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अपू के साथ ढाई साल

Question
CBSEENHN11012002

सत्यजित रॉय को शुटिंग की दृष्टि से कौन-सा गांव अधिक उपयुक्त। लगा और क्यों?

Solution

शूटिंग की दृष्टि से गोपाल ग्राम की तुलना में बोडाल गाँव राय साहब को अधिक उपयुक्त लगा । अपू-दुर्गा का घर, अपू का स्कूल, गाँव के मैदान, खेत, पुकुर, आम के पेड़, बाँस की झुरमुट ये सभी बातें बोडाल गाँव में और आस-पास उन्हें मिलीं । अब उस गाँव में बिजली आ गई है, पक्के घर, पक्के रास्ते बने हैं । उस जमाने में वै नहीं । थे।

Some More Questions From अपू के साथ ढाई साल Chapter

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
मूल उपन्यास में अपू और दुर्गा के 'भूलो 'नामक पालतू कुत्ते का उल्लेख है । गांव से ही हमने एक कुत्ता प्राप्त किया, और वह भी हमसे ठीक बर्ताव करने लगा । फिल्म में एक दृश्य ऐसा है - अपू की माँ सर्वजया अन् को भात खिला रही है । भूलो कुत्ता दरवाजे के सामने अगिन में बैठकर अपू का भात खाता देख रहा है । अपू के हाथ में छोटे तीर-कमान हैं । खाने में उसका पूरा ध्यान नहीं है । वह माँ की ओर पीठ करके बैठा हुआ है । वह तीर-कमान खेलने के लिए उतावला है ।

1. मूल उपन्यास में किस बात का उल्लेख है? वह कहाँ मिला?
2. फिल्म का दृश्य कैसा था?
3. अपू की क्या दशा है?

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
आखिर एक दिन हुआ भी वैसा ही । शरद् ऋतु में भी आसमान में बादल छा गए और धुआँधार बारिश शुरू हुई । उसी बारिश में भीगकर दुर्गा भागती हुई आई और उसने पेड़ के नीचे भाई के पास आसरा लिया । भाई-बहन एक-दूसरे से चिपककर बैठे । दुर्गा कहने लगी-' नेत्-पाता करमचा, हे वृष्टी घरे जा! 'बरसात, ठंड, अपू का बदन खुला, प्लास्टिक के कपड़े से ढके कैमरे को खि लगाकर देखा, तो वह ठंड लगने के कारण सिहर रहा था । शॉट पूरा होने के बाद दूध में थोड़ी ब्रांडी मिलाकर दी और भाई-बहन का शरीर गरम किया । जिन्होंने 'पथेर पांचाली 'फिल्म देखी है, वे जानते ही हैं कि वह शॉट बहुत अच्छा चित्रित हुआ है ।

1. आखिर एक दिन कैसा हुआ?
2. दुर्गा ने क्या अभिनय किया?
3. शॉट पूरा होने के बाद क्या किया गया?

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
उस घर के एक हिस्से में एक के पास एक ऐसे कुछ कमरे थे। वे हमने फिल्म में नहीं दिखाए। उन कमरों में हम अपना सामान रखा करते थे। एक कमरे में रिकार्डिंग मशीन लेकर हमारे साउंड-रिकॉर्डिस्ट भूपेन बाबू बैठा करते थे। हम शूटिंग के वक्त उन्हें देख नहीं सकते थे, फिर भी उनकी आवाज सुन सकते थे। हर शॉट के बाद हम उनसे पूछते, 'साउंड ठीक है न? 'भूपेन बाजू इस पर 'हां या 'ना 'जवाब देते।

1. यहाँ किस घर का उल्लेख है?
2. सामान कहाँ रखा जाता था?
3. भूपेन बाबू क्या काम करते थे?

पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?

अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उनमें से 'कंन्टिन्यूइटी नदारद हो जाती है-इस कथन के पीछे क्या भाव है?

किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शुटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है?

फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस प्रकार फिल्माया गया?

बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?

किसी फिल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सूचीबद्ध कीजिए ।

तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि..... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि..... इत्यादि । ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शुटिंग के समय की असलियत फिल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है ।