शारीरिक शिक्षा Chapter 8 शरीर क्रिया विज्ञान एवं खेल
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा

    शरीर क्रिया विज्ञान एवं खेल Here is the CBSE ������������������ Chapter 8 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ शरीर क्रिया विज्ञान एवं खेल Chapter 8 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ शरीर क्रिया विज्ञान एवं खेल Chapter 8 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIPEH12037000

    लचक से क्या अभिप्राय है?

    Solution

    लचक, शरीर के जोड़ो की गतियों के विस्तार को लचक कहते है। दूसरे शब्दों में इसका तात्पर्य एक जोड़ में उपलब्ध गति के विस्तार से होता है।

    Question 2
    CBSEHHIPEH12037001

    बुढ़ापे से क्या तात्पर्य है?

    Solution

    बुढ़ापा जीवन की वह अवस्था है जब व्यक्ति की शारीरिक क्षमताओं तथा क्रियात्मक-क्रियाओं की दक्षता में धीरे-धीरे कमी आने लगती है।

    Question 3
    CBSEHHIPEH12037002

    स्ट्रोक आयतन (Stroke ) से क्या समझते हो?

    Solution

    प्रत्येक धड़कन पर हृदय के बाएँ निलय से निकलने वाले रक्त की मात्रा को स्ट्रोक आयतन (Stroke Volume) कहते है। इसे लीटर प्रति बीट में मापा जाता है।

    Question 4
    CBSEHHIPEH12037003

    ऑक्सीजन के ग्रहण (Oxygen Intake) से आप क्या समझते हो ?

    Solution

    शरीर में वातावरण से आक्सीजन लेने की प्रक्रिया को आक्सीजन का ग्रहण कहते है।

    Question 5
    CBSEHHIPEH12037004

    शारीरिक क्षमता क्या है?

    Solution

    बिना थकावट, शरीर के अंगों में लगातार कार्य करने की क्षमता को शारीरिक क्षमता कहते है।

    Question 6
    CBSEHHIPEH12037005

    हृदयी निर्गम (Cardiac Output) क्या है?

    Solution

    हृदय द्वारा प्रति मिनट पम्प किए गए रक्त की मात्रा को हृदय निष्पादन कहते है।

    Question 7
    CBSEHHIPEH12037006

    ऑक्सीजन अत: ग्रहण (Oxygen Uptake) क्या है?

    Solution

    ऑक्सीजन अंत: ग्रहण ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो कि रक्त में से कार्यरत सक्रिय मांसपेशियों द्वारा अवशोषित तथा उपयोग की जाती है।

    Question 8
    CBSEHHIPEH12037007

    शरीर क्रिया विज्ञान का अर्थ लिखो?

    Solution

    जीव विज्ञान की शाखा, जिसके अन्तर्गत शरीर के अंगों के कार्य करने की विधि का वैज्ञानिक पद्धति द्वारा अध्ययन किया जाता है, शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है।

    Question 9
    CBSEHHIPEH12037008

    हृदय वाहिनी संस्थान (Cardio-Vascular System) क्या है?

    Solution

    इस तंत्र में हृदय तथा फेफड़ें विभिन्न मांसपेशीयों तक ऑक्सीजन पहुँचाते है। ऊतक और धमनिया उसी समय ऑक्सीजन रहित रक्त को वापस फेफड़ों में ऑक्सीजन सहित करने के लिए भेजता है और शरीर के सभी सक्रिय ऊतकों तक ईधन पहुँचाता है।

    Question 10
    CBSEHHIPEH12037009

    श्वसन संस्थान क्या है?

    Solution

    शरीर का ऐसा संस्थान जो कि शरीर में ऑक्सीजन लेने तथा कार्बन-डाइआक्साड को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया में भाग लेता है, श्वसन संस्थान कहलाता है।

    Question 11
    CBSEHHIPEH12037010

    श्वसन शब्द को परिभाषित कीजिए?

    Solution

    कोशिकाओं में आक्सीजन लेने और कार्बन-डाइ-ऑक्साइड बाहर निकालने की प्रक्रिया को श्वसन कहते है।

    Question 12
    CBSEHHIPEH12037011

    रक्तवाहिनी को परिभाषित करें?

