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आधुनिक ओलम्पिक खेलों का क्या मोटो है।
ओलिंपिक खेलों का मोटो 'हेंडियाट्रिस' है, जिसका लैटिन में मतलब है- 'तेज, ऊंचा और मजबूत'. ओलिंपिक मोटो का प्रस्ताव भी पिएरे डी काउबर्टिन ने 1894 में दिया था, लेकिन इसे आधिकारिक तौर पर 1924 में पेरिस में हुए ओलिंपिक खेलों में अपनाया गया था।
ओलम्पिक पुरस्कार से आप क्या समझते हैं ।
ओलम्पिक खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सोने, चांदी और कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है। इन्हें ही दूसरे शब्दों में ओलम्पिक पुरस्कार कहा जाता है। अगले पाँच विजेताओं को केवल प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है।
ओलम्पिक झण्डे पर संक्षिप्त टिप्पणी करें।
ओलम्पिक झण्डे की रचना बेरन-पैयरी-डी-कोबरटीन ने सन् 1913 में की थी और 1914 में इसका उद् घाटन पेरिस में हुआ। प्रथम बार सन् 1920 में एंटवर्प (ANTWERP) बेल्जियम के ओलम्पिक खेलों में फहरया गया। ओलम्पिक ध्वज सफेद सिल्क का बना होता है। इस पर पाँच छल्ले बने होते हैं जो आपस में जुड़े होते है। यह पाँच छल्ले पिले, हरे, लाल, नीले और काले रंग के होते हैं। ये छल्ले विश्व के पाँच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैं । इन छल्लों का आपस में जुड़ना सहयोग तथा मैत्री का प्रतीक है।
बैरन-डी-को बरटीन कौन थे।
बैरन-डी-कोबरटीन को आधुनिक ओलम्पिक खेलों का पितामह कहा जाता है। इन्हें खेलों (ओलम्पिक) को दोबारा शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।
भारत ने सर्वप्रथम ओलम्पिक खेलों में कब भाग लिया।
भारत ने सर्वप्रथम 1928 में एम्स्टर्डम ओलम्पिक खेलों में भाग लिया।
चाचा नेहरू- खेल पुरस्कार की संक्षेप में व्याख्या करो। यह खिलाड़ियों के लिए किस प्रकार लाभदायक है।
चाचा नेहरू खेल पुरस्कार सी. बी. एस. ई. की ओर से एक छात्रवृति है जो 'कक्षा नौ' से 'कक्षा बारहवीं' के उस प्रतिभावान खिलाड़ियों को दी जाती है जिन्होंने सी. बी. एस. ई के अंर्तविद्यालयी राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में सर्वोच्च प्रदर्शन किया हो।
उद्देश्य:
ओलम्पिक शपथ क्या है ?
खेल शुरू होने से पूर्व मेजबान देश का प्रतिनिधि भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों की ओर से शपथ दोहराते हैं।
'' हम शपथ लेते हैं कि हम ओलम्पिक खेलों की स्पर्धा में वफादारी, बिनियमों का पालन करते हुए जो उन्हें नियंत्रित करते हैं, बिना नशीली दवाओं का प्रयोग किये हुए, खेलों के गौरव के लिए व अपने राष्ट्र के सम्मान के लिए सच्ची खेल भावना से इन खेलों में भाग लेंगे।'
ओलम्पिक आंदोलन के मूल्यों के विकास के बारे में वर्णन करो।
ओलम्पिक खेलों का मुख्य उद्देश्य विश्व के देशों के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री भावना व शांति का विकास करना है। ओलम्पिक आंदोलन द्वारा निम्नलिखित मूल्यों का विकास किया जा सकता है:
द्रोणाचार्य पुरस्कार के बारे में संक्षेप के लिखें।
यह पुरस्कार उन खेल प्रशिक्षको को दिया जाता है जिसकी टीम या खिलाड़ियों ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो। इस पुरस्कार को पाने के लिए प्रशिक्षक में निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए:
यह पुरस्कार युवा कल्याण तथा विकास मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इसमें निम्नलिखित चीजे पुरस्कार के रूप में दी जाती है।
प्राचीन ओलम्पिक खेलों के उद् भव पर विस्तार से व्याख्या कीजिए।
