एक चतुर्भुज के कोण 3:5:9:13 के अनुपात में हैं। इस चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।
माना कि कोण हैं: 3x, 5x, 9x और 13x.
चूँकि, चतुर्भुज के कोणों का योग =
∴
या
या
∴
अत: चतुर्भुज के कोण हैं:
यदि एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों, तो दर्शाइए कि वह एक आयत है।
ज्ञात है: एक समान्तर ABCD चतुर्भुज जिसमें विकर्ण AC = विकर्ण BD.
सिद्ध करना है: ABCD एक आयत है।
प्रमाण:
AC = BD (ज्ञात है)
BC = CB (उभयनिष्ठ)
AB = DC (|| चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
इसलिए (SSS नियम)
(CPCT)
परन्तु
[तियर्क रेखा BC के एक ही ओर बने अन्त: कोण]
इसलिए,
अत: ||gm ABCD एक आयत है।
दर्शाइए कि यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करें, तो वह एक समचतुर्भुज होता है।
ज्ञात है: एक चतुर्भुज ABCD, जिसमें विकर्ण AC और विकर्ण BD एक दूसरे को O पर समद्विभाजित करते हैं और
सिद्ध करना है: चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
प्रमाण:
OA = OA (उभयनिष्ठ)
OD = OB (ज्ञात है)
(ज्ञात है)
इसलिए, (SAS नियम)
अत: AD = AB (CPCT)
इस प्रकार, AB = BC = CD = DA
अत: ABCD एक समचतुर्भुज है।
दर्शाइए कि एक वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण समद्विभाजित करते हैं।
ज्ञात हैं: ABCD एक वर्ग है जिसके विकर्ण O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है: (i) BD = AC
(ii) OA = OC, OB = OD, (iii)
प्रमाण: (i)
AB = BA (उभयनिष्ठ)
AD = BC (वर्ग भुजाएँ)
(वर्ग के कोण)
अत: (SAS नियम)
इसलिए BD = AC (CPCT)
(ii)
(शीर्षाभिमुख कोण)
AB = CD (वर्ग की भुजाएँ)
(एकान्तर कोण)
∴ (AAS नियम से)
अत: OA = OC और OB = OD
(iii) में,
OA = OC (ऊपर सिद्ध किया है)
AD = CD (वर्ग की भुजाएँ)
OD = OD (उभयनिष्ठ)
इसलिए [SSS नियम से)
इस प्रकार (CPCT)
और (रैखिक युग्म)
अत:
दर्शाइए कि यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों और परस्पर समद्विभाजित करें, तो वह एक वर्ग होता है।
ज्ञात है: एक चतुर्भुज ABCD जिसमें AC = BD और AC तथा BD एक दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है: ABCD एक वर्ग है।
प्रमाण: में
OA = OC (ज्ञात है)
OB = OD (ज्ञात है)
(शीर्षाभिमुख कोण)
(SAS नियम)
इसलिए AB = CD (C.P.C.T.)
और
जो कि एकान्तर कोणों का युग्म है
अब AB = CD और
अत: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
में,
OD = OD (उभयनिष्ठ)
(ज्ञात है)
OA = OC (ज्ञात है)
(SAS नियम)
(C.P.C.T.)
