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प्रशिक्षण विधि का चुनाव करते समय किन विशेष उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए?
प्रशिक्षण विधि का चुनाव करते समय प्रशिक्षण के निम्न विशिष्ट उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए:
गरमाने (Warming Up) से आप क्या समझते है?
गरमाना एक प्रारम्भिक तैयारी की प्रक्रिया है जिसके परिणाम-स्वरूप खिलाड़ी या एथलीट शरीर क्रिया वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मुख्य क्रिया के लिए तैयार हो जाता है।
तकनीक से आप क्या समझते है?
तकनीक के अंतर्गत वैज्ञानिक और आर्थिक तरीके शामिल है जिन्हें उच्चतम प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए अपनाया जाता है, तकनीक को एक गतिकार्य से निपटने के लिए एक गति प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है। व्यायाम करने के लिए सर्वाधिक उचित और प्रभावी रूप में तकनीक है।
अनुकूलन से आप क्या समझते है?
अनुकूलन एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा शरीर मांसपेशियों को कोई विशेष गतिविधि, संचालन या कौशल को याद करने के प्रोग्राम करता है। वह गतिविधि या कौशल दोहराकर, शरीर तनाव और कौशल के प्रति अभ्यस्त हो जाता है।
विशेष गरमाने (Specific Warming Up) से आपका क्या अभिप्राय है?
इस प्रकार के गरमाने की विधि में कुछ विशेष प्रकार के व्यायाम किए जाते हैं जिनका मुख्य कार्य किए जाने वाली गतिविधियों से सम्बन्धित होता है। इस प्रकार के विशेष व्यायाम दूसरे साधारण व्यायामों के साथ किए जाते हैं।
शिथिलिकरण (Limbering Down) से क्या अभिप्राय है?
शिथिलिकरण से तात्पर्य खींचाव वाले व्यायाम करके कार्य की तीव्रता को कम करना, जिसके पश्चात गहरी श्वांस के द्वारा विश्राम व्यायाम करना 'कूलिंग डाउन' कहलाता है।
शिथिलिकरण के कारण लाभदायक प्रभाव (Beneficial Effects of Limbering Down):
जब हम व्यायाम करते हैं, तो मांसपेशियों में बहुत अधिक रक्त (खून) का प्रवाह होता है। यदि हम तेजी से रूकते है तो चरम अवस्था में रक्त की पुलिंग हो सकती है जिससे चक्कर आते हैं और कभी-कभार हम गिर पड़ते है। इस प्रकार शिथिलिकरण व्यायाम के बाद की थकावट और कठोरपन से रक्षा होती है।
शरीर को गरमाने के पक्ष में शरीर-क्रिया संबंधी क्या कारण है?
गरमाने से मांसपेशियों की कार्यविधि में शरीर-क्रिया संबंधी परिवर्तन (बदलाव) होते हैं, तथा गरमाना मांसपेशियों की कार्यकुशलता का आधार बनता है।
मांसपेशियों का गरमाना निम्नलिखित प्रकार से उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाता है:
गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धान्त संक्षेप में लिखिए?
गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित प्रकार से है:
खेल प्रशिक्षण सिद्धांतो का विवेचन कीजिए?
खेल प्रशिक्षण के सिद्धांत नीचे दिए जा रहे हैं:
कौशल का वर्गीकरण विस्तार से कीजिए?
