-->

सिल्वर वैडिंग

Question
CBSEENHN12026744

‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।

Solution

‘सिल्वर वैडिंग’ एक लंबी कहानी है। यह कहानी अपने शिल्प में जोशी जी के चिर-परिचित भाषिक अंदाज और मुहावरों से युक्त है। आधुनिकता की और बढ़ता हमारा समाज एक ओर नई उपलब्धियों को समेटे हुए है तो दूसरी ओर मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने वाले मूल्य घिसते चले जा रहे हैं। ‘जो हुआ होगा’, और ‘समहाउ इंप्रापर’- ये दो जुमले इस कहानी के बीज वाक्य हैं। ‘जो हुआ होगा’ में यथास्थिति को स्वीकार कर लेने का भाव है तो ‘समहाऊ ईशापर’ में अनिर्णय की स्थिति है। ये दोनों ही भाव यशोधर बाबू के भीतर के द्वंद्व हैं। ये दोनों ही स्थितियाँ यथावत् स्वीकार कर लेने से बदलाव असंभव हो जाता है। यशोधर बाबू इन स्थितियों के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराते। यशोधर बाबू जहाँ बच्चों की नरक्की से खुश होते हैं वहीं ‘समहाऊ इंप्रापर’ भी अनुभव करते हैं। वे ये अनुभव करते हैं कि यह कैसी खुशहाली जो अपनों में परायापन पैदा करे। उनका यह द्वंद्व अंत तक बना रहता हे।

Some More Questions From सिल्वर वैडिंग Chapter

किशनदा का बुढ़ापा सुखी क्यों नहीं रहा था?

यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट क्यों रहते थे और वे उनसे क्या चाहते थे?

‘आजकल पारिवारिक संबंधों’ में धन अधिक महत्त्वपूर्ण है’- कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।

चड्ढा यशोधर बाबू से क्या दुर्व्यवहार करता है?

यशोधर के स्वभाव कों सिल्वर वैडिंग’ पाठ के आधार पर बताइए।

अथवा

सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के स्वभाव की किन्हीं तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

यशोधर बाबू समय के साथ चल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?

अथवा

‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए कि यशोधर बाबू समय के अनुसार क्यों नहीं चल सके।

‘सिल्वर वैडिंग’ के कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्ति हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है’ -इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए। 

“सिल्वरवेडिंग” कहानी के आधार पर पीढ़ियों के अंतराल के कारणों पर प्रकाश डालिए। क्या इस अंतराल को कुछ पाटा जा सकता है? कैसे? स्पष्ट कीजिए।

यशोधर बाबू के व्यक्तित्व तीन विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए।