तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि..... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि..... इत्यादि । ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शुटिंग के समय की असलियत फिल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है ।
ये प्रसंग हैं :-
1. भूलो कुत्ते के स्थान पर दूसरे कुत्ते को भूलो बनाकर प्रस्तुत करना ।
2. रेलगाड़ी से धुआँ उठवाने के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग करना ।
3. काशफूलों को जानवरों द्वारा खा जाना और अगले मौसम में सीन के शेष भाग की शुटिंग पूरी करना ।
4. श्रीनिवास का पात्र निभाने वाले कलाकार की मृत्यु के बाद दूसरे व्यक्ति से उसका शेष काम पूरा करवाना । मिठाई वाला दृश्य ।
शूटिंग के समय कई प्रकार की दिक्कतें तो आती है। उन्हें री टेक करके दिया जाता है । पिछली कटि-ईटी का ध्यान रखा जाता है । कुछ दृश्य काटकर सीन को ठीक कर लिया जाता है ।