    Solution

    शरीर में नली प्रकार अंग, जिसमें ऑक्सीजन, कार्बन-डाइ-आक्साइड, लसीका, हारमोन्स खाद्य पदार्थ आदि एक स्थान से दूसरे स्थान पर रक्त के द्वारा पहुँचाए जाते हैं, इस नली को रक्त वाहिनी कहते है।

    Question 13
    CBSEHHIPEH12037012

    रक्त परिसंचलन (Circulatory Systems) क्या है?

    Solution

    रक्त, हृदय, रक्तवाहिका, ग्रंथि, रक्त परिसंचलन संस्थान के अंग हैं, इसका कार्य शरीर में रक्त O2CO2 लसीका खाद्य पदार्थ, आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का है।

    Question 14
    CBSEHHIPEH12037013

    श्वास नली क्या है?

    Solution

    फेफड़ो से वायु अदंर व बाहर ले जाने वाली लंबी वायु नलिका जो गर्दन तथा छाती से होती हुई जाती है, श्वास नली कहलाती है।

    Question 15
    CBSEHHIPEH12037014

    ज्वारीय आयतन (Tidal Volume) को परिभाषित करो?

    Solution

    सामान्य श्वसन क्रिया के द्वारा जितनी वायु अन्दर ली जाती है। उसे ज्वारीय आयतन कहते है।

    Question 16
    CBSEHHIPEH12037015

    प्राणधार क्षमता (Vital Capacity) का अर्थ लिखो?

    Solution

    फेफडों की वह क्षमता है जिसे एक व्यक्ति अपने अधिकतम प्रयास से वायु अदंर व बाहर ले जा सकता है।

    Question 17
    CBSEHHIPEH12037016

    VO2 Max क्या है?

    Solution

    आक्सीजन की वह मात्रा होती हे जो सक्रिय मांसपेशिया व्यायाम के दौरान एक मिनट में प्रयोग में लेती है।

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    Question 18
    CBSEHHIPEH12037017

    ऐरोबिक क्षमता (Aerobic Capacity) का अर्थ लिखो?

    Solution

    ''ऐरोबिक'' शब्द का अर्थ है- वायु के साथ, शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता की आपूर्ति, आक्सीजन की उपस्थिति में अथवा मांसपेशियों को निरन्तर कार्य करने के लिए ऊर्जा की आपूर्ति आक्सीजन के साथ की जाती है उसे ऐरोबिक क्षमता कहते है। ''

    Question 19
    CBSEHHIPEH12037018

    मांसपेशी रेशे (Muscle Fibres) क्या है?

    Solution

    मांसपेशी, रेशे एक धागे जैसी संरचना की बनी होती है इसी को मांसपेशी रेशे कहते हैं, यह दो प्रकार के होते है:

    1. फास्ट या सफेद मांसपेशी रेशे (Fast or White Muscle Fibres)
    2. स्लो या लाल मांसपेशी रेशे (Slow or Red Muscle Fibres)

    Question 20
    CBSEHHIPEH12037019

    एनारोबिक क्षमता को परिभाषित करो?

    Solution

    मांसपेशियों में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कार्य करने की क्षमता को एनारोबिक (Anerobic Capacity) कहते हैं।

    Question 21
    CBSEHHIPEH12037020

    हृदय वाहिका संस्थान पर व्यायाम से पड़ने वाले तत्कालिक प्रभाव को अपने शब्दों में लिखिए?

    Solution
    1. हृदय गति का बढ़ना (Increase Heart Rate): जब कोई व्यक्ति व्यायाम करना प्रारम्भ करता है तो व्यायाम की प्रबलता के अनुरूप ही हृदय की गति बढ़ जाती है।
    2. स्ट्रोक आयतन में वृद्धि: व्यायाम की तीव्रता तथा अवधि के बढ़ने के अनुरूप ही प्रत्येक धड़कन पर हृदय के बाएँ निलय से निकलने वाले रक्त की मात्रा (Stroke Volume) में वृद्धि होती है।
    3. रक्त का आयतन: व्यायाम की तीव्रता तथा अवधि के अनुरूप ही हृदय द्वारा प्रति मिनट पम्प किए गए रक्त के आयतन (Cardiac Volume) में भी वृद्धि होती है।
    4. ऊतकों को रक्त की आपूर्ति बढ़ाना (More Blood Supply to Tissues) ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता होती है तो हृदयवाहिनी संस्थान उन ऊतकों में रक्त के बहाव को बढ़ा देती है जबकि जिनमें कम आवश्यकता होती है उनमें कम कर देता है।
    5. रक्त चाप में वृद्धि (Blood Pressure Increase) रक्त की आपूर्ति के कारण, रक्तचाप में वृद्धि होती है।
    Question 22
    CBSEHHIPEH12037021

