स्पर्श भाग १ Chapter 8 शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
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    NCERT Solution For Class 9 Hindi स्पर्श भाग १

    शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Here is the CBSE Hindi Chapter 8 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 Hindi शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter 8 NCERT Solutions for Class 9 Hindi शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter 8 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN9000635

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    आकाश के तारों में शुक्र की कोई जोड़ नहीं। शुक्र चंद्र का साथी माना जाता है। उसकी आभा-प्रभा का वर्णन करने में संसार के कवि थके नहीं। फिर भी नक्षत्र मंडल में कलगी-रूप इस तेजस्वी तारे को दुनिया या तो ऐन शाम के समय, बड़े सवेरे घंटे-दो घंटे से अधिक देख नहीं पाती। इसी तरह भाई महादेव जी आधुनिक भारत की स्वतंत्रता के उषाकाल में अपनी वैसी ही आभा से हमारे आकाश को जगमगाकर, देश और दुनिया को मुग्ध करके, शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए। सेवाधर्म का पालन करने के लिए इस धरती पर जनमे स्वर्गीय महादेव देसाई गांधीजी के मंत्री थे। मित्रों के बीच विनोद में अपने को गांधीजी का ‘हम्माल’ कहने में और कभी-कभी अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे का गौरव अनुभव किया करते थे।
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो?
    (ख) महादेव जी आधुनिक भारत की स्वतंत्रता के उषाकाल में ही विदा हो गए। अर्थ स्पष्ट करें।
    (ग) महादेव की तुलना शुक्रतारे से क्यों की गई है?
    (घ) महादेव जी अपना परिचय किस प्रकार देते थे?


    Solution

    (क) पाठ-शुक्रतारे के समान, लेखक-स्वामी आनन्द।
    (ख) महादेव जी, गांधीजी के साथ भारत के स्वतंत्रता-आन्दोलन से जुड़े हुए थे। भारत की स्वतंत्रता रूपी सुबह होने ही वाली थी। अचानक महादेव जी का देहांत हो गया। इसलिए लेखक ने ऐसा कहा है।
    (ग) जिस प्रकार शुक्रतारा थोड़े से समय में ही आकाश में अपनी चमक बिखेरकर अस्त हो जाता है उसी प्रकार महादेव भी अपने थोड़े से जीवन में ही अपनी कार्यशैली से दुनिया को प्रभावित कर गए। इसी कारण महादेव की शुक्रतारे से तुलना की गई है।
    (घ) महादेव जी अपने मित्रों के बीच विनोद करते हुए अपने आपको गांधीजी का ‘हम्माल’ कहने में और कभी-कभी अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरव का अनुभव किया करते थे।

    Question 2
    CBSEENHN9000636

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    इसके अलावा महादेव, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र, जो आँखों में तेल डालकर गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों को देखा करते थे और उन पर बराबर टीका-टिप्पणी करते रहते थे, उनको आड़े हाथों लेने ठाले लेख भी समय-समय पर लिखा करते थे। बेजोड़ कॉलम, भरपूर चौकसाई, ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार-पत्रों की परंपराओं को अपनाकर चलने का गांधीजी का आग्रह और कट्‌टर से कट्‌टर विरोधियों के साथ भी पूरी-पूरी सत्यनिष्ठा में से उत्पन्न होनेवाली विनय-विवेक-युक्त विवाद करने की गांधीजी की तालीम इन सब गुणों ने तीव्र मतभेदों और विरोधी प्रचार के बीच भी देश-विदेश के सारे समाचार-पत्रों की दुनिया में और एंग्लो-इंडियन समाचार-पत्रों के बीच भी व्यक्तिगत रूप से एम.डी. को सबका लाडला बना दिया था।
    प्रशन
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) ‘आँखों में तेल डालकर’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
    (ग) अन्य समाचार-पत्र गांधीजी के विरुद्ध क्या करते थे?
    (घ) महादेव किन गुणों के कारण सबके लाड़ले बन गए?

