शारीरिक शिक्षा Chapter 11 खेलकूद में प्रशिक्षण
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 11 शारीरिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा

    खेलकूद में प्रशिक्षण Here is the CBSE शारीरिक शिक्षा Chapter 11 for Class 11 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 11 शारीरिक शिक्षा खेलकूद में प्रशिक्षण Chapter 11 NCERT Solutions for Class 11 शारीरिक शिक्षा खेलकूद में प्रशिक्षण Chapter 11 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 11 शारीरिक शिक्षा.

    Question 1
    CBSEHHIPEH11016116

    प्रशिक्षण विधि का चुनाव करते समय किन विशेष उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए?

    Solution

    प्रशिक्षण विधि का चुनाव करते समय प्रशिक्षण के निम्न विशिष्ट उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए:

    1. क्षमता (शक्ति)
    2. सहनशीलता
    3. गति
    4. फुर्ती
    5. लचीलापन

    Question 2
    CBSEHHIPEH11016117

    गरमाने (Warming Up) से आप क्या समझते है?

    Solution

    गरमाना एक प्रारम्भिक तैयारी की प्रक्रिया है जिसके परिणाम-स्वरूप खिलाड़ी या एथलीट शरीर क्रिया वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मुख्य क्रिया के लिए तैयार हो जाता है।

    Question 3
    CBSEHHIPEH11016118

    तकनीक से आप क्या समझते है?

    Solution

    तकनीक के अंतर्गत वैज्ञानिक और आर्थिक तरीके शामिल है जिन्हें उच्चतम प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए अपनाया जाता है, तकनीक को एक गतिकार्य से निपटने के लिए एक गति प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है। व्यायाम करने के लिए सर्वाधिक उचित और प्रभावी रूप में तकनीक है।

    Question 4
    CBSEHHIPEH11016119

    अनुकूलन से आप क्या समझते है?

    Solution

    अनुकूलन एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा शरीर मांसपेशियों को कोई विशेष गतिविधि, संचालन या कौशल को याद करने के प्रोग्राम करता है। वह गतिविधि या कौशल दोहराकर, शरीर तनाव और कौशल के प्रति अभ्यस्त हो जाता है।

    Question 5
    CBSEHHIPEH11016120

    विशेष गरमाने (Specific Warming Up) से आपका क्या अभिप्राय है?

    Solution

    इस प्रकार के गरमाने की विधि में कुछ विशेष प्रकार के व्यायाम किए जाते हैं जिनका मुख्य कार्य किए जाने वाली गतिविधियों से सम्बन्धित होता है। इस प्रकार के विशेष व्यायाम दूसरे साधारण व्यायामों के साथ किए जाते हैं।

    Question 6
    CBSEHHIPEH11016121

    शिथिलिकरण (Limbering Down) से क्या अभिप्राय है?

    Solution

    शिथिलिकरण से तात्पर्य खींचाव वाले व्यायाम करके कार्य की तीव्रता को कम करना, जिसके पश्चात गहरी श्वांस के द्वारा विश्राम व्यायाम करना 'कूलिंग डाउन' कहलाता है।

    शिथिलिकरण के कारण लाभदायक प्रभाव (Beneficial Effects of Limbering Down):

    जब हम व्यायाम करते हैं, तो मांसपेशियों में बहुत अधिक रक्त (खून) का प्रवाह होता है। यदि हम तेजी से रूकते है तो चरम अवस्था में रक्त की पुलिंग हो सकती है जिससे चक्कर आते हैं और कभी-कभार हम गिर पड़ते है। इस प्रकार शिथिलिकरण व्यायाम के बाद की थकावट और कठोरपन से रक्षा होती है।

    Question 7
    CBSEHHIPEH11016122

    शरीर को गरमाने के पक्ष में शरीर-क्रिया संबंधी क्या कारण है?