इसी प्रकार, AB = BC = CD = DA और ABCD एक समचतुर्भुज है।
परन्तु इसके विकर्ण समान हैं,
ABCD एक वर्ग है।
समान्तर चतुर्भुज ABCD का विकर्ण AC कोण A को समद्विभाजित करता है। दर्शाइए कि:
(i) यह को समद्विभाजित करता है।
(ii) ABCD एक समचतुर्भुज है।
ABCD एक समचतुर्भुज है। दर्शाइए कि विकर्ण AC कोणों A or C दोनों को समद्विभाजित करता है तथा विकर्ण BD कोणों B और D दोनों को समद्विभाजित करता है।
ज्ञात है: एक समचतुर्भुज ABCD
सिद्ध करना है: (i)
(ii)
(iii)
(iv)
प्रमाण: में,
AD = CD
∴
(सम्मुख भुजाएँ सम्मान हैं)
अब,
∴ (एकान्तर कोण)
इसलिए,
अत: AC, समद्विभाजित करता है।
इसी प्रकार, हम सिद्ध कर सकते हैं कि AC, को और BD, और समद्विभाजित करते हैं।
ABCD एक आयत है जिसमें विकर्ण AC दोनों कोणों A और C को समद्विभाजित करता है। दर्शाइए कि (i) ABCD एक वर्ग है (ii) विकर्ण BD दोनों कोणों B और D को समद्विभाजित करता है।
ज्ञात है: ABCD एक आयत है जिसमें AC, को तथा को समद्विभाजित करता है।
सिद्ध करना है:
(i) ABCD एक वर्ग है।
(ii) विकर्ण BD, तथा को समद्विभाजित करता है।
प्रमाण (i): में
या
अत:
AD = CD
[समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ]
अत: ABCD एक समचतुर्भुज है और यह दिया गया है कि यह एक आयत है।
अत: ABCD एक वर्ग है।
(ii) में,
AD = CD (वर्ग की भुजाएँ)
AB = BC
और BD = BC (उभयनिष्ठ)
∴
(SSS सर्वगसमता नियम)
(CPCT)
अत: विकर्ण BD, तथा को समद्विभाजित करता है।
(i) ∆APD ≅ ∆CQB
(ii) AP = CQ
(iii) ∆AQB ≅ ∆CPD
(iv) AQ = CP
(v) APCQ एक समांतर चतुर्भुज है।
ज्ञात है: ABCD एक समांतर चतुर्भुज है। विकर्ण BD पर दो बिंदु P तथा Q इस प्रकार स्थित हैं कि DP = BQ
सिद्ध करना हैं: (i) APCQ एक समांतर चतुर्भुज है।
(ii) AP = CQ
(iii) AQ = CP
(iv) ∆AQB = ∆CPD
(v) ∆APD ≅ ∆CQB.
रचना: समांतर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD खींचों जो O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
प्रमाण: (i) हम जानते हैं कि एक समांतर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित होते हैं।
∴ OD = OB
परन्तु DP = BQ (ज्ञात हैं)
∴ DO - DP = BO - BQ
या OP = OQ
और OA = OC
∴ PQ और AC एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
∴ APCQ एक समांतर चतुर्भुज है।
(ii) AP = CQ
(एक समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
(iii) AQ = CQ
(समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
(iv) ∆AQB और ∆CPD में,
AB = CD
(||gm ABCD की सम्मुख भुजाएँ)
AQ = CD
(||gm AQCP की सम्मुख भुजाएँ)
QB = DP (ज्ञात है)
अत: ∆AQB ≅ ∆CPD (SSS नियम)
(v) ∆APD और ∆CQB में,
AD = BC
(||gm ABCD की सम्मुख भुजाएँ)
BQ = PD (ज्ञात है)
CQ = AP
(||gm APCQ की सम्मुख भुजाएँ)
अत: ∆APD ≅ ∆CQB (SSS नियम)
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है तथा AP और CQ शीर्षों A और C से विकर्ण BD पर क्रमश: लम्ब हैं। दर्शाइए कि:
(i) ∆APB ≅ ∆CQD
(ii) AP = CQ.
∆ABC और ∆DEF में, AB = DE, AB || DE, BC = EF और BC || EF है। शीर्षों A, B और C को क्रमश: शीर्षों D, E, F से जोड़ा जाता हैं। दर्शाइए कि:
(i) चतुर्भुज ABED एक समान्तर चतुर्भुज है।
(ii) चतुर्भुज BEFC एक समान्तर चतुर्भुज है।
(iii) AD || CF और AD = CF
(iv) चतुर्भुज ACFD एक समान्तर चतुर्भुज है।
(v) AC = DF है।
(vi) ∆ABC ≅ ∆DEF.