    Solution

    (क) पाठ-शुक्रतारे के समान, लेखक-स्वामी आनन्द।
    (ख) इसका अर्थ है पैनी नजरों से जाँच-पड़ताल करना। सावधानी से किसी बात में गलती खोजना।
    (ग) अन्य समाचार-पत्र गांधीजी की लोकप्रियता से डरते थे। वे हमेशा गांधीजी के बारे में उल्टा-सीधा लिखते रहते थे। ये समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर तीखी नजर रखते थे।
    (घ) गांधीजी के मार्गदर्शन और शत्रु के साथ भी विनम्रता से विवाद करने की शिक्षा ने समाचार-पत्रों की दुनिया में महादेव भाई को सबका लाडला बना दिया।

    Question 3
    CBSEENHN9000637

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, राजनीतिज्ञ, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक, पादरी, ग्रंथकार आदि गांधीजी से मिलने के लिए आते थे। ये लोग खुद या इनके साथी-संगी भी गांधीजी के साथ बातचीत को ‘शार्टहैंड’ में लिखा करते थे। महादेव एक कोने में बैठे-बैठे अपनी लंबी लिखावट में सारी चर्चा को लिखते रहते थे। मुलाकात के लिए आए हुए लोग अपनी मुकाम पर जाकर सारी बाचतीत को टाइप करके जब उसे गांधीजी के पास ‘ओके’ करवाने के लिए पहुँचते, तो भले ही उनमें कुछ भूलें या कमियाँ-खामियाँ मिल जाए, लेकिन महादेव की डायरी में या नोट-बही में मजाल है कि कॉमा मात्र की भी भूल मिल जाए।
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) गांधीजी से मिलने कौन-कौन लोग आते थे?
    (ग) महादेव जी कोने में बैठे इन लोगों की गांधीजी के साथ बातचीत को कैसे लिखते थे?
    (घ) मुलाकातियों के साथ आए आदमी बातचीत को कैसे नोट करते थे?

    Solution

    (क) पाठ-शुक्रतारे के समान, लेखक-स्वामी आनन्द।
    (ख) गांधीजी से मिलने के लिए बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, राजनीतिज्ञ, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार पत्रों के प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक, पादरी, ग्रंथकार आदि आते थे।
    (ग) महादेव को ईश्वर की ओर से यह गुण मिला था कि वे तेज गति से बिना गलती किए लंबी बातचीत को कागज में उतार सकते थे। वे कोने में बैठे बातचीत को लिखावट में लिखते रहते थे।
    (घ) मुलाकातियों के साथ आए हुए आदमी गांधीजी की बातचीत को शार्टहैंड विधि से नोट करते थे। वे बाद में उसे टाइप करते थे।

    Question 4
    CBSEENHN9000638

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    बिहार और उत्तर प्रदेश के हज़ारो मील लंबे मैदान गंगा, यमुना और दूसरी नदियों के परम उपकारी, सोने की कीमत वाले ‘गाद’ के बने हैं। आप सौ-सौ कोस चल लीजिये रास्ते में सुपारी फोड़ने लायक एक पत्थर भी कहीं मिलेगा नहीं। इसी तरह महादेव के संपर्क में आने वाले किसी को भी ठेस या ठोकर की बात तो दूर रही, खुरदरी मिट्‌टी या कंकरी भी कभी चुभती नहीं थी। उनकी निर्मल प्रतिभा उनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को चंद्र-शुक्र की प्रभा के साथ दूधों नहला देती थी। उसमें सराबोर होने वाले के मन में उनकी इस मोहिनी का नशा कई-कई दिन तक उतरता न था।
    प्रशन:
    (क)  पाठ तथा लेखक का नाम लिखो?
    (ख) इस गद्यांश में प्रयुक्त ‘सोने की कीमत वाले गाद’ का क्या अर्थ है?
    (ग) लेखक ने महादेव की तुलना उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदान से क्यों की है?
    (घ) महादेव भाई को मुलाकाती क्यों हमेशा याद रखते थे?