    Solution

    गरमाने से मांसपेशियों की कार्यविधि में शरीर-क्रिया संबंधी परिवर्तन (बदलाव) होते हैं, तथा गरमाना मांसपेशियों की कार्यकुशलता का आधार बनता है।

    मांसपेशियों का गरमाना निम्नलिखित प्रकार से उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाता है:

    1. गरमाने से शरीर का स्थानीय (Local) तापमान बढ़ जाता है तथा चयापचयी (Metabolic) तत्वों का जमाव हो जाता है जो कि मांस पेशियों के संकुचन एवं प्रसार की क्रिया में तेजी लाने में सहायक होता है।
    2. गरमाने से मांसपेशियों उत्तेजना (Stimulus) का कुशलता से सामना करने के लिए तैयारी की स्थिति में आ जाती है।
    3. किसी गतिविधि में काम आने वाली मांसपेशियों के समूह को भी आपसी तालमेल बिठाने के लिए गरमाने  की आवश्यकता पड़ती है।

    Question 8
    CBSEHHIPEH11016123

    गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धान्त संक्षेप में लिखिए?

    Solution

    गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित प्रकार से है:

    1. साधारण से विशेष
    2. ऐसे व्यायाम जिससे शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो सके।
    3. खिंचाव वाले तथा ढ़ीले व्यायाम भी करने चाहिए।
    4. शरीर को इतना गरमाना आवश्यक है जितने से शरीर के तापमान में वृद्धि हो सके।
    5. गरमाना खेल क्रिया अथवा खेल केअनुसार होना चाहिए।
    6. गरमाने में खेल से संबंधित क्रियाओं वाले व्यायाम अवश्य होने चाहिए।
    7. गरमाना सही समय पर ही होना चाहिए।
    8. गरमाना आयुतथा लिंग के अनुसार होना चाहिए।

    Question 9
    CBSEHHIPEH11016124

    खेल प्रशिक्षण सिद्धांतो का विवेचन कीजिए?

    Solution

    खेल प्रशिक्षण के सिद्धांत नीचे दिए जा रहे हैं:

    1. उपयोग का सिद्धांत (The Prinicpal of Use): उपयोग का सिद्धांत दर्शाता है कि यदि हम शरीर का कोई अंग प्रयोग करते है तो वह लंबी अवधि तक स्वस्थ रहेगा। इसलिए यह आवश्यक है कि हम एक अथवा एक से अधिक शारीरिक क्रिया रोज़ करे।
      नियमित व्यायाम से उपापचयी (Metabolic) परिवर्तनों में वृद्धि होती है। जो कि संपूर्ण शरीर की बड़ी हुई दक्षता के लिए ज़िम्मेदार है। इससे स्वास्थ्यजनक तंरगों के आवागमन के कारण तंत्रिका प्रणाली में भी सुधार आता है।
    2. अनुप्रयोग का सिद्धांत (Principles of Disuse):
      अनुप्रयोग सिद्धांत का अर्थ है गतिविधियों का न होना या शारीरिक गतिविधियों को रोक देना। इसको रोकने का कोई भी कारण हो सकता है। ये किसी हड्डी के टूटने, बीमार पड़ने, बुढ़ापा अथवा कोई व्यक्तिगत कारण हो सकता है। यह निश्चित है कि यदि हम हमारे शरीर का उपयोग करना बंद कर दें तो हमारी मांसपेशियाँ, मस्तिष्क प्रणाली आदि की वृद्धि और विकास या तो रूक जाएगें या बहुत धीमी गति से होगा।
    3. अधिक भार या अधिक उपयोग का सिद्धांत (Principle of overload or overuse):
      अधिक भार के सिद्धांत का अर्थ है शरीर का उपयोग इसकी क्षमता से अधिक करना। किसी भी प्रकार के खेल प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए अधिक भार डालना आवश्यक है। अच्छे परिणाम लाने के लिए एक खिलाड़ी के लिए अपने शरीर का अधिकतम उपयोग करना आवश्यक है लेकिन दूसरी ओर शरीर का अधिक उपयोग शरीर के लिए हानिकारक है।

    Question 10
    CBSEHHIPEH11016125

    कौशल का वर्गीकरण विस्तार से कीजिए?

