भारत और समकालीन विश्व 1 Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व 1

    नात्सीवाद और हिटलर का उदय Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 3 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान नात्सीवाद और हिटलर का उदय Chapter 3 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान नात्सीवाद और हिटलर का उदय Chapter 3 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH9009511

    वाइमर गणराज्य के सामने  क्या समस्याएँ थी ?

    Solution

    राजनीति स्तर पर जर्मनी का वाइमर गणराज्य कमज़ोर और अस्थिर था। वाइमर गणराज्य में कुछ ऐसी कमियाँ थी जिनके कारण गणराज्य कभी भी अस्थिर और तानाशाही का शिकार बन सकता था, जो इस प्रकार है-
    (i) पहली कमी अनुपातिक प्रतिनिधित्व से संबंधित थीl इस प्रवधान की वजह से किसी एक पार्टी को बहुमत मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा था। यहाँ हर बार गठबंधन सरकार सत्ता में आ रही थी।
    (ii) दूसरी समस्या अनुच्छेद 48 की वजह से थी जिसमें राष्ट्रपति को आपातकाल लागू करने, नागरिक अधिकार रद्द करके और अध्यादेशों के ज़रिए शासन चलाने का अधिकार दिया गया था।
    (iii) अनुच्छेद 48 के फलस्वरुप ही अपने छोटे से जीवन काल में वाइमर गणराज्य का शासन 20 मंत्रिमंडलों के हाथों में रहा और उनकी औसत 239 मैं दिन से ज्यादा नहीं रही।
    (iv) अनुच्छेद 48 के उदारपूर्वक इस्तेमाल के बाद भी गणराज्य के संकट दूर नहीं हो पाए थे।
    (v) समस्या का कोई समाधान नहीं खोज पाने के कारण लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास खत्म होने लगा।

    Question 2
    CBSEHHISSH9009512

    इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता क्यों मिलने लगी?

    Solution

    1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता निम्नलिखित कारणों से मिलने लगी-
    (i) 1929 के बाद बैंक दिवालिया हो चुके थे। काम धंधे बंद होते जा रहे थे। मजदूर बेरोजगार हो रहे थे और मध्यवर्ग को लाचारी और भूखमरी का डर सता रहा था। नात्सी प्रोपोगैंडा ने लोगों को एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाई देती थी। 1929 में नात्सी पार्टी को जर्मन संसद-राइटख़स्टाग-के लिए हुए चुनावो में महज़ 2.6 फीसदी वोट मिले 1932 तक आते-आते यह देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी थी और उसे 37 फ़ीसदी वोट मिले।
    (ii) हिटलर जबरदस्त वक्ता था। उसका जोश और उसके शब्द लोगों को हिलाकर रख देते थे। वह अपने भाषाणों में एक शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना वर्साय संधि में हुई नाइंसाफ़ी के प्रतिरोध और जर्मन समाज को खोई हुई प्रतिष्ठा वापस दिलाने का आश्वासन देता था। उसका वादा था कि वह बेरोजगारों को रोजगार और नौजवानों को एक सुरक्षित भविष्य देगा। उसने आश्वासन दिया कि वह देश की विदेशी प्रभाव से मुक्त कराएगा तमाम विदेशी 'साज़िशों' का मुंहतोड़ जवाब देगा।

    (iii) हिटलर ने राजनीति की एक नई शैली रची थी। वह लोगों को गोलबंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन की अहमियत समझता था। हिटलर के प्रति भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता का भाव पैदा करने के लिए नात्सियों में बड़ी-बड़ी रैलियों और जनसभाएँ आयोजित की। स्वास्तिक छपे लाल झंडे, नात्सी सैल्युट और भाषणों के बाद खास अंदाज में तालियों की गड़गड़ाहट की सारी चीजें शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा थी।
    (iv) नात्सियों ने अपने धुआंधार प्रचार केसरी हिटलर को एक मसीहा, एक रक्षक ,एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया। जिसने मानो जनता को तबाही से उभारने के लिए ही अवतार लिया था। एक ऐसी समाज को यह छवि बेहद आकर्षक दिखाई देती थी जिसकी प्रतिष्ठा और गर्व का अहसास चकनाचूर हो चुका था और जो एक भीषण आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुज़र रहा था।

    Question 3
    CBSEHHISSH9009513

    नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे?

