शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद

Question
CBSEENHN9000662

नीचे दिए गए उपसर्गो का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए:
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
आर्य ............... आगत .................
डर ................ आकर्षण .................
क्रय ................ मार्ग ...................
उपस्थित ............लोक................
नायक ............... भाग्य................

Solution

आर्य = सन् + आर्य = अनार्य
डर = नि + डर = निडर
क्रय = वि + क्रय = विक्रय
उपस्थित = अन् + उपस्थित = अनुपस्थित
नायक = आधि + नायक = अधिनायक
आगत = सु + आगत = स्वागत
आकर्षक = अन् + आकर्षण = अनाकर्षण
मार्ग = सु + मार्ग = सुमार्ग
लोक = पर + लोक = परलोक
भाग्य = दुर + भाग्य = दुर्भाग्य

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Some More Questions From शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, राजनीतिज्ञ, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक, पादरी, ग्रंथकार आदि गांधीजी से मिलने के लिए आते थे। ये लोग खुद या इनके साथी-संगी भी गांधीजी के साथ बातचीत को ‘शार्टहैंड’ में लिखा करते थे। महादेव एक कोने में बैठे-बैठे अपनी लंबी लिखावट में सारी चर्चा को लिखते रहते थे। मुलाकात के लिए आए हुए लोग अपनी मुकाम पर जाकर सारी बाचतीत को टाइप करके जब उसे गांधीजी के पास ‘ओके’ करवाने के लिए पहुँचते, तो भले ही उनमें कुछ भूलें या कमियाँ-खामियाँ मिल जाए, लेकिन महादेव की डायरी में या नोट-बही में मजाल है कि कॉमा मात्र की भी भूल मिल जाए।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) गांधीजी से मिलने कौन-कौन लोग आते थे?
(ग) महादेव जी कोने में बैठे इन लोगों की गांधीजी के साथ बातचीत को कैसे लिखते थे?
(घ) मुलाकातियों के साथ आए आदमी बातचीत को कैसे नोट करते थे?

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
बिहार और उत्तर प्रदेश के हज़ारो मील लंबे मैदान गंगा, यमुना और दूसरी नदियों के परम उपकारी, सोने की कीमत वाले ‘गाद’ के बने हैं। आप सौ-सौ कोस चल लीजिये रास्ते में सुपारी फोड़ने लायक एक पत्थर भी कहीं मिलेगा नहीं। इसी तरह महादेव के संपर्क में आने वाले किसी को भी ठेस या ठोकर की बात तो दूर रही, खुरदरी मिट्‌टी या कंकरी भी कभी चुभती नहीं थी। उनकी निर्मल प्रतिभा उनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को चंद्र-शुक्र की प्रभा के साथ दूधों नहला देती थी। उसमें सराबोर होने वाले के मन में उनकी इस मोहिनी का नशा कई-कई दिन तक उतरता न था।
प्रशन:
(क)  पाठ तथा लेखक का नाम लिखो?
(ख) इस गद्यांश में प्रयुक्त ‘सोने की कीमत वाले गाद’ का क्या अर्थ है?
(ग) लेखक ने महादेव की तुलना उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदान से क्यों की है?
(घ) महादेव भाई को मुलाकाती क्यों हमेशा याद रखते थे?

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गांधीजी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़ भरे प्रसंगों के बीच केवल साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला, फिर भी गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेज़ी अनुवाद उन्होंने किया, जो ‘नवजीवन’ में प्रकाशित होनेवाले मूल गुजराती की तरह हर हफ़्ते ‘यंग इंडिया’ में छपता रहा। बाद में पुस्तक के रूप में उसके अनगिनत संस्करण सारी दुनिया के देशों में प्रकाशित हुए और बिके।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) महादेव जी को क्या ईश्वरीय देन मिली?
(ग) महादेव जी को साहित्यिक लेखन का समय क्यों नहीं मिला?
(घ) महादेव भाई ने किस आत्मकथा का अंग्रेजी अनुवाद किया और वह हर सप्ताह किसमें छपता रहा?


निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
 गांधीजी ने ‘यंग इडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे?