निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
आखिर एक दिन हुआ भी वैसा ही । शरद् ऋतु में भी आसमान में बादल छा गए और धुआँधार बारिश शुरू हुई । उसी बारिश में भीगकर दुर्गा भागती हुई आई और उसने पेड़ के नीचे भाई के पास आसरा लिया । भाई-बहन एक-दूसरे से चिपककर बैठे । दुर्गा कहने लगी-' नेत्-पाता करमचा, हे वृष्टी घरे जा! 'बरसात, ठंड, अपू का बदन खुला, प्लास्टिक के कपड़े से ढके कैमरे को खि लगाकर देखा, तो वह ठंड लगने के कारण सिहर रहा था । शॉट पूरा होने के बाद दूध में थोड़ी ब्रांडी मिलाकर दी और भाई-बहन का शरीर गरम किया । जिन्होंने 'पथेर पांचाली 'फिल्म देखी है, वे जानते ही हैं कि वह शॉट बहुत अच्छा चित्रित हुआ है ।
1. आखिर एक दिन कैसा हुआ?
2. दुर्गा ने क्या अभिनय किया?
3. शॉट पूरा होने के बाद क्या किया गया?
1. लेखक बरसात में एक सीन की शुटिंग करना चाहता था, पर समस्या यह थी जब तक पैसों का इंतजाम हुआ तब तक बरसात बीत चुकी थी। अक्टूबर आ गया था। लेखक अकबर में शरद् की बरसात की प्रतीक्षा कर रहा था ताकि अपने सीन की शुटिंग कर सके। आखिर एक दिन शरद् ऋतु में धुआँधार बारिश हो ही गई और लेखक को अपना सीन सूट करने का मौका मिल गया।
2. दुर्गा बारिश में भीगती हुई आई और उसने पेड़ के नीचे अपने भाई के पास आसरा लिया। बहन- भाई एक-दूसरे से चिपटकर बैठे। दुर्गा कहती है-' नेबूर-पाता करमचा, हे वृष्टी घरे जा। 'अर्थात् नींबू के पत्ते खट्टे हो गए हैं, हे बादल अब अपने घर वापस जाओ। यह शॉट बहुत अच्छा चित्रित हुआ।
3. शॉट पूरा होने के बाद पता चला कि अपू ठंड लगने के कारण सिहर रहा है। अत: दूध में थोड़ी ब्रांडी मिलाकर उन्हे पिलाई गई। इस प्रकार भाई -बहन के शरीर को गरम किया गया।