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शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद

Question
CBSEENHN9000668

महादेव भाई की लेखन शैली की क्या विशेषता थी?

Solution
महादेव भाई अपनी विशिष्ट शैली में इतनी शुद्ध व सटीक टिप्पणी करते थे कि लोग उनकी टिप्पणियों से अपने लेखन में सुधार करते थे। प्रथम श्रेणी की शिष्ट संस्कार सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखन शैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गाँधी जी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़-भरे प्रसंगों के बीच साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला फिर भी गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी सुनवाद उन्होंने किया जो ‘नवजीवन’ में प्रकाशित होने वाले मूल गुजराती की तरह हर हफ्ते ‘यंग-इंडिया में छपता रहा। बाद में पुस्तक के रूप में उसके अनगिनत संस्करण प्रकाशित हुए और बिके।

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Some More Questions From शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी से मिलने आनेवाले के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?