    Solution

    ऐसी अनेक खेल-क्रियाएं होती है जिनमें प्रत्येक क्रिया में कौशलों की आवश्यकताओं के कारण इनको वर्गीकृत करना वास्तव में काफी मुश्किल काम है। सामान्यता: कौशल निम्न प्रकार के होते हैं:

    1. खुले कौशल: ऐसे कौशल जो नियंत्रण में नहीं होते हैं या जिनके बारे में पहले से कुछ न कहा जा सकता हो उन्हें खुले कौशल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
    2. बन्द कौशल: यह एक स्थिर या पहले से बताए जा सकने योग्य वातावरण में किए जाते हैं।
    3. साधारण कौशल: ऐसे कौशल जिनमें समन्वय या सामंजस्य, समय व विचारों की अधिक मात्रा में आवश्यकता नहीं पड़ती उन्हें साधरण कौशल कहा जाता है। ये सीखने में आसान होते हैं। जैसे-चेस्ट पास, अंडर आर्म सर्विस इत्यादि।
    4. जटिल कौशल: इस प्रकार के कौशलों में समन्वय या सामंजस्य समय व विचारों की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। इनको करने में जटिलता का सामना करना पड़ता है। जैसे:-फुटबाल में ओवर हेड किक।
    5. निरतंर कौशल: इन कौशलों का कौई वास्तविक प्रारम्भ व अंत नहीं होता है। उदाहरण के लिए साइक्लिंग आदि करना निरतंर कौशलों के उदाहरण है।
    6. ठीक कौशल: ठीक कौशलों में जटिल तथा ठीक गतियाँ जिनमें छोटी मांसपेशियों के समूह का प्रयोग होता है जैसे स्नूकर का शॉट।
    7. व्यक्तिगत कौशल: ये वे कौशल होते हैं जो अलगाव में किए जाते हैं जैसे ऊँची कूद, लम्बी कूद।

    Question 11
    CBSEHHIPEH11016126

    पुन: शक्ति प्राप्ति (रिकवरी) के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए? पुन: शक्ति प्राप्ति क्यों महत्वपूर्ण है?

    Solution

    स्वस्थ होने और खेलों में सुधार लाने के लिए शरीर को तनाव झेलने की आवश्यकता हैं। शरीर को तनाव के प्रति अनुकूल बनाने के लिए समय की आवश्यकता होती है और इसके लिए पुन: शक्ति प्राप्ति की अवधि की आवश्यकता होती है।

    व्यायाम के लिए नया (New to Exercise): यदि आप केवल व्यायाम शुरू कर रहे हैं तो यह आवश्यक है कि आप, खेलों की मांग के प्रति अपने शरीर को अनुकूलन के लिए इसमें धीरे-धीरे आइए। हो सकता है कि लगातार दो दिन व्यायाम करें, लेकिन तीसरे दिन आराम कीजिए। यदि आप बिना आराम के जारी रखते हैं, तो आपका शरीर शीघ्र ही थक जाएगा और आपके लिए कोई भी व्यायाम सत्र पुरा करना मुश्किल हो जाएगा।

    शक्तिप्राप्ति की रण-नीतियाँ (Recovery Strategies):
    व्यायाम के लिए प्रोहत्साहन देना अच्छा है, लेकिन यदि आपका शरीर ऐसा करने के लिए अभ्यस्त नहीं है या आपने नया खेल शुरू किया है या आपने प्रशिक्षण की अवधि (समय) को बढ़ाया है, तो आपको अपने शरीर द्वारा सामंजस्य बिठाने के लिए कुछ पुन: शक्ति प्राप्ति (स्वास्थ्य लाभ) रणनीतियों पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।

    आराम (Rest):

    1. नींद, आराम का सर्वोतम तरीका है तथा ये शरीर को प्रशिक्षण की शारीरिक और मानसिक रोगों के प्रति अनुकूल बनाने के लिए शरीर को समय प्रदान करती है।
    2. यह सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त नींद लें (8 घंटे प्रति रात्रि)।
    3. यह सुनिश्चत करें कि आपकी नींद की गुणवता अच्छी है, कमरों में अँधेरा हो तथा शांतिप्रद वातावरण हो।

    पोषण और जलीयकरण (Nutrition and Hydration):

    यह सुनिश्चत करना कि शरीर को पूर्ण पोषण और जल प्राप्त होता है, ये पुन: शक्ति प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह अति-महत्वपूर्ण है कि व्यायाम के पश्चात तरल पदार्थ ले तथा ऊर्जा भंडारों का सही समय पर सही भोजन लेकर उपयोग करे।

    शिथिलिकरण और खिंचाव (Cool Down and Stretch):
    कूल डाउन व्यायाम और आराम के बीच सामंजस्य प्रदान करने के प्रशिक्षण के तुरंत बाद किए गए व्यायाम का समुह है। इसका उद्देश्य मांसपेशीये कठोरता (अकड़न) को बढ़ाना और हृदय तंत्रिका प्रणाली को वापस आराम में लाना है।

    Question 12
    CBSEHHIPEH11016127

    प्रोत्साहन (उद्दीपन). पुन: शक्तिप्राप्ति व अनुकूल की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन कीजिए?