    फास्ट और स्लोपेशीय तन्तु में अन्तर स्पष्ट करो।

    Solution

    फास्ट (सफेद) ट्विच तन्तु:

    1. ऐसे तन्तु जो कि गति क्रियाओं के लिए जाने जाते हैं।
    2. ऐसे तन्तु जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी कार्य (ऊर्जा) करते हैं।

    स्लो (लाल) ट्विच तन्तु:

    1. यह सहनशक्ति क्रियाओं के लिए जाने जाते हैं।
    2. ऐसे तन्तु जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में ही कार्य (ऊर्जा) करते हैं।

    Question 23
    CBSEHHIPEH12037022

    शक्ति को निर्धारित करने वाले शरीर क्रियात्मक कारक समझाइए।

    Solution

    किसी व्यक्ति की शक्ति को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार है:

    1. मांसपेशियों का आकार (Size of Muscle) बड़ी तथा विशाल मांसपेशियाँ अधिक शक्ति उत्पन्न करती है। पुरूषों की मांसपेशियाँ बड़ी होती है। इसलिए वे शक्तिशाली होती है। भार प्रशिक्षण की सहायता से मांसपेशी के आकार को बढ़ाया जा सकता है।
    2. शरीर का भार (Body Weight) अधिक भार वाले व्यक्ति हल्के व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होते है। जैसे अधिक शरीर भार वाले भारोत्तोलक।
    3. मांसपेशी संरचना (Muscle Composition) जिन मांसपेशीयों में फॉस्ट टि्वच फाइबर की प्रतिशतता अधिक होती है। वे अधिक शक्ति उत्पन्न करते है। जबकि स्लो टि्वच फाइवर्स शीघ्रता से संकुचित नहीं हो सकते, किंतु वे लंबी अवधियों तक संकुचित रहने की क्षमता रखते है। इन फाइबर्स की प्रतिशतता का निर्धारण आनुवंशिक तौर पर किया जाता है।
    4. तंत्रिका आवेग की प्रबलता: जब किसी केन्द्रीय स्नायु संस्थान (CNS) से आने वाली अधिक तीव्र तंत्रिका आवेग अधिक संख्या में गत्यात्मक ईकाइयों की उद्दीप्त करता है तो मांसपेशी अधिक बल से संकुचित होती है और अधिक बल उत्पन्न करती है।

    Question 24
    CBSEHHIPEH12037023

    नियमित रूप से व्यायाम करना बुढ़ापे में किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकता है?

    Solution

    बुढ़ापे की प्रक्रिया पर नियमित व्यायाम की भूमिका (Role of Regular Exercises on Ageing Process):

    1. नियमित व्यायाम करने से बुढ़ापे में होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।
    2. मांसपेशीय शक्ति का सुधार।
    3. अस्थि घनत्व बनाए रखने में सहायक होना।
    4. मस्तिष्क पर बढ़ती उम्र केप्र भाव को धीमा करना।
    5. फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाना।
    6. लचीलेपन में सुधार।
    7. तनाव व अवसाद में कमी।

    Question 25
    CBSEHHIPEH12037024

    सहन क्षमता को प्रभावित करने वाले शरीर क्रियात्मक कारक बताइए।

    Solution

    एरोबिक क्षमता:

    1. ऑक्सीजन लेना तथा ग्रहण करना (Oxygen Intake)
    2. ऑक्सीजन परिवहन (Oxygen Transport)
    3. ऑक्सीजन अंत: ग्रहण (Oxygen Uptake)
    4. ऊर्जा भंडार (Energy Reserves)

    एनारोबिक क्षमता:

    1. ATP और CP का शरीर में भण्डारण।
    2. बफ्फर क्षमता माँसपेशियों में अम्ल संचय को प्रभावहीन बनाना।
    3. लैक्टिक अस्ल की सहनशीलता।
    4. VO2 Max यह ऑक्सीजन की वह मात्रा होती है जो सक्रिय मांसपेशियाँ व्यायाम के दौरान एक मिनट में प्रयोग में लाती है।

    Question 26
    CBSEHHIPEH12037025

    नलिकाएँ (Capillaries) क्या है? इनका प्रमुख कार्य बतलाइये।

    Solution

    छोटी व पतली नलिकाएँ जो रक्त परिसंचरण में कार्य करती हैं। इनकी भित्ति, कोशिका की, मात्र एक तह से बनी होती है। रक्त और ऊतकों के बीच गैस व अन्य पदार्थों का आदान-प्रदान इन्हीं से होता है।

    Question 27
    CBSEHHIPEH12037026

    व्यायाम का श्वसन संस्थान पर प्रभावों का उल्लेख करो?

    Solution
    1. प्राणाधार वायु की क्षमता में वृद्धि (Increase in vital air capacity) व्यायाम करने से व्यक्ति में आक्सीजन (वायु की क्षमता लगभग 3500 सीसी से बढ़कर 5500 सीसी हो जाती है।
    2. अवशिष्ट वायु के आयतन में वृद्धि (Increase in Residual Volume) नियमित व्यायाम से अवशिष्ट की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है।
    3. असक्रिय वायु-कोशिकाएँ (Passive Alvelous become Active) सक्रिय हो जाती है। नियमित व्यायाम के दौरान O2 को अधिक मात्रा की पूर्ति करनी पड़ती है।
    4. मिनट आयतन घटना (Minute Volume Decrease) - एक मिनट में ली गई ऑक्सीजन की मात्रा में भी कमी आती है क्योंकि वायु कोष्ठिकाओं में गैसों के आदान प्रदान में सुधार हो जाता है।
    5. दूसरे श्वास की स्थिति से छुटकारा (Second wind almost finished) नियमित व्यायाम करने से दूसरे श्वास की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
    6. सहन क्षमता में वृद्धि (Increase in Endurance): यदि लंबी अवधि तक व्यायाम किया जाए तो व्यक्ति की सहन शक्ति में वृद्धि हो जाती है, कोई भी कार्य बिना थकेलंबे समय तक किया जा सकता है।
    Question 28
    CBSEHHIPEH12037027

    मांसपेशी संस्थान पर व्यायाम के प्रभावों को लिखो?

    Solution
    1. मांसपेशीय अतिवृद्धि (Muscle Hypertrophy): लगातार व्यायाम करने से पेशीय आकार में वृद्धि होती है।
    2. कोशिका नलिकाओं का निर्माण (Capillarisation):  प्रशिक्षण के कारण पेशियों में कोशिका नलिकाओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है जिसके कारण पेशियों का रंग गहरा लाल हो जाता है।
    3. अतिरिक्त वसा पर नियंत्रण: नियमित व्यायाम करने से अतिरिक्त वसा पर नियंत्रण होता है। व्यायाम कैलोरीज घटाने में मदद करते है जो वसा के रूप में जमा हो जाती है।
    4. थकान में देरी (Delay Fatigue): नियमित व्यायाम थकान में देरी करते है। यह थकान कार्बन डाइ आक्साइड, लैक्टिक एसिड और फास्फेट एसिड के कारण होती है।
    5. आसन (Posture): नियमित व्यायाम आसन तथा आसन सबंधी विकृतियों में सुधार करता है।
    6. शक्ति तथा गति (Strength and Speed): नियमित व्यायाम शक्ति तथा गति प्रदान करने वाली कोशिकाओं में सुधार करता है।
    7. भोजन का भंडारण बढ़ जाता है; जब नियमित व्यायाम किया जाता है तो भोजन का भंडारण बढ़ जाता है। जब भोजन की अचानक ही जरूरत पड़ती है तो शरीर को तत्काल ही यह इस भंडार से प्राप्त हो जाता है।
    Question 29
    CBSEHHIPEH12037028