    Solution

    (क) पाठ-शुक्रतारे के समान, लेखक-स्वामी आनन्द।
    (ख) ‘सोने की कीमत वाले गाद’ से लेखक का अर्थ उपजाऊ जमीन से है। गंगा-जमुना का मैदान इतना उपजाऊ है कि यहाँ भरपूर फसल पैदा होती है। इसी को लेखक ने ‘सोने की कीमत वाले गाद’ कहा है।
    (ग) लेखक के अनुसार जिस प्रकार इन मैदानों में बिना किसी कठिनाई के खेती की जा सकती है उसी प्रकार महादेव जी के सम्पर्क में आने वालों को उनकी किसी बात से ठेस नहीं लगती थी। क्योंकि महादेव का जीवन अत्यंत सरल था।
    (घ) महादेव भाई से मिलने वाले उन्हें इसलिए याद करते थे क्योंकि वे उन्हें बड़े प्रेम से मिलते थे। लोगों को इस बात का अहसास ही नहीं होता था कि वे किसी दूसरे व्यक्ति से मिल रहे हैं। इसी अपनेपन के कारण लोग उन्हें याद रखते थे।

    Question 5
    CBSEENHN9000639

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गांधीजी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़ भरे प्रसंगों के बीच केवल साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला, फिर भी गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेज़ी अनुवाद उन्होंने किया, जो ‘नवजीवन’ में प्रकाशित होनेवाले मूल गुजराती की तरह हर हफ़्ते ‘यंग इंडिया’ में छपता रहा। बाद में पुस्तक के रूप में उसके अनगिनत संस्करण सारी दुनिया के देशों में प्रकाशित हुए और बिके।
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) महादेव जी को क्या ईश्वरीय देन मिली?
    (ग) महादेव जी को साहित्यिक लेखन का समय क्यों नहीं मिला?
    (घ) महादेव भाई ने किस आत्मकथा का अंग्रेजी अनुवाद किया और वह हर सप्ताह किसमें छपता रहा?


    Solution

    (क) पाठ-शुक्रतारे के समान, लेखक-स्वामी आनन्द।
    (ख) महादेव जी को प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कारयुक्त भाषा व मनोहारी लेखन शैली की ईश्वरीय देन मिली थी।
    (ग) गांधीजी के संपर्क में आने के बाद महादेव जी का जीवन इतना व्यस्त हो गया कि उन्हें निजी कामों के लिए समय ही नहीं मिलता था वे सदा मुलाकातियों और समाचार-पत्रों के बीच ही रहे।
    (घ) महादेव भाई ने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद किया जो ‘नवजीवन’ में प्रकाशित होने वाले मूल गुजराती की तरह हर सप्ताह ‘यंग इंडिया’ में छपता रहा। बाद में यह सारी दुनिया में प्रकाशित हुआ और खूब बिका।

    Question 6
    CBSEENHN9000640

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?

    Solution
    महादेव भाई मित्रों के बीच अपने को गांधीजी का ‘हम्माल’ और कभी-कभी अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे जिसका अर्थ है सभी प्रकार के काम सफलता पूर्वक करने वाला।
    Question 7
    CBSEENHN9000641

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

    Solution
    ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी इसलिए रहने लगी क्योंकि ‘यंग इंडिया’ नामक अंग्रेजी साप्ताहिक में लिखने वाले मुख्य लेखक ‘हार्नीमैन’ को गांधीजी का अनुयायी होने के कारण देश निकाले की सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया गया।
    Question 8
    CBSEENHN9000642

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
     गांधीजी ने ‘यंग इडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

    Solution
    गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि वह इस साप्ताहिक पत्र को हफ्ते में केवल दो बार प्रकाशित करेंगे, क्योंकि सत्याग्रह आन्दोलन में लीन रहने के कारण गांधीजी का काम बहुत बढ़ गया था।
    Question 9
    CBSEENHN9000643

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

    Solution
    गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे। इसके साथ-साथ उन्होंने अहमदाबाद में वकालत भी शुरू कर दी थी।
    Question 10
    CBSEENHN9000644

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

    Solution
    महादेव भाई अपने झोलों में मासिक पत्र, समाचार पत्र और पुस्तकें रखते थे।
    Question 11
    CBSEENHN9000645

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

    Solution
    महादेव भाई ने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया जो ‘यंग इंडिया’ नामक पत्र में छपता रहा।
    Question 12
    CBSEENHN9000646

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे?

