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अपू के साथ ढाई साल

Question
CBSEENHN11011989

अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उनमें से 'कंन्टिन्यूइटी नदारद हो जाती है-इस कथन के पीछे क्या भाव है?

Solution

इस कथन के पीछे यह भाव है कि फिल्म में ककंन्टिन्यूइटीका बहुत महत्व है। एक सीन के दो हिस्से अलग-अलग दिनों में शूट होने पर इसका ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता, अन्यथा 'पैच वर्क 'जैसा प्रतीत होता है । दर्शकों को सीन में तारतम्यता चाहिए । उन्हें वास्तविक स्थिति का पता नहीं होता ।

Solution By Expert
Answered By

संदर्भ शूटिंग के दौरान अचानक हुए बदलाव का वर्णन किया गया है , जिससे सभी आश्चार्यचकित हो गए। व्याख्या

  • पथेर पांचाली फ़िल्म के दृश्य में अपू के साथ काशफूलों के वन में शूटिंग करनी थी।
  • सुबह शूटिंग करके शाम तक सीन का आधा भाग चित्रित किया।
  • क्षेत्र में नवागत होने के कारण थोड़े बौराए हुए ही थे, बाकी का सीन बाद में चित्रित करने का निर्णय लेकर सब घर चले गए।
  • सात दिन के बाद उस जगह में काफी बदलाव आ गया था देखकर हम पहचान नहीं पाए। निर्देशक, छायाकार, छोटे अभिनेता-अभिनेत्री सभी इस सात दिन बाद शूटिंग के लिए उस जगह गए, बीच के सात दिनों में जानवरों ने वे सारे काशफूल खा डाले थे।
  • उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल नहीं बैठता। उसमें से’कंटिन्युइटी’ नदारद हो जाती।
  • अतः इन सभी कारणों के कारण फिल्म की कॉन्टिनुइटी खत्म हो जाती है।
  • क्योंकि किसी भी कार्य में जब तक हम अपना पूर्ण ध्यान नहीं देते है तब तक उसमे सफलता प्राप्त करना मुश्किल होता है।

Some More Questions From अपू के साथ ढाई साल Chapter

बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?

किसी फिल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सूचीबद्ध कीजिए ।

तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि..... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि..... इत्यादि । ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शुटिंग के समय की असलियत फिल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है ।

मान लीजिए कि आपको अपने विद्यालय पर एक डॉक्यूमैंट्री फिल्म बनानी है । इस तरह की फिल्म में आप किस तरह के दृश्यों को चित्रित -करेंगे? फिल्म बनाने से पहले और बनाते समय किन बातों पर ध्यान देंगे?

पथेर पांचाली फिल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं । यदि आधी फिल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें ।

पठित पाठ के आधार पर यह कह पाना कहां तक उचित है कि फिल्म को सत्यजित राय एक कला-माध्यम के रूप में देखते हैं, व्यावसायिक-माध्यम के रूप में नहीं?

पाठ में कई स्थानो पर तत्सम, तद्भव. क्षेत्रीय सभी प्रकार के शब्द एक साथ सहज भाव से आए हैं । ऐसी भाषा का प्रयोग करते हुए अपनी प्रिय फिल्म पर एक अनुच्छेद लिखें ।

हर क्षेत्र में कार्य करने या व्यवहार करने की अपनी निजी या विशिष्ट प्रकार की शब्दावली होती है । जैसे 'अपू के साथ ढाई साल ' पाठ में फिल्म से जुड़े शब्द शुटिंग, शॉट, सीन आदि । फिल्म से जुड़ी शब्दावली में से किन्हीं दस की सूची बनाइए ।

नीचे दिए गए शब्दों के पर्याय इस पाठ में ढूँढी़ए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
इश्तहार, खुशकिस्मती, सीन, वृष्टि, जमा

सत्यजित रॉय को शुटिंग की दृष्टि से कौन-सा गांव अधिक उपयुक्त। लगा और क्यों?