     

    Solution
    (i) हिटलर के अनुसार प्रत्येक जीवित वस्तु को फलने फूलने के लिए अधिक क्षेत्र की आवश्यकता होती है। इसलिए एक राज्य को भी आगे बढ़ने के लिए अधिक क्षेत्रफल और नई सीमाओं  की आवश्यकता होती है।(ii) इससे मातृ देश का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा। क्षेत्र के आकार में वृद्धि होने से शक्ति एवं सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी।
    (iii) नए इलाकों में जाकर बसने वाले जर्मन लोगों को अपने जन्मस्थान के साथ गहरे संबंध बनाए रखने में मुश्किल भी नहीं आएगी।
    (iv) इस तरीके से जर्मन राष्ट्र के लिए संसाधन और बेहिसाब शक्ति इकट्ठा किए जा सकते हैं तथा मातृदेश के लिए अतिरिक्त संसाधनों को एक जगह इकट्ठा किया जा सकता है।
    (v) हिटलर जर्मन सीमाओं को पूरब की ओर फैलाना चाहता था ताकि सारे जर्मनों को भौगोलिक दृष्टि से एक ही जगह पर इकट्ठा किया जा सके।
    Question 4
    CBSEHHISSH9009514

    नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफ़रत पैदा करने में इतना असरदार क्यों रहा?

    Solution

    नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असरदार निम्नलिखित कारणों से रहा-
    (i) नात्सी विश्व दृष्टिकोण को फैलाने के लिए हिटलर ने मीडिया का बहुत सोच-समझकर इस्तेमाल किया। इस प्रचार में नात्सियों की यहूदियों के प्रति घृणा का समावेश था। ग्योबल्स, हिटलर के प्रचार मंत्री थे। 
    (ii) नात्सी विचारो को फैलाने के लिए तस्वीरों, रेडिओ, पोस्टर, आकर्षक नारों और इश्‍तहारी चर्चा का खूब सहरा लिया जाता था।
    (iii) नात्सी प्रचार के अनुसार यहूदी एक अवांछित नस्ल था जिसे ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और वे इसमें सफल भी रहे। यहूदियों को शेष समाज से अलग-थलक कर दिया गया।
    (iv) नात्सी प्रचार में यहूदियों के प्रति ईसाई धर्म में मौजूद परंपरागत घृणा को भी एक आधार बनाया गया। ईसाइयों का आरोप था कि यहूदियों ने ही ईसा मसीह को मारा था।
    (v)  यहूदियों को सूदखोर कहकर गाली दी जाती थी।
    (vi) प्रचार फिल्मों में भी यहूदियों के प्रति नफरत करवाने पर जोर दिया गया। उन्हें चूहा और कीड़ा आदि नामों से संबोधित किया गया।
    (vii) हिटलर की दृष्टि में यहूदियों को पूरी तरह से खत्म कर देना ही इस समस्या का एकमात्र हल था।

    Question 5
    CBSEHHISSH9009515

    नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?

    Solution
    (i) हिटलर ने लोकतांत्रिक शासन की संरचना एवं संस्थानों को समाप्त करना शुरू कर दिया।
    (ii) जर्मन संसद में हुए रहस्मय अग्निकांड से उनका रास्ता आसान हो गया। 28 फरवरी 1933 को जारी अध्यादेश के माध्यम से अभिव्यक्ति, प्रेस एवं सभा करने की आजादी को छीन लिया गया।
    (iii) कम्युनिस्ट हिटलर का कट्टर शत्रु था। 3 मार्च 1933 को जर्मनी में प्रसिद्ध विशेषाधिकार अधिनियम के माधयम से तानाशाही स्थापित कर दी गई।
    (iv) ट्रेड यूनियन पर पाबंदी लगा दी गई।
    (v) अर्थव्यवस्था, मीडिया, न्यायपालिका और सेना पर राज्य ने पूरी तरह से  नियंत्रण स्थापित कर लिया।
    (vi) पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब  से नियंत्रित व्यवस्थित करने के लिए सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। इसमें गेस्तापो, एस.एस. और सुरक्षा सेवा शामिल थे।
    Question 6
    CBSEHHISSH9009516

    नात्सी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी? फ्रांसीसी क्रांति के बारे में जानने के लिए अध्याय-1 देखें। फ्रांसीसी क्रांति और नात्सी शासन में औरतों की भूमिका के बीच में क्या फर्क था? एक पैराग्राफ़ में बताएँl