    Solution
    अहमदाबाद में ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे।
    Question 13
    CBSEENHN9000647

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

    Solution
    महादेव भाई दिन में लगातार काम करते थे। लगातार चलने वाली यात्राओं, विशाल समुदायों, समाजों, मुलाकातों, चर्चाओं और बातचीतों के बीच स्वयं कब खाते, कब नहाते या कब सोते किसी को इसका कोई पता नहीं चल पाता था। वे दिन में लगभग 17-18 घंटे काम करते थे।
    Question 14
    CBSEENHN9000648

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

    Solution
    महादेव भाई से गांधीजी की निकटता भर्तृहरि के भजन की इस पंक्ति से सिद्ध होती है- ‘ए रे जख्म जोगे नहिं जरो’ यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं। बाद के सालों में भी अपने नए कार्यकर्ता प्यारेलाल जी को कुछ कहना होता तो उस समय भी गांधीजी के मुँह से अचानक ही महादेव का नाम ही निकलता था। गांधीजी उन्हें भुला नहीं पाये थे।
    Question 15
    CBSEENHN9000649

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
    गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

    Solution
    महादेव गांधीजी के लिए पुत्र से भी बढ़कर थे सन् 1917 में वे गांधीजी के पास पहुँचे थे। गांधीजी ने उनको तत्काल ही पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। फिर सन् 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गांधीजी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कह दिया।
    Question 16
    CBSEENHN9000650

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
    गांधीजी से मिलने आनेवाले के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

    Solution
    गांधीजी के सामने अंग्रेजों के जुल्मों और अत्याचारों की कहानियां पेश करने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल के दल ग्राम देवी के भावी भवन पर उमड़ते रहते थे। जो लोग गांधीजी से मिलने के लिए आते थे, उनसे पहले महादेव भाई मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनते थे। फिर वे उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियां तैयार करके उन्हें गांधीजी के सामने पेश करते थे और आने वालों के साथ उनकी रूबरू मुलाकात भी करवाते थे।
    Question 17
    CBSEENHN9000651

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
    महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

    Solution
    महादेव भाई देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र में गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। इन्होंने टैगोर, शरतचन्द्र आदि के साहित्य का अध्ययन करना शुरू कर दिया था। महादेव जी की साहित्यिक देन यह थी कि उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद किया था। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे। उनकी डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं।

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    Question 18
    CBSEENHN9000652

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
    महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?

    Solution
    महादेव भाई वर्धा की असहनीय गर्मी में प्रतिदिन सुबह पैदल चलकर सेवाग्राम पहुँचते थे। वहाँ दिनभर काम करके शाम को पैदल वापस आते थे। आते-जाते पूरे ग्यारह मील तक उन्हें प्रतिदिन चलना पड़ता था। यह सिलसिला लम्बे समय तक चला। इसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और यह उनकी अकाल मृत्यु का कारण बन गया।
    Question 19
    CBSEENHN9000653

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
    महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?

    Solution
    महादेव भाई की लेखन प्रतिभा अद्वितीय थी। उनके समान शुद्ध ओर सुंदर अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर भी नहीं मिलता था। अन्य लोगों के लिखे लेखों में चाहे कमियाँ या खामियाँ मिल जाएँ किन्तु महादेव की डायरी में या नोट में क्या मजाल कि कहीं कौमा या मात्रा की गलती मिल जाए। गाँधी जी अन्य लेखकों से कहते थे कि महादेव के लिखे नोट के साथ मिलान कर लेना। और लोग दाँतों तले अंगली दबाकर रह जाते थे।
    Question 20
    CBSEENHN9000654

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?

