शारीरिक शिक्षा Chapter 4 शारीरिक शिक्षा और खेल (विभिन्न अक्षमताओं एवं विकारों के सन्दर्भ में)
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा

    शारीरिक शिक्षा और खेल (विभिन्न अक्षमताओं एवं विकारों के सन्दर्भ में) Here is the CBSE ������������������ Chapter 4 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा और खेल (विभिन्न अक्षमताओं एवं विकारों के सन्दर्भ में) Chapter 4 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ शारीरिक शिक्षा और खेल (विभिन्न अक्षमताओं एवं विकारों के सन्दर्भ में) Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIPEH12036904

    अक्षमता से आप क्या समझते है?

    Solution

    अक्षमता वह स्थिति है जिसके व्यक्ति किसी क्षति के कारण सामान्य जीवन सम्बन्धी क्रियाओं को नहीं कर पाता है।

    Question 2
    CBSEHHIPEH12036905

    अक्षमता के प्रकारों का वर्णन कीजिए।

    Solution
    1. शारीरिक
    2. बौद्धिक अक्षमता
    3. संज्ञानात्मक अक्षमता
    Question 3
    CBSEHHIPEH12036906

    आप शारीरिक अक्षमता से आप क्या समझते है?

    Solution

    शारिरिक अक्षमता वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी शारिरिक क्षति के कारण अपनी सामान्य जीवन सम्बन्धी क्रियाओं को नही कर पाता है।

    Question 4
    CBSEHHIPEH12036907

    आप संज्ञात्मक अक्षमता से क्या समझते है?

    Solution

    किसी मानसिक क्षति के कारण जब व्यक्ति अपने दैनिक जीवन सम्बन्धी क्रियाओं को कर पाने में अर्स्मथ होता है तो उस स्थिति को संज्ञात्मक अक्षमता कहते है।

    Question 5
    CBSEHHIPEH12036908

    आप बौद्धिक अक्षमता से क्या समझते है?

    Solution

    जब व्यक्ति किसी मानसिक क्षति के कारण दैनिक जीवन सम्बन्धी मानसिक क्रियाओं तथा अनुकूली व्यवहार सम्बन्धी क्रियाओं को कर पाने में अस्मर्थ होता है तो उस स्थिति को बौद्धिक अक्षमता कहते है।

    Question 6
    CBSEHHIPEH12036909

    विकार शब्द का अर्थ समझाइए।

    Solution

    कोई भी रुकावट अथवा विघटन जिसके द्वारा व्यक्ति को अपनी दैनिक क्रियाओं को करने में मुश्किल आती है अथवा दैनिक क्रियाओं को नहीं कर पाता है विकार कहलाता है।

    Question 7
    CBSEHHIPEH12036910

    विभिन्न विकारों के नाम लिखिए।

    Solution

    ADHD   (ए. डी. एच. डी.)
    SPD      (एस. पी. डी.)
    ASD      (ए. एस. डी.)
    OCD      (ओं . सी. डी.)
    ODD     (ओं. डी. डी.)

    Question 8
    CBSEHHIPEH12036911

    ADHD (ए. डी. एच. डी) विकार से आप क्या समझते है?

    Solution

    इस विकार में पीड़ित व्यक्ति अत्याधिक सक्रिय हो जाता है तथा उसके लिये अपने आवेग को निंयत्रित करना मुशकिल हो जाता है।

    A   AttentionD   DeficitH  HyperactivityD  Disorder

    Question 9
    CBSEHHIPEH12036912

    SPD (एस. पी. डी.) विकार से आप क्या समझते है?

    Solution

    इस विकार में तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता में आई कमी के कारण तंत्रिका तंत्र इंद्रियों के माध्यम से प्राप्त हुई सूचना को प्राप्त करने में या तो अर्स्मथ होता है अथवा इन सूचनाओं को प्राप्त करने में मुश्किल आती हैं।

    S  SensoryP  ProcessingD  Disorder

    Question 10
    CBSEHHIPEH12036913

    ASD ए. एस. डी. से आप क्या समझते है?