    Solution
    नात्सी समाज में महिलाओं ने द्वितीयक स्तर भूमिका अदा की। उन्हें आर्य संस्कृति का संवाहक माना जाता था।इस संहिता का पालन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता था तथा इनका उल्लंघन करने वाली महिलाओं को दण्डित किया जाता था और अपमानित कर जेलों में डाल दिया जाता था। गैर-जर्मन महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाई जाती थी।
    इसके विपरीत फ्रांसीसी क्रांति ने महिलाओं के जीवन में नई गतिविधियों का संचार किया। महिलाओं ने क्रांति में बराबर की भूमिका निभाई। वे प्रगतिशील गतिविधियों में खुलकर भाग ले सकती थी। जैसे राजनीतिक क्लबों की सदस्यता, पेंटिंग, अखबार, नौकरी आदि। महिलाओं ने अपनी एक संस्था 'क्रांतिकारी एवं गणतांत्रिक महिला समाज, की स्थापना की उन्होंने अपने लिए समान राजनीतिक अधिकारों की मांग की जो उन्हें लम्बे संघर्ष की बाद प्राप्त भी हुए। 1946 में उन्हें मत देने का अधिकार प्राप्त हुआ।
     
    Question 7
    CBSEHHISSH9009698

    जर्मनी के प्रथम विश्व युद्ध में हार के पश्चात उसकी क्या स्थिति थी ?

    Solution

    हार के पश्चात विजयी देशों ने उस पर बहुत कठोर शर्तें थोप दी थीं। मित्र राष्ट्रों के साथ वर्साय में हुई शांति-संधि जर्मनी की जनता के लिए बहुत कठोर और अपमानजनक थी। जर्मनी के सभी उपनिवेश छीन लिए गए। 13 प्रतिशत उसके क्षेत्र, 75 प्रतिशत लौह क्षेत्र व 26 प्रतिशत कोयला क्षेत्रो को फ्रांस, पोलैण्ड, डेनमार्क व लिथुआनिया ने अपने मे बाँट लिया। मित्र राष्ट्रो ने जर्मनी की सेना को भंग कर दिया। युद्ध अपराधबोध अनुछेद के तहत उस पर छ:अरब पौण्ड का जुर्माना भी लगाया।

    Question 8
    CBSEHHISSH9009699

    हिटलर के उदय के कारण बताइए?

    Solution
    1. आर्थिक संकट: 1929 की महामंदी ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाया। बेरोज़गारी मूल्य वृद्धि, व्यापार व वाणिज्य का पतन हुआ।
    2. हिटलर का व्यक्तित्व: हिटलर का प्रभावशाली व्यक्तित्व, उसका बढ़िया वक्ता होना तथा बढ़िया संगठन कर्ता होना, हिटलर के उदय में सहायक बना।
    3. राजनैतिक उथल पुथल: जर्मनी के लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठ गया था।
    Question 9
    CBSEHHISSH9009700

    हिटलर शासित जर्मनी में महिलाओ की स्थिति की व्याख्या करें?

    Solution
    1. हिटलर के अनुसार महिलाएँ, पुरूषों से भिन्न होती है।
    2. औरत-मर्द के लिए समान अधिकारों का संघर्ष गलत है। यह समाज को नष्ट कर देगा।
    3. लड़कों को आक्रामक, मर्दाना और पत्थरदिल होना सिखलाया जाता था जबकि लड़कियों को यह कहा जाता था कि अच्छी माँ बनना और शुद्ध आर्य रक्त वाले बच्चों को जन्म देना उनका कर्तव्य हैं।
    Question 10
    CBSEHHISSH9009701

    'मेन काम्फ़' हिटलर द्वारा लिखित पुस्तक में हिटलर ने अपने क्या विचार लिखे है?

    Solution

    हिटलर की पुस्तक 'मेन काम्फ़ ' जो उनकी आत्मकथा है, उसमें उन्होनें निम्नलिखित विचार दिए है:

    1. हिटलर ने युद्ध व ताकत को जायज़ ठहराया। देश को एक शक्तिशाली नेता के अधीन होना चाहिए।
    2. हिटलर की इस विचारधारा को उसके समर्थकों द्वारा माना गया।
    3. सम्पूर्ण जर्मनी में आंतक व भय का माहौल बनाया गया। हिटलर ने उग्र राष्ट्रवाद व युद्ध को जायज़ ठहराया।
    4. हिटलर ने अपनी पुस्तक 35 वर्ष की उम्र में लिखीं,  जिसमें उसने लोकतंत्र की निंदा की।
    5. उसने जर्मनी के प्रथम विश्व युद्ध मे आत्मसमर्पण की भी आलोचना की।

    Question 11
    CBSEHHISSH9009702

    नात्सीवाद को पूरे यूरोप व जर्मनी के लिए खतरा क्यों माना गया ?