    Solution
    पंजाब में फ़ौजी शासन ने यह कहर बरसाया कि पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके फ़ौजी कानून के तहत उम्र कैद की सजाएँ देकर कालापानी भेज दिया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री काली राम को दस साल की जेल की सजा दी गई। लोगों पर अनगिनत अत्याचार किए गए।
    Question 21
    CBSEENHN9000655

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?

    Solution
    महादेव जी गाँधी जी के सहयोगी थे। उनका अधिकतर समय गाँधी जी के साथ देश भ्रमण तथा उनकी प्रतिदिन की गतिविधियों में बीतने लगा। वे समय-समय पर गाँधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। महादेव जी जो लिखते थे वह बड़ा सन्दर व सटीक होता था। वह चाहे साधारण लेख हो या विरोधी समाचार पत्रों की प्रतिक्रियाओं का जवाब, सभी में उनकी शिष्टाचार भरी शैली होती थी। उनके कॉलम सीधी सादी भाषा में सुस्पष्ट व उच्च भावों से भरे होते थे। वे विरोधियों की बातों का जबाव उदार हृदय से देते थे। यही कारण था कि वे सबके लाड़ले बन गए।
    Question 22
    CBSEENHN9000656

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

    Solution
    महादेव पूर्व रूप से शुद्ध व सुन्दर लेख लिखते थे। पूरे भारतवर्ष में उनका कोई सानी नहीं था। वाइसराय के नाम से जाने वाले गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखाई में ही जाते थे। उन पत्रों सी लिखावट देखकर वाइसराय भी लंबी साँस लेते थे। वे तेज गति से लंबी लिखाई कर सकते थे। उनकी लिखावट में कोई भी गलती नहीं होती थी। लोग टाइप करके लाई रचनाओं को महादेव की रचनाओं से मिलाकर देखते थे। उनके लिखे लेख, टिप्पणियाँ, पत्र और गाँधी जी के व्याख्यान सबके सब ज्यों के त्यों प्रकाशित होते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गर्वनर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सेवाओं में महादेव के समान अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर भी नहीं मिलता था। पढ़ने वालों को मंत्र-मुग्ध करने वाला शुद्ध और सुंदर लेख।
    Question 23
    CBSEENHN9000657

    (ग) निम्मलिखित का आश्य स्पष्ट कीजिए-
    ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-मिश्ती-खर’ के रूप में देने में के गौरवान्वित महसूस करते थे।'

    Solution
    आशय-प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक गाँधी जी के निजी सचिव की निष्ठा, समर्पण और उनकी प्रतिभा का वर्णन करते हुए कहते है कि वे स्वयं को गाँधी जी का निजी सचिव ही नहीं बल्कि एक ऐसा सहयोगी मित्र मानते थे जो सदा उनके साथ रहे। वे गाँधी जी के प्रत्येक गतिविधि उनका भोजन उनके दैनिक कार्यों में हमेंशा उनका साथ देते थे। इसलिए स्वयं को उनका पीर अर्थात् सलाहकार, उनका रसोइया, मशक से पानी ढोने वाला व्यक्ति तथा श्वर के रूप में मानते थे और लोगों को अपना परिचय भी यही कहकर देते थे।
    Question 24
    CBSEENHN9000658

    (ग) निम्मलिखित का आश्य स्पष्ट कीजिए-
    इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था

    Solution
    आशय-प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि जब महादेव भाई और उनके जिगरी दोस्त नरहरि भाई ने एक साथ वकालत की पढ़ाई की थी तब दोनों ने पढ़ाई खतम होते ही अहमदाबाद में वकालत शुरू की। लेखक का यह मत है कि वकालत के पेशे में स्याह को सफ़ेद अर्थात् काले कारनामों को भी उत्तम करार दे दिया जाता है तथा जो सही है उसे भी दलीलों के माध्यम से गलत सिद्ध कर दिया जाता है इस व्यवसाय में कई बार वकील अपना दिमाग लगाकर सबूतों और दलीलों के बल पर गलत को सही और सही को गलत सिद्ध कर देते हैं किन्तु महादेव भाई ने हमेशा उचित और सही कार्य किए।
    Question 25
    CBSEENHN9000659