    Solution

    यह एक तंत्रिका तंत्र तथा विकास से सम्बन्धी विकार है। इस विकार में पीड़ित व्यक्ति किसी शब्द अथवा किसी वाक्य को बार-बार दोहराता है।

    A  AutismS  SpectrumD  Disorder

    Question 11
    CBSEHHIPEH12036914

    OCD ओ. सी. डी. से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    इस विकार में पीड़ित व्यक्ति अपने से सम्बंधित वस्तुओं को बार-बार जाँचता है तथा दैनिक जीवन से जुडी कुछ क्रियाओं को बार-बार दोहराता है जैसा कि बार-बार हाथ धोना आदि:

    O   ObsessiveC  ComplusiveD  Disorder

    Question 12
    CBSEHHIPEH12036915

    ODD से आप क्या समझते है?

    Solution

    इस विकार से पीड़ित व्यक्ति अपने चारो ओर की चीजों को बाधित करता है।

    O   OppositionalD  DefiantD  Disorder

    Question 13
    CBSEHHIPEH12036916

    अक्षमता शिष्टाचार का अर्थ समझाइए।

    Solution

    ये वे सिद्धान्त है जिनका हमें तब ध्यान रखना चहिए जब हम किसी अक्षम व्यक्ति के सम्पर्क में आते है।

    Question 14
    CBSEHHIPEH12036917

    अक्षमता के प्रकारों को समझाइए।

    Solution

    शारीरिक अक्षमता: इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति किसी शारिरिक क्षति के कारण अपनी दैनिक क्रियाए करने में अर्स्मथ रहता है उदाहरण के लिये अंधापन, आशिक अंधामन, सुनने में परेशानी ।

    संज्ञात्मक अक्षमता: इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति किसी मानसिक क्षति के कारण अपनी दैनिक जीवन से जुड़ी मानसिक क्रिसाओं को करने में अस्मर्थ रहता है। उदाहरण के लिये पढ़ने में परेशानी, गिनती करने में परेशानी, शब्दों का अर्थ समझने में परेशानी अदि सामान्यता इस अक्षमता का सम्बन्ध शरीर क्रियात्मक पक्ष से सम्बन्धित होता है।

    बौद्धिक अक्षमता: इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति किसी मानसिक क्षति के कारण न केवल दैनिक जीवन से जुड़ी मानसिक क्रियाए कर पाता है अपितु अनुकूली व्यवहार सम्बन्धी क्रियाए भी नहीं कर पाता है।

    मानसिक कार्य: पढ़ना, तर्क देना, चीजों को समझना आदि।

    अनुकूली व्यव्हार: सामाजिक कौशल और वैचारिक कौशल का संग्रह।

    Question 15
    CBSEHHIPEH12036918

    अक्षमता तथा विकार में अन्तर सपष्ट कीजिए।

    Solution

     

    अक्षमता विकार
    क्षति। विघटन अथवा रुकावट।
    सामान्य होने की सम्भावना नहीं होती है। सामान्य होने की सम्भावना होती है।
    शरीर के किसी भी हिस्से से सम्बन्धित हो सकती है। सामान्यता तंत्रिका तंत्र से सम्बन्धित होते है।
    उदाहरण शारीरिक अक्षमता, संज्ञानात्मक अक्षमता, बौद्धिक अक्षमता। ए. डी. एच. डी., एस. पी डी., ए. एस.डी., ओ. सी., डी., ओ. डी. डी.।
    Question 16
    CBSEHHIPEH12036919

    ए. डी. एच. डी. ADHD के लक्षण लिखिए।

    Solution
    1. किसी विशेष विषय की ओर ध्यान देने में परेशानी।
    2. किसी एक स्थान पर छोटी अवधि के लिये भी बैठने में परेशानी।
    3. शांत रहने वाली क्रियाओं को करने में परेशानी जैसे पढ़ना, याद करना आदि।
    4. पीड़ित व्यक्ति घूमते हुए ज्यादा नज़र आते है।
    5. अपनी बारी के लिये इंतजार करना, बटवारा उनके लिये कठिन है इसलिये उनके लिए दुसरो के साथ खेलना मुश्किल होता है।
    6. जल्द निर्णय लेकर बिना सोचे जल्द से बोल देना।
    7. वे अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण नही रख पाते है।
    8. वे दिन में सपने देखने वाले होते है।
    9. लापरवाही भरी गलतियाँ।
    Question 17
    CBSEHHIPEH12036920