    Solution
    1. नात्सी विचारधारा नस्ली आधार को बल देता था तथा सभी समाज को बराबरी का हक नहीं था।
    2. ब्लॉन्ड, नीली आंखों वाले, नार्डिक जर्मन आय को सबसे ऊपर व यहूदी को सबसे नीचे मानते थे।
    3. नजी सेना द्वारा 60 लाख यहूदियों 200,000 जिप्सियों, 10 लाख पौलेण्ड के नागरिकों तथा 70,000 जर्मनवासियों की हत्या की गई।
    4. हिटलर द्वारा जर्मनी को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए युद्ध का रास्ता चुना जाना।
    Question 12
    CBSEHHISSH9009703

    नात्सी जर्मनी में स्कूलों की क्या स्थिति थी?

    Solution
    1. सभी स्कूल के भीतर व बाहर, दोनों जगह बच्चों पर बुरा नियंत्रण किया गया।
    2. 'यहूदी' या 'राजनीतिक रूप से 'अविश्वसनीय' दिखाई देने वाले शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया।
    3. जर्मन व यहूदी बच्चों को अलग-अलग बैठाया जाता था।
    4. बाद मे अवांछित बच्चो को यानी यहूदियों, जिप्सियों के बच्चे और विकलांग बच्चों को स्कूलों से निकाल दिया गया।
    Question 13
    CBSEHHISSH9009704

    'मेरे राज्य की सबसे महत्त्वपूर्ण नागरिक माँ है' हिटलर के इस कथन की व्याख्या करें ।

    Solution
    1. हिटलर के इस कथन के विपरीत जर्मनी में सभी माताओं के साथ बराबर व्यवहार नहीं किया जाता था।
    2. 'वांछित' दिखने वाले बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को ईनाम दिया जाता था, जबकि ' अवांछित' बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को दंडित किया जाता था।
    3. नस्ली तौर पर वांछित बच्चों को जन्म देने वाली औरतों को अस्पताल में विशेष सुविधाएँ दी जाती थीं, दुकानों में उन्हें ज़्यादा छूट मिलती थी और थिएटर व रेलगाड़ी के टिकट उन्हें सस्ते में मिलते थे।
    Question 14
    CBSEHHISSH9009705

    निम्नलिखित पदों की व्याख्या करें।


    प्रोपेगैंडा

    Solution

    प्रोपेगैंडा: जनमत को प्रभावित करने के लिए किया जाने वाला एक खास तरह का प्रचार जो पोस्टरों , फ़िल्मों और भाषणों आदि के माध्यम से किया जाता है। नात्सी जर्मनी में इस का प्रयोग यहूदियों के खिलाफ किया गया।

    Question 15
    CBSEHHISSH9009706

    निम्नलिखित पद की व्याख्या करें।

    युंगफ़ोक

    Solution

    युंगफ़ोक: जर्मन बच्चों और युवाओं को राष्ट्रीय समाजवाद की भावना से लैस करने की जिम्मेदारी युवा संगठनों को सौंपी गई । इसी में एक युंगफ़ोक था जिसमें 14 साल से कम उम्र के बच्चों का दाखिला होता था।

    Question 16
    CBSEHHISSH9009707

    वाइमर गणराज्य जर्मनी की समस्या को हल करने में असफल क्यों रहा ?