ABCD एक समलंब है, जिसमें AB || DC और AD = BC है। दर्शाइए कि
(i)
(ii)
(iii)
(iv) विकर्ण AC = विकर्ण BD
ज्ञात है: ABCD एक समलम्ब है जिसमें AB||CD और AD = BC
सिद्ध करना है: (i)
(ii)
(iii)
(iv) विकर्ण AC = विकर्ण BD
रचना: AB को बढ़ाइए और C से होकर DA के समांतर एक रेखा खींचिए जो बढ़ी हुई भुजा AB को E पर प्रतिच्छेद करे।
प्रमाण: (i) चतुर्भुज ADCE में,
AD || CE (रचना द्वारा)
AE || DC (ज्ञात है)
अत: AECD एक समांतर चतुर्भुज होगा।
इसलिए AD = EC
(समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
और AD = BC (दिया है)
∴ BC = EC
इस प्रकार,
[ की समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
[तिर्यक रेखा के एक ही और बने कोणों का योग]
और
इसलिए
परन्तु (रैखिक युग्म)
इसलिए
अत:
(ii)
और
या [∵ ABCD समलम्ब है]
(iii) में,
BC = AD (ज्ञात है)
AB = BA (उभयनिष्ठ)
अत: (SAS नियम)
(iv) ∴ विकर्ण AC = विकर्ण BD (C.P.C.T.)
ज्ञात है: ABCD एक आयत है और P, Q, R और S क्रमश: AB, BC, CD और AD के मध्यबिंदु हैं।
सिद्ध करना है: PQRS एक समचतुर्भुज है।
रचना: AC और BD को मिलाओ।
प्रमाण: में P और Q क्रमश: भुजाओं AB और AC के मध्यबिंदु हैं।
∴ और
PQ || AC ...(i) (मध्यबिंदु प्रमेय)
पुन: में, R और S क्रमश: भुजाओं CD और AD के मध्यबिंदु हैं।
...(ii) (मध्यबिंदु प्रमेय)
(i) और (ii) से,
और ....(i)
∴ PQRS एक समांतर चतुर्भुज है।
इसी प्रकार, QR = SP = ...(ii)
और ABCD एक आयत भी है।
∴ AC = BD
...(iii)
समीकरण (i), (ii) और (iii) से,
PQ = QR = RS = SQ
अत: PQRS एक समचतुर्भुज है।
ज्ञात है: AB एक समलम्ब है जिसमें AB || DC है। BD एक विकर्ण है तथा AD का मध्यबिंदु E है। E से होकर AB के समांतर एक रेखा खींचों जो BC को F पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है: F भुजा BC का मध्यबिंदु है।
रचना: माना EF, BD को G पर प्रतिच्छेद करती है।
प्रमाण: में, AD के मध्यबिंदु E से EG, AB के समांतर है।
∴ G, BD का मध्यबिंदु है।
[मध्यबिंदु प्रमेय के विलोम से]
पुन: में,
BD का मध्यबिंदु G है और GF || CD
∴ F, BC का मध्यबिंदु है।
दर्शाइए कि किसी चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं के मध्यबिंदु को मिलाने वाले रेखाखण्ड परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
ABC एक त्रिभुज है जिसका कोण C समकोण है। कर्ण AB के मध्यबिंदु M से होकर BC के समान्तर खींची गई रेखा AC को D पर प्रतिच्छेद करती है। दर्शाइए कि:
(i) D भुजा AC का मध्य-बिंदु है।
(ii) है।
(iii) CM = MA = है।
ज्ञात है: ABC एक समकोण है जिसमें है। कर्ण AB के मध्यबिंदु M से BC के समान्तर एक रेखाखण्ड खींचा गया है जो कि AC को D पर प्रतिच्छेद करता है।
सिद्ध करना है: (i) AC का मध्यबिंदु D है।
(ii)
(iii)
प्रमाण: (i) में, AB का मध्यबिंदु M है।
और (ज्ञात है)
∴ AC का मध्य बिंदु D है।
(मध्यबिंदु प्रमेय के विलोम से)
(ii)
∴ (संगत कोण)
परन्तु (ज्ञात है)
∴
अत:
(iii) चूँकि M, AB का मध्यबिंदु है।
∴ AM = MB
DM = DM (उभयनिष्ठ)
(प्रत्येक = )
AD = CD (ऊपर सिद्ध किया है)
∴ (SAS नियम)
इसलिए AM = CM (CPCT)
अत:
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