क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।
प्रकृति ने पक्षियों को पंख इसलिए दिए ताकि वे हवा में उड़ते हुए आकाश के विस्तार को देख सकें व उसकी ऊँचाइयों को पा सकें। पक्षी चहचहाते हुए, कलरव करते हुए जब उड़ते हैं तो उन्हें बहुत आनंद आता है। जबकि पंख होते हुए भी कुछ पक्षी जैसे बतख, शतुरमुर्ग आदि अधिक उड़ान नहीं भर पाते। उनका सुख व आनंद नाममात्र ही होता है।
सभी पक्षी स्वाभाविक क्रियाओं को भी आनंदपूर्वक ही पूरा करते हैं जैसे चिड़िया घोंसला बनाते हुए तिनका-तिनका एकत्रित करने में भी आनंदित होती है। पक्षी अपने बच्चों को दाना खिलाने व सुरक्षित स्थान देने में भी आनंद का ही अनुभव करते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पक्षी भले ही लंबी उड़ान भरने में अधिक आनंदित होते हों लेकिन स्वाभाविक क्रियाएँ भी उन्हे आनंद प्रदान करती हैं।