खेल विश्व को यूनान की देन कहा जाता है। प्राचीन समय में जीने की कठिन परिस्थितियों के बीच भी मानव ने खेलों के द्वारा अपना मनोरंजन बनाए रखा। वैसे लिखित इतिहास की जानकारी केअनुसार प्रथम प्राचीन ओलम्पिक खेल 776 ई. पू. ओलम्पिक घाटी में शुरू हुए थे। यहाँ खेलों के उद्भव की कई कहानियाँ प्रचिलित है। कहा जाता है कि एक बार धरती पर अधिकार के लिए देवता ज्युस (Zeus) और देवता क्रोनोस (Cronos) के बीच कुश्ती हुई, जिसमें देवता ज्युस की विजय हुई। इन खेलों का प्रारंभ होने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन इतना अवश्य है ओलंपिया (Olympia) नामक घाटी में इन खेलों का आयोजन पहली बार किया गया तथा इसी कारण से इन खेलों का नाम ओलम्पिक खेल रखा गया। इन खेलों के दौरान सभी प्रकार के विवाद, युद्धों को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता था। ओलम्पिक खेलों को आयोजित करने की निम्नलिखित प्रक्रिया होती थी:
प्राचीन ओलम्पिक खेल लगभग एक हजार वर्षो तक आयोजित किए जाते रहे। लेकिन 394 ई. में रोम के राजा थियोडिसिसस (Theodosis) ने ओलम्पिक खेलों को बंद कर दिया तथा सभी आयोजन स्थलों को तोड़ दिया गया। कई सदियों के बाद ओलम्पिक खेलों का पुर्नजन्म हुआ।
अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के बारे में विस्तृत व्याख्या करो।
अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति, आधुनिक ओलम्पिक खेलों की प्रबंध विकास (गवर्निंग बॉडी) (Governing Body) है जो सारे विश्व में खेलों की भागीदारी को बढ़ाने तथा समर्थन देने को प्रतिबद्ध है। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का मुख्यालय 'लोरनाने' (Lusanne) स्विट्ज़रलैंड में है। इसका गठन 23 जून 1894 को वैरन पेयरी डी कोबरटीन के द्वारा किया गया। यह समिति प्रत्येक चार वर्ष बाद ग्रीष्म कालीन और शीत कालीन युवा ओलम्पिक खेलों का आयोजन करती है। अन्तर्राष्ट्रीय समिति के सदस्यों में विभिन्न देशों के सदस्य शामिल होते हैं जो इस प्रकार है;
अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के मुख्य कार्य:
भारतीय ओलम्पिक संघ के गठन व उद्देश्यों की विस्तृत विवेचना करो ।
भारतीय ओलम्पिक संघ की स्थापना सन् 1927 में हुई। सर दोराबजी टाटा व डॉ नोहरेन इसके प्रधान संस्थापक व महासचिव बने। यह अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संस्था से सहबद्ध है। इस संघ के पदाधिकारियों का चुनाव प्रत्येक चार वर्ष बाद होता है।
इस संघ में निम्नलिखित सदस्य होते हैं:
अध्यक्ष- 1
उप अध्यक्ष- 9
महासचिव- 1
कोषाध्यक्ष- 1
सहसचिव- 6
कार्यकारी सदस्य -20
भारतीय ओलम्पिक संघ के उद्देश्य (कार्य):
प्रमुख खेल पुरस्कारों को सूचीबद्ध करो। किसी एक पुरस्कार का सविस्तार से विवरण करों।
असाधारण उपलब्धियाँ व्यक्ति के बहुमुखी विकास में हमेशा सहायक होती है यदि वह पुरस्कार के रूप में प्राप्त हो। भारत सरकार द्वारा खिलाड़ियों को असाधारण योग्यता के लिए विभिन्न प्रकार के पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं:
अर्जुन पुरस्कार (Arujna Award): यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दिये जाने वाला सर्वोतम सम्मान है। यह पुरस्कार उस खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है जिसका पिछले तीन वर्षों में प्रदर्शन का स्तर बहुत अच्छा रहा हो। यह पुरस्कार महान योद्धा अर्जुन की याद में दिया जाता है। यह सन् 1961 में शुरू किया गया था। इसके अन्तर्गत अर्जुन की कांस्य प्रतिमा, प्रशास्ति पत्र और पाँच लाख रूपये दिये जाते है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को दिया जाता है।
अर्जुन पुरस्कार के नियम (Rules of Arjuna Award):
सी.बी.एस.ई खेलों की संगठनात्मक स्थापना पर संक्षेप में लिखें।
सी.बी.एस.ई. स्पोर्टस और गेम्स के लक्ष्य एवं उद्देश्य:
प्रतियोगिताओं के आयोजन से संबंधित सामान्य नियम:
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