    लचक को निर्धारित करने वाले शरीर क्रियात्मक कारको के बारे में लिखिए।

    Solution
    1. मांसपेशीय शक्ति (Muscle Strength):  मांसपेशियों में शक्ति का एक न्यूनतम स्तर होना आवश्यक है विशेषकर गुरूत्व तथा बाहरी बल के विरूद्ध।
    2. जोड़ों की बनावट (Joint Structure): मानव शरीर में कई प्रकार के जोड़ होते है। कुछ जोड़ी में मूलभूत रूप से अन्य जोड़ों की अपेक्षा अधिक प्रकार की गतियाँ करने की क्षमता होती है। उदाहरण- कंधे के 'बाल एवं सॉकेट' जोड़ की घुटने के जोड़ की अपेक्षा गति की सीमा कहीं अधिक होती है।
    3. आंतरिक वातावरण (Internal Environment) किसी खिलाड़ी का आंतरिक वातावरण भी खिलाड़ी की लचक को निर्धारित करता है। उदाहरण- 10 मिनट तक गर्म पानी में रहने से शरीर के तापमान तथा लचक में वृद्धि होती है तथा 10°C तापमान में बाहर रहने से कमी होती है।
    4. चोट (Injury) संयोजक ऊतको तथा मांसपेशियों में चोट के कारण प्रभावित क्षेत्र में मोटापा हो सकता है, रेशेदार ऊतक कम लचीले होते है तथा अंगों के संकुचन को कम कर सकते है जिससे लचीलेपन में कमी का कारण बन सकते है।
    5. आयु तथा लिंग (Age and Gender) आयु में वृद्धि के साथ-साथ लचक में भी कमी आती है। यह प्रशिक्षणीय है। इसमें प्रशिक्षण द्वारा वृद्धि की जा सकती है। चूँकि इससे शक्ति तथा सहन शक्ति में वृद्धि होती है। लिंग भी लचक को निर्धारित करता है। पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक लचक पाई जाती।
    6. सक्रिय और गतिहीन जीवन शैली (Active and Sedentary): नियमित व्यायाम लचक को बढ़ाती है। जबकि निष्किय व्यक्ति लचक को कोमल ऊतको और जोड़ों के न सिकुड़ने तथा फैलने के कारण खो देता है।
    7. वशांनुक्रम (Heridity): लिगामेंट और कैप्सूल की संरचनाओं के कारण अस्थि संरचना के जोड़ और लम्बाई वशांनुगत है जिसमें खिंचाव वाले व्यायामों के द्वारा लचक उत्पन्न नहीं की जा सकती।
    Question 30
    CBSEHHIPEH12037029

    गति को निर्धारित करने वाले शरीर क्रियात्मक कारक कौन-कौन से है विवेचन कीजिए।

    Solution
    1. विस्फोटक शक्ति (Explosive Power): प्रत्येक तीव्र तथा विस्फोट गतिविधि हेतु विस्फोटक शक्ति होना जरूरी है, जैसे किसी मुक्केबाज में विस्फोटक शक्ति की कमी होगी तो वह मुक्केबाजी में तेज पंच नहीं मार सकता, इसके अतिरिक्त विस्फोटक शक्ति मौसपेशिय संरचना, आकार तथा सामजंस्य पर भी निर्भर करती है।
    2. मांसपेशीय गठन (Muscle Competition): जिन मांसपेशी में फास्ट टि्वच रेशे अधिक होते हैं। वह अधिक गति कर सकते है। मांसपेशी का गठन आनुवांशिक रूप से निर्धारित होता है। प्रशिक्षण के द्वारा हम केवल कुछ सुधार कर सकते है।
    3. मांसपेशीयों की लोच और आराम की योग्यता (Elasticity & Relaxing Capacity of Muscle): मांसपेशीयों में लोच की योग्यता से मांसपेशियाँ अधिकतम सीमा तक गति कर सकती है। जिससे विरोध/प्रतिरोध को कम करके गतिविधियों को तीव्र कर सकते हैं, जो मांसपेशियां जल्दी (Relax) होती है, वे ही जल्दी संकुचित (Contract) होती है।
    4. स्नायु संस्थान की गतिशीलता (Mobility of Nervous System): स्नायु संस्थान की मोटर इन्द्रिय स्नायु (Motor and Sensory Nerves) शरीर के अंगों की गतिशीलता को निर्धारित करती है। प्रशिक्षण द्वारा हम एक सीमा तक स्नायु संस्थान की गतिशीलता को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि गति का निर्धारण काफी सीमा तक आनुवाशिंक कारकों पर निर्भर करता है।
    5. जैव-रासायनिक भंडार तथा उपापचय योग्यता (Bio Chemical Reserves & Metabolic Power): तीव्र गति व्यायामों में मांसपेशियों को अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती हे और यह ऊर्जा हमें माँसपेशियों में फॉस्फोरस (ATP) तथा क्रिएटिन फॉस्फेट (CP) की पर्याप्त मात्रा से मिलती है। प्रशिक्षण द्वारा ATP तथा CP की मात्रा तथा ऊर्जा आपूर्ति की दर में आवश्यकतानुसार वृद्धि की जा सकती है।
    Question 31
    CBSEHHIPEH12037030