    Solution

    हमारा शरीर बहुत छोटी-छोटी लाखों जीवित कोशिकाओं का बना है। प्रत्येक प्रकार की कोशिका या कोशिकाओं के समुह अलग-अलग प्रकार के कार्य करते है। सभी कोशिकाओं में जो भी शरीर के साथ घटित हो रहा होता है उसे अनुकूलित करने की योग्यता होती है।
    यह सामान्य अनुकूलन प्रत्येक समय शरीर के अन्दर होता रहता है। खेलकूद के लिए भी प्रशिक्षण का अनुकूलन होता है। खेल प्रशिक्षण भार महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ये खेल प्रदर्शन में बढ़ाने में सहायता करता है। प्रशिक्षण भार में स्थिरता होने का मतलब है- प्रदर्शन में स्थिरता आना। अब खिलाड़ी की पुष्टि को नये प्रशिक्षण भार द्वारा चुनौती दी जाती है तो शरीर में एक प्रतिक्रिया अथवा अनुक्रिया होती हैं। शरीर द्वारा यह प्रतिक्रिया, प्रशिक्षण भार के प्रोत्साहन या उद्दीपन के लिए अनुकूल होता है। प्रारम्भिक प्रक्रिया थकावट की होती है। जब लोडिंग समाप्त हो जाती है। तो थकावट से स्वास्थ्य लाभ या पुन: शक्ति प्राप्ति (Recovery) तथा प्रशिक्षण भार के अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
    रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया खिलाड़ी को ठीक उसकी पहले वाली पुष्टि के स्तर पर नहीं लाती अपितु कुछ बढ़ें हुए स्तर पर आती है। वास्तव में प्रशिक्षण प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य प्रदर्शन को बढ़ाना या उससे सुधार लाना है।

    Question 13
    CBSEHHIPEH11016128

    तकनीक और कौशल से आप क्या समझते है?

    Solution

    तकनीक: तकनीक किसी भी क्रिया को सहज ढंग से करने की एक विधि या तरीका है। एक कौशल को, एक से अधिक तकनीक द्वारा किया जा सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि तकनीक कौशल को करने का एक तरीका है। उदाहरण के लिए गोला फेंक में मुख्य तकनीक गोले को अधिक दुरी तक फेंकना होता है जबकि वेटलिपिटग में भार को अधिक से अधिक उठाना होता है। जबकि समुह खेल में खिलाड़ी को विभिन्न प्रकार के तरीकों का प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में करना पड़ता है। इस प्रकार खेल के दौरान एक खिलाड़ी विभिन्न प्रकार की तकनीकों को अलग-अलग तरीके से या शारीरिक रूप से प्रयोग करता है। शारीरिक रूप से तकनीकों को समझने के लिए प्रदर्शन करना अथवा करके दिखाने का तरीका प्रयोग किया जाता है।

    कौशल (Skill): कौशल पूर्ण गति करने की योग्यता है। कौशल को गति क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। कौशल प्रभावी तरीके (Effectiveness) के स्तर को इंगित करता है। जिसके साथ एक गति क्रिया की जा सकती है। कोई क्रिया जो एक उद्देश्य के लिए सीखी गई हो तथा क्रियाओं में भाग लेने के लिए जरूरी हो उसे कौशल कहा जाता है। कौशल अनेक प्रकार केहोते है जैसे-बॉस्केट बाल में शुटिंग करना, फुटबॉल में पासिंग करना इत्यादि।

    Question 14
    CBSEHHIPEH11016129

    स्वच्छंद क्रीड़ा (Free Play) बच्चे के गामक कौशल क्रियाओं में कैसे वृद्धि करता है?