    Solution
    1. जिस समय वाइमर गणराज्य की स्थापना हुई उसी समय जर्मनी में स्पार्टकिस्ट लीग अपने क्रांतिकारी विद्रोह की योजना को अंजाम देने में लगी थी ।
    2. समाजवादियों, डेमोकैट् स औार कैथालिक गुटों ने वाइमर में इकठ्ठा होकर इस प्रकार की शासन व्यवस्था का विरोध किया व एक लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना का फैसला किया।
    3. पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के बाद विजयी देशों ने उस पर कठोर शर्ते थोप दी थी ।
    4. जर्मनवासी वाइमर गणराज्य को ही विश्व युद्ध में जर्मनी की हार व अपमानजनक शंति संधि को मानने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
    5. जर्मनी 1923 में कर्ज व हर्जाना चुकाने के कारण आर्थिक सकंट की दौर से गुजर रहा था । जर्मन वासी इसका कारण वाइमर गणराज्य को मान रहे थे।
    6. मार्क (जर्मनी की मुद्रा) की मूल्य में गिरावट व अति-मुद्रास्फीति की स्थिति के लिए जर्मन वासी वाइमर गणराज्य को जिम्मेदार मान रहे थे।
    Question 17
    CBSEHHISSH9009708

    नात्सीवाद किस प्रकार से लोकतंत्र व समाजवाद विरोधी था ?

    Solution
    1. 3० जनवरी 1933 को राष्ट्रपति हिंडनबर्ग ने हिटलर को चांसलर का पद-भार संभालने का न्यौता दिया। सत्ता हासिल करने के बाद से हिटलर ने लोकतांत्रिक शासन संरचना और संस्थाओं को भंग करना शुरु कर दिया।
    2. 28 फरवरी 1933 को जारी किये गये अग्नि अध्यादेश के ज़रिए अभिव्यक्ति, प्रेस व सभा करने की आज़ादी जैसे नागरिक अधिकार को अनिश्चित काल के लिए निलंबन कर दिया ।
    3. 3 मार्च 1933 को प्रसिद्ध विशेषाधिकार अधिनियम पारित किया गया। जर्मनी में तानाशाही की स्थापना हुई।
    4. नात्सी पार्टी और उससे जुड़े संगठनो के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों व ट्रेड यूनियनों पर पाबंदी लगा दी गई।
    5. अर्थव्यवरथा, मीडिया -सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूरा नियंत्रण स्थापित हो गया।

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    Question 18
    CBSEHHISSH9009709

    यहूदियों के प्रति हिटलर व नात्सीवादी सोच क्या थी? व्याख्या करें ।

    Solution
    1. हिटलर ने यहूदियों के लिए नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया। सत्ता में आते ही उसने नस्ल विरोधी कार्य प्रारम्भ किया। वह यहूदियों को हीन दृष्टि से देखता था। उसके अनुसार नस्ली आधार पर ब्लॉन्ड, नीली, आँखों वाले, नॉर्डिक जर्मन आर्य सबसे ऊपर और यहूदी सबसे निचली पायदान पर आते थे।
    2. नात्सियों ने 'शुद्ध' जर्मनो के विशिष्ट नस्ली समुदाय की स्थापना के लिए प्रयास प्रारम्भ किया।
    3. यहूदियों ने ईसा मसीह को मारा था ऐसी सोच ईसाइयों की थी। उनकी नज़र में यहूदी आदतन हत्यारे व सूदखोर होते है।
    4. नरसंहार के जरिए समय-समय पर यहूदियों का सफाया किया जाता था ।
    5. यहूदियों के प्रति हिटलर की घृणा जो नस्ल के छद्म जैसे विचारों के सिद्धातों पर आधारित थी। इस नफ़रत में यहूदी समस्या का हल धर्मान्तरण से नही निकल सकता था । इसका एकमात्र हल यहूदियों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए ।
    Question 19
    CBSEHHISSH9009710

    वर्साय की शांति संधि का प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात हिटलर पर क्या प्रभाव पड़ा?

    Solution
    1. प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात जर्मनी के साथ मित्र राष्ट्रों ने वर्साय की संधि की जिसे राष्ट्रीय अपमान माना गया।
    2. हिटलर जर्मनी की हार से दुखी हुआ व वर्साय की संधि से आग-बबूला हुआ।
    3. उसने जर्मन वर्कर पार्टी को ज्वाइन किया तथा उसका नाम नेशनल सोशलिस्ट पार्टी रखा जो बाद में नाज़ी पार्टी के नाम से जाना गया।
    4. हिटलर एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाना चाहता था । वह वर्साय की संधि मे हुए अन्याय का बदला लेना चाहता था।
    5. सितम्बर 1939 को उसने पौलेण्ड पर आक्रमण किया । 194० मे जर्मनी, इटली व जापान के मध्य त्रिपक्षीय संधि हुआ।
    Question 20
    CBSEHHISSH9009711