    (ग) निम्मलिखित का आश्य स्पष्ट कीजिए-
    देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे तरह ही अचानक अस्त हो गए

    Solution
    आशय-प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि जिस प्रकार नक्षत्र मंडल में तेजस्वी शुक्रतारे की दुनिया या तो शाम के समय या बड़े सवेरे केवल एक दो घंटे के लिए देख पाती है उसी प्रकार महादेव भाई भी गाँधी जी के पास आधुनिक भारत के स्वतंत्रता काल में सन् 1917 में पहुँचे। उन्होंने थोड़े से समय में ही अपनी लेखन प्रतिभा, अपने परिश्रम तथा देश के प्रति प्रेम की भावना से सारे संसार को अपनी ओर मोड़ लिया और शुक्रतारे की तरह अल्प समय में अपनी प्रतिभा से सम्पूर्ण विश्व को मंत्र मुग्ध करके सन् 1935 में अस्त हो गए।
    Question 26
    CBSEENHN9000660

    (ग) निम्मलिखित का आश्य स्पष्ट कीजिए-
    उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे

    Solution
    आशय-प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि महादेव भाई द्वारा लिखे लेख तथा टिप्पणियाँ पत्र अद्‌भुत होते थे। भारत में उनके अक्षरों का कोई सानी नही था। उनका शब्द चयन अनूठा था। वे इतनी शुद्ध और सुन्दर भाषा में पत्र लिखते थे कि देखने वालों के मुँह से ‘वाह’ निकल जाती थी। गाँधी जी के पत्रों का लेखन महदेव जी करते थे। वे पत्र जब शिमला में बैठे वाइसराय के पास जाते थे तो वे उनकी सुन्दर लिखावट देखकर दंग रह जाते थे और लंबी-लंबी साँस लेने लगते क्योंकि सारी ब्रिटिश सर्विस में महादेव के समान अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर भी नहीं मिलता था।
    Question 27
    CBSEENHN9000661

    ‘इका’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-
    सप्ताह -         साप्ताहिक             अर्थ - ……………….......
    साहित्य - .............................. धर्म - ……………….......
    व्यक्ति - ............................... मास- ……………….......
    राजनीति - ............................. वर्ष - ………………......

    Solution

    सप्ताह - साप्ताहिक साहित्य - साहित्यिक
    व्यक्ति - व्यक्तिक राजनीति – राजनीतिक
    अर्थ -   आर्थिक धर्म – धार्मिक
    मास - मासिक वर्ष - वार्षिक

    Question 28
    CBSEENHN9000662

    नीचे दिए गए उपसर्गो का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए:
    अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
    आर्य ............... आगत .................
    डर ................ आकर्षण .................
    क्रय ................ मार्ग ...................
    उपस्थित ............लोक................
    नायक ............... भाग्य................

    Solution

    आर्य = सन् + आर्य = अनार्य
    डर = नि + डर = निडर
    क्रय = वि + क्रय = विक्रय
    उपस्थित = अन् + उपस्थित = अनुपस्थित
    नायक = आधि + नायक = अधिनायक
    आगत = सु + आगत = स्वागत
    आकर्षक = अन् + आकर्षण = अनाकर्षण
    मार्ग = सु + मार्ग = सुमार्ग
    लोक = पर + लोक = परलोक
    भाग्य = दुर + भाग्य = दुर्भाग्य

    Question 29
    CBSEENHN9000663

    नीचे दिए गए उपसर्गो का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए:
    आड़े हाथों लेना                       अस्त हो जाना
    दाँतों तले अंगुली दबाना              मंत्र-मुग्ध करना
    लोहे के चने चबाना

