सिल्वर वैडिंग
‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी का प्रमुख पात्र बार-बार किशन दा को क्यों याद करता है? इसे आप उसका सामर्थ्य मानते हैं या कमजोरी? क्यों?
‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी का प्रमुख पात्र यशोधर बाबू किशन दा को बार-बार याद करते हैं। इसका कारण यह है कि यशोधर बाबू का पूरा व्यक्तित्व किशन दा के प्रभाव में ही विकसित हुआ है। यशोधर बाबू उनके व्यक्तित्व की ही प्रतिच्छाया हैं। हम इसे उनकी सामर्थ्य न मानकर उनकी कमजोरी मानते हैं। वे जीवन भर अपना कोई महत्त्व स्थापित नहीं कर पाते। वे किशनदा के रूप में ही जीकर अपनी कमजोरी को प्रकट करते हैं। यही कारण है कि वे जीवन के हर दौर में मिसफिट रहते हैं। जीवन का अंतिम दौर तो और भी खराब रहा। किसी व्यक्ति का प्रभाव ग्रहण करना बुरी बात नहीं है, पर पूरी तरह उसी मैं रम जाना और अपना स्वत्व मिटा देना ठीक नहीं है। इसे कमजोरी ही कहा जाएगा। यशोधर बाबू को अपनी समझ से काम लेना चाहिए था तथा अपनी सामर्थ्य पर भरोसा रखना चाहिए था।
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कहानी के आधार पर यशोधर पंत के व्यक्तित्व की विशेषताएँ संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए कि यशोधर जी की पत्नी समय के साथ बल सकने में सफल हो गयी है।
कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए कि यशोधर बाबू का व्यक्तित्व किशनदा के पूर्ण प्रभाव में विकसित हुआ था। अथवा
‘यशोधर बाबू का व्यक्तित्व किशनदा की प्रतिच्छाया है’ इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं? तार्किक उत्तर दीजिए।
किशनदा का बुढ़ापा सुखी क्यों नहीं रहा था?
यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट क्यों रहते थे और वे उनसे क्या चाहते थे?
‘आजकल पारिवारिक संबंधों’ में धन अधिक महत्त्वपूर्ण है’- कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।
चड्ढा यशोधर बाबू से क्या दुर्व्यवहार करता है?
यशोधर के स्वभाव कों सिल्वर वैडिंग’ पाठ के आधार पर बताइए।
अथवा
सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के स्वभाव की किन्हीं तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
यशोधर बाबू समय के साथ चल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
अथवा
‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए कि यशोधर बाबू समय के अनुसार क्यों नहीं चल सके।
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