    एस. पी. डी. के लक्षण को लिखिए।

    Solution

    व्यवहारिक लक्षण: आवाज़ के प्रति तथा सुगंध के प्रति अत्याधिक संवेदनशील होना, रचनात्मक खेलों में शामिल न होना, परेशान होने के बाद शांत करने में मुश्किल आती है।

    शारिरिक लक्षण: खराब संतुलन, खराब आसन, मांसपेशीय नियन्त्रण बाधित होना तथा देर से होना, धीमी माँसपेशीय वृद्धि, नींद न आना अथवा कम आना, शरीर के किसी भाग में अत्यधिक कम्पन्न होना, खराब तालमेल।

    मनो-वैज्ञानिक लक्षण: समाज से अलग रहना, अवसाद, आक्रमकता, चिंता, भीड़ से डर लगना, आक्समिक छूने से डरना।

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    Question 18
    CBSEHHIPEH12036921

    ए. एस. डी. (ASD) के लक्षण लिखिए।

    Solution

    ए. एस. डी. के लक्षण निम्नलिखित है:

    1. बातचीत करने में समस्या
    2. शब्दों का उच्चारण करने में मुश्किल
    3. पढ़ने में मुश्किल
    4. सामाजिक क्रियाओं में भाग न लेना
    5. समाज के सम्पर्क में आने से बचना
    6. बार-बार दोहराने वाली क्रियाओं में व्यस्त रहना
    7. किसी वस्तु को बार-बार ढूँढ़ना
    8. स्वाद/आवाज तथा गंघ के प्रति अत्याधिक संवेदनशील होना
    9. कम शब्दों को बोलकर अपनी बात कहने का प्रयास करना
    10. अकेले खेलना पसंद करना
    11. खाने की वस्तुओं को उनके रंग तथा बनावट के आधार पर पसंद तथा नापंसद मज़बूती से करना
    12. माता-पिता के द्वारा छाती से लगाने को पसंद न करना

     

    Question 19
    CBSEHHIPEH12036922

    ओ सी डी (OCD) के लक्षण लिखिए।

    Solution

    सनकी विचार: दूषित होने का डर लगना, पीड़ित व्यक्ति को यह लगता है कि उसका शरीर कही रोगाणुओं से दूषित न हो जाये, ज़रूरत से ज्यादा धार्मिक कार्यो में शामिल होना, चीजों को खोने का डर लगा रहना, पीडित व्यक्ति वहमी हो जाता है।

    बाध्यकारी व्यवहार: चीजों को बार-बार जाचंना, अपने प्यारो की कुशलता की पुष्टि बार बार करना, शब्दों को बार-बार दोहराना, धोने तथा साफ करने की क्रिया को अधिक बार करना, चीजों को व्यवस्थित करने में ज्यादा ध्यान देना, ईश्वर सेअत्याधिक प्रार्थना करना, घर में खराब समान को इकठा करके रखना।

    Question 20
    CBSEHHIPEH12036923

    ओ. डी. डी. (ODD) के लक्षण लिखिए।

    Solution
    1. व्यवहार संबधित लक्षण: नियमो को मानने से इंनकार करते है, हमेशा उतेजित होकर लड़ने के लिए तैयार हो जाते है। हमेशा दूसरों से बहस करते है। दूसरो को आरोपित करते है। अपनी स्वेच्छा से दोस्ती तोड़ देते है। निरंतर आज्ञा का उल्लंघन करते है।
    2. संज्ञात्मक लक्षण: अक्सर जल्दी तथा बार-बार हताश हो जाते है। किसी विषय को ओर ध्यान केंद्रित करने में इन्हे मुश्किल आती है। बोलने से पहले सोचते नहीं है। अर्थात् बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते है।
    3. मनोवैशानिक लक्षण: नये दोस्त बनाने में इन्हे हमेशा मुश्किल होती है। इनमे हमेशा झुंझलाहट की भावना रहती है। इनमें आत्म सम्मान की कमी देखने को मिलती है।
    Question 21
    CBSEHHIPEH12036924