    हिटलर के उदय की व्याख्या निम्नलिखित बिंदुओ पर करे:

    1 युवाओं केलिए नीति
    2 व्यक्तिगत गुण
    3 प्रोपेगैंडा (प्रचार) की कला

    Solution
    1. युवाओं के लिए नीति: हिटलर का मानना था कि एक शक्तिशाली नात्सी समाज की स्थापना के लिए बच्चों को नात्सी विचारधारा का घुट्टी पिलाना बहुत जरुरी है। इसके लिए स्कूल के भीतर व बाहर दोनों जगह बच्चों पर पूरा नियंत्रण आवश्यक था । इसके लिए युवा संगठनो की स्थापना हुई। युंगफ़ोक - 10 साल की उम्र में सभी को युंगफोक में दाखिल करा दिया गया । 14 साल की उम्र में सभी लड़कों को हिटलर यूथ की सदयस्ता लेनी पड़ती थी।
    2. व्यक्तिगत गुण: हिटलर जबर्दस्त वक्ता था। उसका जोश और शब्द लोगों को बहुत प्रभावित करते थे। साम्यवादी विरोधी, उसने वादा किया कि वह जर्मनी को साम्यवाद से बचायेगा व वर्साय की संधि के कारण हुए जर्मन के अपमान का बदला लेगा।
    3. प्रोपेगैंडा की कला - नात्सी शासन ने भाषा और मीडिया का बड़ी होशियारी से इस्तेमाल किया। उन्होने अपने तौर-तरीकों को बयान करने के लिए जो शब्द ईजाद किए थे वे न केवल भ्रामक बल्कि दिल दहला देने वाले थे।उन्होंने अपने दस्तावेज में कभी भी हत्या या मौत शब्द का प्रयोग नहीं किया।
    Question 21
    CBSEHHISSH9009712

    वर्साय की संधि के मुख्य बातों को उल्लेखित करें।

    Solution

    वर्साय की संधि, जर्मनी के लिए बहुत ही अपमान जनक व कठोर थी।

    1. जर्मनी के सारे समुह पार के उपनिवेश उससे ले लिये गए।
    2. 13 प्रतिशत क्षेत्रफल, 75 प्रतिशत लौह भंडार, 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस, पोलैण्ड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले कर दिया गया।
    3. जर्मनी की सैन्य ताकत को खत्म कर दिया गया।
    4. युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण मित्र देशों को हुई तबाही व हानि का जिम्मेवार जर्मनी को ठहराया गया । 6 अरब पौण्ड का जुर्माना लगाया गया।

    Question 22
    CBSEHHISSH9009713

    व्याख्या करें - हिटलर के नस्ल आधारित विचार किससे प्रेरित थे?

    Solution
    1. हिटलर के नस्ल आधारित विचार चार्ल्स डारविन व हरबर्ट स्पेंसर के विचारों पर आधारित थे।
    2. डार्विन प्रकृति विज्ञानी थे जिन्होंने विकास और प्राकृतिक चयन की अवधारणा के जरिए पौधों और पशुओं की उत्पति की व्याख्या का प्रयास किया।
    3. हिटलर, हर्बट स्पेंसर के अति जीविता का सिद्धांत जो सबसे योग्य है, वही बचेगा, के विचारों से भी प्रभावित था।इस विचार का यह मतलब था कि जो प्रजातियाँ बदलती हुई वातावरणीय परिरिथतियों के अनुसार खुद को ढाल सकती है वही जिन्दा रहती है।
    4. हिटलर ने नस्लवादी विचारकों और राजनेताओं ने पराजित समाजों पर अपनी साम्राज्यवादी -सोच को सही ठहराने के लिए डार्विन के विचारों का सहारा लिया।
    Question 23
    CBSEHHISSH9009714

    जर्मनवासी या आम आदमी, नात्सीवाद के बारे में क्या विचार रखते थे?

    Solution
    1. लोग नाजियों की दृष्टि से देखने लगे व नाजियों की भाषा उनके मस्तिष्क में घर कर गई उन्होंने यहूदियों के प्रति गुस्सा और घृणा विकसित कर ली थी । उन्हे विश्वास हो गया था कि नाज़ीवाद खुशहाली लाएगा और उनके जीवन को बेहतर बनाएगा।

    2. यहूदियों के घर चिंहित किए गए और संदिग्ध पड़ोसियों के रूप में उनकी शिकायत की गई ।

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