    Solution
    1. स्वच्छंद क्रीड़ा कर बच्चा अपने आस -पास के वातावरण से भली भाँती परिचित होता है।
    2. स्वच्छंद क्रीड़ाएँ जैसे कि दौड़ना, भागना, कूदना, छलांग लगाना आदि क्रियाएँ कर बच्चे की सूक्ष्म एवं वृहद्ध गामक क्रिया कौशलों में वृद्धि होती है जिससे गामक घटकों जैसे गति, शक्ति, शहनशक्ति, लचक और समावेशी तथा तालमेल संबंधी क्रियाओं में सुधार होता है।
    3. स्वच्छंद क्रीड़ाएँ बच्चों को अपनी रचनात्मकता का उपयोग करने में सहायता करती है जिससे, बच्चे की निपुणता, शारीरिक, संज्ञात्मक तथा भावनात्मक शक्ति एव मस्तिष्क का विकास होता है।
    4. स्वच्छंद क्रीड़ाएँ एक स्वस्थ जीवन की नीव रखती है। यह क्रीड़ाएं कर एक बच्चा आने वाले भविष्य में शारीरिक और मानसिक रूप से सुरक्षित रह सकता है।
    Question 15
    CBSEHHIPEH11016130

    मोनू 19 वर्षीय मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाला एक ऐसा लड़का है जिसे बचपन से ही क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है वह जब भी सचिन तेंदुलकर को खेलते हुए देखता था, तो उसका मन भी सचिन के समान ही सफल बननें का होता था। सचिन को अपना आदर्श मानते हुए, विरोधी तथा विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी मोनू ने अपना प्रशिक्षण (Training) जारी रखी। आज वह राज्य की रणजी टीम में चयनित हुआ है।

    1. मोनू को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करने वाला खिलाड़ी कौन है?
    2. मोनू में आपको कौन से मूल्य दिखाई देते है?
    3. मोनू के संदर्भ में पढ़कर आपको क्या शिक्षा मिलती है?

    Solution
    1. मोनू 'सचिन तेन्दुलकर' से बहुत प्रेरित है।
    2. मोनू जिन मूल्यों को दर्शाता है वह है। उच्च अभिलाषा, आकांक्षा, दृढ़ इच्छा शक्ति और कार्य के प्रति समर्पित आदि।
    3. मोनू के संदर्भ में पढ़कर हमें यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है यदि उसमें आत्म विश्वास, लक्ष्य निर्धारण, कार्य के प्रति समर्पण है और वह निरंतर प्रयास करता रहता है।
    Question 16
    CBSEHHIPEH11016131

    गरमाने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।

    Solution

    शरीर को गरमाने के लिए अनेक विधियों का प्रयोग किया जाता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है:

    जॉगिंग या धीरे-धीरे दौड़ना: प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी शारीरिक क्षमता या शरीर के अनुसार धीमी गति से दौड़ना चाहिए। शरीर को भँलि-भाँति गरमाने के लिए 5 से 10 मिनट तक दौड़ना चाहिए।

    साधारण व्यायाम: यह भी गरमाने का तरीका है। इस प्रकार के व्यायाम को साधारण से कठिन स्तर तक करना चाहिए।

    स्ट्राडिंग (Striding): इस क्रिया में खिलाड़ी को लम्बे-लम्बे डग (कदम) भरकर 50 मीटर की दूरी से कम नहीं दौड़ना चाहिए।

    खिंचाव वाले व्यायाम: खिंचाव वाले व्यायाम गरमाने की विधि में महत्वपूर्ण भाग है। इससे मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ती है जिसके द्वारा मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ता है जिसके द्वारा मांसपमेशियाँ मजबूत और स्वस्थ हो जाती है।

    गरम पानी से शरीर गरमाना: गरम पानी से शरीर को गरमाने से मांसपेशियाँ प्रतियोगिता के बाद शिथित (Relax) हो जाती हैं। इसका प्रयोग विकसित देशों में होता है। प्रतियोगिता से पहले गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे रक्त-प्रवाह में बढ़ोतरी होती है तथा मांसपेशियाँ कार्य करने के लिए सक्रिय हो जाती है।

    मालिश द्वारा शरीर को गरमाना: मालिश से मांसपेशियों में अर्ध तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है जिससे वह सुचारू रूप से कार्य करने लगती है।

    पौष्टिक पेय पदार्थो का प्रयोग: थोड़ी सी चाय, कॉफी अथवा कोई अन्य पौष्टिक पेय शारीरिक क्रियाओं को उत्तेजित करने का कार्य करते हैं तथा शरीर को प्रतियोगिता के लिए तैयार करते है।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    231