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शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद

Question
CBSEENHN9000656

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

Solution
महादेव पूर्व रूप से शुद्ध व सुन्दर लेख लिखते थे। पूरे भारतवर्ष में उनका कोई सानी नहीं था। वाइसराय के नाम से जाने वाले गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखाई में ही जाते थे। उन पत्रों सी लिखावट देखकर वाइसराय भी लंबी साँस लेते थे। वे तेज गति से लंबी लिखाई कर सकते थे। उनकी लिखावट में कोई भी गलती नहीं होती थी। लोग टाइप करके लाई रचनाओं को महादेव की रचनाओं से मिलाकर देखते थे। उनके लिखे लेख, टिप्पणियाँ, पत्र और गाँधी जी के व्याख्यान सबके सब ज्यों के त्यों प्रकाशित होते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गर्वनर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सेवाओं में महादेव के समान अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर भी नहीं मिलता था। पढ़ने वालों को मंत्र-मुग्ध करने वाला शुद्ध और सुंदर लेख।

Some More Questions From शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
 गांधीजी ने ‘यंग इडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी से मिलने आनेवाले के लिए महादेव भाई क्या करते थे?