ऐसी अनेक खेल-क्रियाएं होती है जिनमें प्रत्येक क्रिया में कौशलों की आवश्यकताओं के कारण इनको वर्गीकृत करना वास्तव में काफी मुश्किल काम है। सामान्यता: कौशल निम्न प्रकार के होते हैं:
पुन: शक्ति प्राप्ति (रिकवरी) के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए? पुन: शक्ति प्राप्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
स्वस्थ होने और खेलों में सुधार लाने के लिए शरीर को तनाव झेलने की आवश्यकता हैं। शरीर को तनाव के प्रति अनुकूल बनाने के लिए समय की आवश्यकता होती है और इसके लिए पुन: शक्ति प्राप्ति की अवधि की आवश्यकता होती है।
व्यायाम के लिए नया (New to Exercise): यदि आप केवल व्यायाम शुरू कर रहे हैं तो यह आवश्यक है कि आप, खेलों की मांग के प्रति अपने शरीर को अनुकूलन के लिए इसमें धीरे-धीरे आइए। हो सकता है कि लगातार दो दिन व्यायाम करें, लेकिन तीसरे दिन आराम कीजिए। यदि आप बिना आराम के जारी रखते हैं, तो आपका शरीर शीघ्र ही थक जाएगा और आपके लिए कोई भी व्यायाम सत्र पुरा करना मुश्किल हो जाएगा।
शक्तिप्राप्ति की रण-नीतियाँ (Recovery Strategies):
व्यायाम के लिए प्रोहत्साहन देना अच्छा है, लेकिन यदि आपका शरीर ऐसा करने के लिए अभ्यस्त नहीं है या आपने नया खेल शुरू किया है या आपने प्रशिक्षण की अवधि (समय) को बढ़ाया है, तो आपको अपने शरीर द्वारा सामंजस्य बिठाने के लिए कुछ पुन: शक्ति प्राप्ति (स्वास्थ्य लाभ) रणनीतियों पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।
आराम (Rest):
पोषण और जलीयकरण (Nutrition and Hydration):
यह सुनिश्चत करना कि शरीर को पूर्ण पोषण और जल प्राप्त होता है, ये पुन: शक्ति प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह अति-महत्वपूर्ण है कि व्यायाम के पश्चात तरल पदार्थ ले तथा ऊर्जा भंडारों का सही समय पर सही भोजन लेकर उपयोग करे।
शिथिलिकरण और खिंचाव (Cool Down and Stretch):
कूल डाउन व्यायाम और आराम के बीच सामंजस्य प्रदान करने के प्रशिक्षण के तुरंत बाद किए गए व्यायाम का समुह है। इसका उद्देश्य मांसपेशीये कठोरता (अकड़न) को बढ़ाना और हृदय तंत्रिका प्रणाली को वापस आराम में लाना है।
प्रोत्साहन (उद्दीपन). पुन: शक्तिप्राप्ति व अनुकूल की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन कीजिए?
हमारा शरीर बहुत छोटी-छोटी लाखों जीवित कोशिकाओं का बना है। प्रत्येक प्रकार की कोशिका या कोशिकाओं के समुह अलग-अलग प्रकार के कार्य करते है। सभी कोशिकाओं में जो भी शरीर के साथ घटित हो रहा होता है उसे अनुकूलित करने की योग्यता होती है।
यह सामान्य अनुकूलन प्रत्येक समय शरीर के अन्दर होता रहता है। खेलकूद के लिए भी प्रशिक्षण का अनुकूलन होता है। खेल प्रशिक्षण भार महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ये खेल प्रदर्शन में बढ़ाने में सहायता करता है। प्रशिक्षण भार में स्थिरता होने का मतलब है- प्रदर्शन में स्थिरता आना। अब खिलाड़ी की पुष्टि को नये प्रशिक्षण भार द्वारा चुनौती दी जाती है तो शरीर में एक प्रतिक्रिया अथवा अनुक्रिया होती हैं। शरीर द्वारा यह प्रतिक्रिया, प्रशिक्षण भार के प्रोत्साहन या उद्दीपन के लिए अनुकूल होता है। प्रारम्भिक प्रक्रिया थकावट की होती है। जब लोडिंग समाप्त हो जाती है। तो थकावट से स्वास्थ्य लाभ या पुन: शक्ति प्राप्ति (Recovery) तथा प्रशिक्षण भार के अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया खिलाड़ी को ठीक उसकी पहले वाली पुष्टि के स्तर पर नहीं लाती अपितु कुछ बढ़ें हुए स्तर पर आती है। वास्तव में प्रशिक्षण प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य प्रदर्शन को बढ़ाना या उससे सुधार लाना है।
तकनीक और कौशल से आप क्या समझते है?