    ए.डी.एच.डी (ADHD) के कारणों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. अनुवांशिक: यदि माता पिता में से किसी एक को ए. डी. एच. डी. हो तो उनकी संतान को ADHD होने की सम्भावना 4 से 5 गुणा तक बढ़ जाती है।
    2. मस्तिष्क की कार्यक्षमता तथा बनावट: यदि मस्तिष्क की आन्तरिक बनावट में कमी हो तथा न्यूरोट्रांसमीटर असन्तुलन की समस्या हो तो ए. डी. एच. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    3. समय से पूर्व जन्म: इस स्थिति में तंत्रिका तंत्र पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता जिसके कारण भी ए. डी. एच. डी. होने से सम्भावना बढ़ जाती है।
    4. जन्म के समय का वजन: यदि शिशु का जन्म के समय वजन कम हो तो उसे (ADHD) ए. डी. एच. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    5. मस्तिष्क से सम्बन्धित चोट: मस्तिष्क पर लगने वाले आघात भी व्यक्ति को ADHD ए. डी. एच. डी की ओर अग्रसर कर सकते है।
    6. मादक पदार्थो का सेवन: शराब, धुम्रपान, उतेजित दवाओं का सेवन भी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है। जो व्यक्ति को ADHD ए. डी. एच. डी. की ओर अग्रसर कर सकता है।
    7. हानिकारक पदार्थों का सेवन: यदि बालक कम उम्र में ही हानिकारक पदार्थों का सेवन करता है। जैसा कि सीसा (लेड) (Lead)। इससे बालक के तंत्रिका तंत्र की कार्य क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है जो कि बालक ADHD की ओर अग्रसर कर सकता है।
    Question 22
    CBSEHHIPEH12036925

    (SPD) एस. पी. डी. कारणों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. अनुवांशिक: कुछ ऐसे तत्व है जो अंनुवशिक रूप से माता-पिता से बालक को मिल सकते है जैसे कि ध्वनि तथा प्रकाश के प्रति अत्याधिक संवेदनशील होना। ये तत्व बालक को (SPD) एस. पी. डी. की ओर अग्रसर कर सकते है।
    2. असाधारण मस्तिष्क: यदि मस्तिष्क की बनावट उचित न हो तो भी व्यक्ति (SPD) एस. पी. डी. की ओर अग्रसर हो जाता है।
    3. तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी विकार: यदि तंत्रिका तंत्र सुचारू रूप से कार्य न कर रहा हो तो भी व्यक्ति (SPD) एस. पी. डी. की ओर अग्रसर हो जाता है।
    4. चोट: गर्दन के ऊपरी भाग तथा ब्रेनस्टेम में लगे हुए अघात के कारण भी (SPD) एस. पी. डी. होने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
    5. भोजन के तत्वों से एलर्जी: भोज्य पदार्थो से होने वाली एलर्जी भी (S.P.D.) एस. पी. डी. की ओर अग्रकर कर सकती है।
    6. गर्भ के समय मादक पदार्थों का उपयोग: गर्भ के दौरान यदि माता मादक पदार्थों का सेवन करती है तो होने वाले बालक को (SPD) एस. पी. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    7. वातावरण: यदि वातावरण शुद्ध न हो उसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बड़े हुए हो तो बालक को (S.P.D.) एस. पी. डी. की ओर लेकर जा सकते है।
    Question 23
    CBSEHHIPEH12036926

    ASD (ए. एस. डी.) के कारणों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. अनुवांशिक कारण: जुडवा बच्चों के संर्दभ में यदि किसी ए. एस. डी. हो तो दूसरे को ए. एस. डी. होने की सम्भावना 30% से 40% तक अधिक हो जाती है। भाई बहन के संर्दभ में यदि किसी को ए. एस. डी. हो तो दूसरे को 10% तक ए. एस. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है। ए. एस. डी. होने की सम्भावना उन लोगो में बढ़ जाती है जिनमे असधारण क्रोमोसोमल स्थिति होती है जैसे कि फ़्रिंग्लेक्स सिंड्रोम।
    2. वातारण से सम्बन्धित कारण: यदि माता गर्भ के समय कुछ विशेष प्रकार वायरस के सम्पर्क में आती है तो उससे होने बाले बच्चे को ए.एस.डी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। बुढे़ माँ-बाप से होने वाली सन्तान को भी ए. एस. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है। सेरिव्रिल डाई जिनोसिस तथा रेल्ट सिंड्रोम के कारण भी ए. एस. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है। यदि चयापचय क्रिया मेंकाई विंसगति जन्म से हो तो भी एस. पी. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    Question 24
    CBSEHHIPEH12036927

