपुण है।
      6. कितना जिंदादिल।
      7. कितना स्नेहपूर्ण व्यवहार रखता है।
      8. कितना मित्रतापूर्ण व्यवहार रखता है।
    4. सहमतता सम्बन्धी लक्षण: इस लक्षण का आकलन यह दर्शाता है कि:
      1. व्यक्ति कितना उदार है।
      2. कितना दूसरो को सहयोग करने वाला है।
      3. कितना व्यवस्थित रूप से कार्य करने वाला है।
      4. कितना मित्रतापूर्ण है।
    5. मनोविक्षुब्धता सम्बन्धी लक्षण: इस लक्षण का आकंलन यह दर्शाता हे कि:
      1. व्यक्ति कितना गुस्सा करने वाला।
      2. कितना अवसाद में रहने वाला अथवा अवसाद पर उसका नियन्त्रण कितना है।
      3. कितना चिंतित।
      4. कितना भावनाओं पर नियंत्रण रख सकता है।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    4