    Solution

    आड़े हाथों लेना-परीक्षा में कम अंक आने पर रमेश के माता-पिता ने उसे आड़े हाथों लिया।
    अस्त हो जाना- आपसी ईर्ष्या-द्वेष कलह से समाज में बड़े-बड़े धरानों की प्रसिद्धि अस्त हो जाती है।
    दाँतों तले अंगुली दाबाना- ताजमहल की सुंदरता देखकर पर्यटक दाँतों तले अंगुली दबा लेते है।
    मंत्र-मुग्ध करना- स्वामी विवेकानन्द की ओजस्वी वाणी भारतीयों तो क्या विदेशियों को भी मंत्र मुग्ध कर देती थी।
    लोहे के चने चबाना- भारतीय सेना का मुकाबला करना लोहे के चने चबाने के समान है।

    Question 30
    CBSEENHN9000664

    निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए -
    वारिस - ................ जिगरी - ................ कहर -. ...............
    मुकाम - ................ रूबरू - ................ फ़र्क- ................
    तालीम - ................ गिरफ़्तार - ................

    Solution

    वारिस - उत्तराधिकारी             जिगरी - हार्दिक         कहर - जुल्म, अत्याचार
    मुकाम - लक्ष्य                     रूबरू - प्रत्यक्ष          फ़र्क- अंतर
    तालीम - शिक्षा                    गिरफ्तार - कैद

    Question 31
    CBSEENHN9000665

    उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए-
    उदाहरण: गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
               गांधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते के।
    1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
    2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे?
    3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे?
    4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
    5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

    Solution

    1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावचीं-मिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
    2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
    3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
    4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गाँधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
    5. गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

    Question 32
    CBSEENHN9000666

    गाँधी जी के पास पत्र कहाँ-कहाँ से आते थे?

    Solution
    गाँधी जी के पास देश-विदेश के अनेक लोगों के पत्र आते थे। सभी प्रांतो के देशभक्त व क्रांतिकारी उन्हें पत्र लिखते थे। उनके पास विश्व के अनेक लेखकों, नेताओं और संवादाताओं के पत्र आते थे।
    Question 33
    CBSEENHN9000667

    महादेव भाई के अध्ययन की प्रवृत्ति पर प्रकाश डालिए।

    Solution
    महादेव भाई साहित्यिक पुस्तकों की तरह राजनीतिक प्रवाहों और घटनाओं से सम्बन्धित जानकारी देने वाली पुस्तकें भी पढ़ते रहते थे। हिंदुस्तान से संबंधित देश-विदेश की ताजी-से-ताजी राजनीतिक गतिविधियों और चर्चाओं की नई से नई जानकारी अनके पास मिल सकती थी। सभाओ में, कमेटियों की बैठकों में या दौड़ती रेलगाड़ियों के डिब्बों में ऊपर की बर्थ पर बैठकर ठँस हंसकर भरे अपने बड़े-बड़े झोलो मे रखे ताजे-से-ताजे समाचार पत्रों, मासिक पत्र और पुस्तकें पढ़ते रहते अथवा यंग-इंडिया और नवजीवन के लिए लेख लिखते रहते।
    Question 34
    CBSEENHN9000668

    महादेव भाई की लेखन शैली की क्या विशेषता थी?

    Solution
    महादेव भाई अपनी विशिष्ट शैली में इतनी शुद्ध व सटीक टिप्पणी करते थे कि लोग उनकी टिप्पणियों से अपने लेखन में सुधार करते थे। प्रथम श्रेणी की शिष्ट संस्कार सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखन शैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गाँधी जी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़-भरे प्रसंगों के बीच साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला फिर भी गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी सुनवाद उन्होंने किया जो ‘नवजीवन’ में प्रकाशित होने वाले मूल गुजराती की तरह हर हफ्ते ‘यंग-इंडिया में छपता रहा। बाद में पुस्तक के रूप में उसके अनगिनत संस्करण प्रकाशित हुए और बिके।

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