तकनीक: तकनीक किसी भी क्रिया को सहज ढंग से करने की एक विधि या तरीका है। एक कौशल को, एक से अधिक तकनीक द्वारा किया जा सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि तकनीक कौशल को करने का एक तरीका है। उदाहरण के लिए गोला फेंक में मुख्य तकनीक गोले को अधिक दुरी तक फेंकना होता है जबकि वेटलिपिटग में भार को अधिक से अधिक उठाना होता है। जबकि समुह खेल में खिलाड़ी को विभिन्न प्रकार के तरीकों का प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में करना पड़ता है। इस प्रकार खेल के दौरान एक खिलाड़ी विभिन्न प्रकार की तकनीकों को अलग-अलग तरीके से या शारीरिक रूप से प्रयोग करता है। शारीरिक रूप से तकनीकों को समझने के लिए प्रदर्शन करना अथवा करके दिखाने का तरीका प्रयोग किया जाता है।
कौशल (Skill): कौशल पूर्ण गति करने की योग्यता है। कौशल को गति क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। कौशल प्रभावी तरीके (Effectiveness) के स्तर को इंगित करता है। जिसके साथ एक गति क्रिया की जा सकती है। कोई क्रिया जो एक उद्देश्य के लिए सीखी गई हो तथा क्रियाओं में भाग लेने के लिए जरूरी हो उसे कौशल कहा जाता है। कौशल अनेक प्रकार केहोते है जैसे-बॉस्केट बाल में शुटिंग करना, फुटबॉल में पासिंग करना इत्यादि।
स्वच्छंद क्रीड़ा (Free Play) बच्चे के गामक कौशल क्रियाओं में कैसे वृद्धि करता है?
मोनू 19 वर्षीय मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाला एक ऐसा लड़का है जिसे बचपन से ही क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है वह जब भी सचिन तेंदुलकर को खेलते हुए देखता था, तो उसका मन भी सचिन के समान ही सफल बननें का होता था। सचिन को अपना आदर्श मानते हुए, विरोधी तथा विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी मोनू ने अपना प्रशिक्षण (Training) जारी रखी। आज वह राज्य की रणजी टीम में चयनित हुआ है।
गरमाने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
शरीर को गरमाने के लिए अनेक विधियों का प्रयोग किया जाता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है:
जॉगिंग या धीरे-धीरे दौड़ना: प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी शारीरिक क्षमता या शरीर के अनुसार धीमी गति से दौड़ना चाहिए। शरीर को भँलि-भाँति गरमाने के लिए 5 से 10 मिनट तक दौड़ना चाहिए।
साधारण व्यायाम: यह भी गरमाने का तरीका है। इस प्रकार के व्यायाम को साधारण से कठिन स्तर तक करना चाहिए।
स्ट्राडिंग (Striding): इस क्रिया में खिलाड़ी को लम्बे-लम्बे डग (कदम) भरकर 50 मीटर की दूरी से कम नहीं दौड़ना चाहिए।
खिंचाव वाले व्यायाम: खिंचाव वाले व्यायाम गरमाने की विधि में महत्वपूर्ण भाग है। इससे मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ती है जिसके द्वारा मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ता है जिसके द्वारा मांसपमेशियाँ मजबूत और स्वस्थ हो जाती है।
गरम पानी से शरीर गरमाना: गरम पानी से शरीर को गरमाने से मांसपेशियाँ प्रतियोगिता के बाद शिथित (Relax) हो जाती हैं। इसका प्रयोग विकसित देशों में होता है। प्रतियोगिता से पहले गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे रक्त-प्रवाह में बढ़ोतरी होती है तथा मांसपेशियाँ कार्य करने के लिए सक्रिय हो जाती है।
मालिश द्वारा शरीर को गरमाना: मालिश से मांसपेशियों में अर्ध तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है जिससे वह सुचारू रूप से कार्य करने लगती है।
पौष्टिक पेय पदार्थो का प्रयोग: थोड़ी सी चाय, कॉफी अथवा कोई अन्य पौष्टिक पेय शारीरिक क्रियाओं को उत्तेजित करने का कार्य करते हैं तथा शरीर को प्रतियोगिता के लिए तैयार करते है।
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