    बुढ़ापे के कारण आने वाले शरीर-क्रियाविज्ञान सम्बन्धी परिवर्तनों को बताइए?

    Solution

    बुढ़ापा विभिन्न शरीर क्रियात्मक कार्यो की दक्षता में आने वाला निरंतर तथा अपरिवर्तनीय पतन या क्षय है। ये परिवर्तन प्राय : तीस वर्ष की आयु के उपरांत देखे जा सकते है।

    बुढ़ापे के कारण आने वाले शरीर-क्रियात्मक परिवर्तन:

    1. मांसपेशी संस्थान (Muscular System)
      - मांस पेशियोंके आकार तथा शक्ति में कमी।
    2. स्नायु संस्थान (Change in nervous system)
      इन्द्रियबोध में कमी Loss of Sense।
      कान, नाक, सूंघने की शक्ति, देखने की शक्ति, बोलने की शक्ति, स्पर्श आदि बोध में कमी आ जाती हैं।
      केन्द्रीय स्नायु संस्थान की कार्यक्षमता में भी कमी आ जाती है।
    3. पाचन संस्थान (Digestive System)
      शरीर के संघटक तथा उपापचय में भी कमी आ जाती है। (Decrease in Metabolism & Body Composition).
      Hcl अम्ल , द्रव्य, पाचक एंजाम तथा लार ग्ररइप्थ में कमी।
    4. अस्थि संस्थान (Skeletion System)
      अस्थियों के घनत्व में कमी (Decrease bone density)।
      ओस्टिपोरोसिस (Oestoporosis) के कारण हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है और जल्दी-जल्दी अस्थि टूट (Fracture) जाती है।
      कोलेजन बहिका रोग (Collagen Vascular Diseases)।
    5. हृदय वाहिनी संस्थान में परिवर्तन (Changs in Cardiovascular System)- हृदय मांसपेशीय कमजोर हो जाती हैं।
      स्ट्रोक-आयतन (Stroke Volume), कार्डिएक-आउट पुट (Cardiac Output) तथा रक्त आयतन (Blood Volume) में कमी आना।
      रक्त वाहिनियों का लचीलेपन में भी कमी आ जाती है।
      उच्चरक्तचाप में वृद्धि (High Blood Pressure)
      जल्दी-जल्दी थकावट का अनुभव (Feeling of Fatigue)
    6. श्वसन संस्थान में परिवर्तन (Changes in Respiratory System)
      बढ़ती आयु में फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आने लगती है।
      वायुमार्ग व फेफड़ो की मांसपेशी का लचीलापन तथा कार्यकुशलता में कमी।
      ऑक्सीजन अतः-ग्रहण, आक्सीजन विनिमय क्षमता कम हो जाती है।
      पसलियों की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है।
    7. शारीरिक क्षमता के घटकों में कमी
      शक्ति, गति, लचीलापन, सहनशीलता, समन्वय व फूर्ती में कमी होने लगती है।
    8. मूत्र संस्थान में परिवर्तन (Changes in Urninary System)
      गुर्दों का आकार कम होने से रक्त को साफ करने की दर भी कम हो जाती है।
      अवशिष्ट मूत्र की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

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