    (OCD) ओ. सी. डी. के कारणों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. जैविक तत्व: न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में कमी तथा मस्तिष्क के मार्गो में उत्पन्न होने वाली रुकावटे व्यक्ति को ओ. सी. डी. को ओर अग्रसर कर सकती है।
    2. अनुवांशिक तत्व: यदि माता-पिता में से किसी एक को ओ. सी. डी. हो तो उनसे उत्पन्न होने वाली सन्तान को ओ. सी. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    3. संक्रमण: स्ट्रैपटोकोकस के संक्रमण के कारण भी ओ. सी. डी. उत्पन्न हो जाता है।
    4. वातावरण: कुछ हमारे वातावरण में भी ऐसे कारण होते है जो कि ओ. सी. डी. उत्पन्न करने के लिये जिम्मेदार होते है जैसे कि अपने किसी नजदीकी की मृत्यु हो जाना, स्कूल से सम्बन्धित समस्याएँ, रिश्तो से सम्बधित समस्याएँ, निवास करने की जगह में बदवाव आदि।
    Question 25
    CBSEHHIPEH12036928

    ओ. डी. डी. (ODD) के कारणों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. अनुवांशिक कारण: यदि परिवार के लोगों को, माता पिता को मनोदिशा सम्बन्धी विकार हो, चिंता सम्बन्धी विकार हो, व्यक्तित्व सम्बन्धी विकार हो, तो ओ. डी. डी. होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
    2. जैविक कारण: मस्तिष्क पर लगने वाले आघात तथा न्यूरोट्रांसमीटर का सामान्य रूप से कार्य न करना से पीड़ित होने की सम्भावना को बढ़ा देता है।
    3. वातावरण सम्बन्धी कारण: पारिवारिक जीवन का खुशहाल न होना, अवसाद, परिवारिक जीवन से जुड़े दुखद अनुभव व्यक्ति को ODD ओ. डी. डी. को ओर अग्रसर कर सकते है।
    Question 26
    CBSEHHIPEH12036929

    अक्षमता शिष्टाचारों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. उचित शब्द का चयन: पहले के समय में अक्षम व्यक्ति के लिये कई शब्दों का प्रयोग किया जाता था जैसे: विकलांग, शारीरिक रूप से विक्षिप्त, मानसिक रूप से विक्षिप्त आदि परन्तु आज के समय में हमें उन्हें ''व्यक्ति क्षमता के साथ '' अथवा दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए।
    2. उचित सम्बोधन: किसी सभा में हमें उन्हें उनके नाम के साथ सम्बोधित करना चाहिए जिस प्रकार और लोगों को सम्बोधित कर रहे हो।
    3. हाथ मिलाना: जब भी मिले सर्वप्रथम दिव्यांग व्यक्ति से हाथ मिलाने के लिये पेशकश करनी चाहिए । यदि दिव्यांग व्यक्ति का सीधा हाथ न हो तो उल्टे हाथ से हाथ मिलाने की पेश कश करती चाहिए।
    4. सहायता: तब तक प्रतीक्षा करनी चहिए जब तक कि आप के द्वारा सहायता की पेशकश को दिव्यांग द्वारा स्वीकार न कर लिया जाए।
    5. सहायक: जब भी दिव्यांग के सम्पर्क में जाये तो बिना किसी सहायक के दिव्यांग से बातचीत करे।
    6. पहचान: जब भी दृष्टि सम्बन्धी दिव्याग के सर्म्पक में आये सर्वप्रथम अपनी तथा बाद में जो भी आपके साथ हो उनकी पहचान दिव्यांग से करवाए उसके उपरांत बातचीत शरू करे।
    7. व्हील चेयर: व्हील चेयर पर बैठे दिव्यांग की पीठ तथा कंधे पर थपथपाना नहीं चाहिए।
    8. झुकना: व्हील चेयर पर बैठे दिव्यांग को व्हील चेयर पर नहीं झुकना चहिए।
    9. ध्यानपूर्वक सर्म्पक: जब भी किसी दिव्यांग के सर्म्पक में आये तो हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि चोट तथा दुर्घटना घटित न हो जाए।
    Question 27
    CBSEHHIPEH12036930

    विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों अथवा दिव्यांग के लिए शारीरिक क्रियाओं के लाभों का वर्णन कीजिए।

    Solution
    1. शारीरिक सुधार: एकाग्रता में सुधार, लचक में सुधार, शक्ति में सुधार, सहनशीलता में सुधार, हृदय सम्बन्धी सुधार, मोटापे से पीड़ित होने की सम्भावना कम हो जाती है, हड्डियाँ मजबूत तथा मोटी हो जाती है। शारीरिक पुष्टि अच्छी हो जाती है, जोड़ों की सूजन कम होती है, तथा तंत्रिका तंत्र की कार्य क्षमता में सुधार आता है।
    2. मानसिक सुधार: मनोदशा में सुधार, सुयोग्यता में सुधार, अवसाद तथा चिंता के स्तर में कमी आती है।
    3. आत्म सम्मान: शारीरिक क्रियाओं में भाग लेने से दिव्यांग के आत्मविश्वास तथा आत्मसम्मान की भावना में बढ़ोतरी होती है।
    4. स्वास्थ्य: शारीरिक क्रियाओं में भाग लेने से दिव्यांग के स्वास्थ्य के स्तर में बढ़ोतरी होती है। उसके विकार होने की सम्भावना कम हो जाती है।
    5. व्यक्तित्व: शारिरिक क्रियाओं में भाग लेने से दिव्यांग के व्यक्तित्व के सभी पक्षों में निखार आता है।
    6. सामाजिक लाभ: नए अनुभव प्राप्त होना, नये दोस्त बनते है, आज़ादी का अनुभव होता है। दोषारोपण से बचना आदि।
    7. कार्य क्षमता: शारीरिक क्रियाओं में भाग लेने से व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ जाती है।
    Question 28
    CBSEHHIPEH12036931

    विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण करने की रणनितियों की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. डाक्टरी जाँच: शारीरिक क्रियाओं में भाग लेने से पूर्व दिव्यांग की शारीरिक जांच करवा कर उसकी अक्षमता तथा अक्षमता के स्तर की जाँच कर लेनी चाहिए ताकि उसके स्तर के अनुरूप ही शारीरिक क्रियाए उन्हें करवायी जा सके।
    2. पूर्व अनुभव: शारीरिक क्रियाओं के निर्धारण से पूर्व दिव्यांग के पूर्व अनुभव की जानकारी ले लेनी चाहिए ताकि शारीरिक क्रियाओं का चयन उनके लिये उत्तम हो सके।
    3. रूचि: जब शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण किया जाए तो दिव्यांग की रूचि का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि वह इन शारीरिक क्रियाओं में पूर्ण रूप से भाग ले सके।
    4. क्षमता: जब भी शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण किया जाये तो दिव्यांग की शारीरिक तथा मानसिक योग्यता को समझ लेनी चाहिए ताकि उसकी क्षमता के अनुरूप शारीरिक क्रियाओं का चयन किया जा सके।
    5. रूपांतरित उपकरण: उपकरणों का रूपांतरण हमेशा दिव्यांग की अक्षमता के स्तर के अनुरूप हो ताकि वह शारीरिक क्रियाओं में भाग ले सके।
    6. उपयुक्त वातावरण: शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण करते समय इस बात पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए कि वातावरण उन क्रियाओं के अनुरूप है अथवा नहीं। वातावरण में क्रियाओं से संम्बन्धित सभी सुविधाए होनी चाहिए।
    7. रूपांतरित नियम: शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण करने से पूर्व उनके नियमों को दिव्यांग की योग्यता के अनुसार रूपांतरित कर लेना चाहिए।
    8. अनुदेश: शारीरिक क्रियाओं के दौरान दिए जाने वाले अनुदेश दिव्यांग की अक्षमता की प्रकृति के अनुरूप हो। उदाहरण के लिये दृष्टि सम्बन्धी दिव्यांग के अनुदेश सुनने वाले होने चाहिए।
    9. साधारण से मुश्किल: शारीरिक क्रियाओं के निर्धारण के समय शुरू में आसान तथा धीरे-धीरे मुश्किल शारिरिक क्रियाओं की ओर बढ़ना चाहिए।
    10. सभी अंगो का उपयोग: शारिरिक क्रियाओं को निर्धारित करते समय अधिकतर सभी अंगों की उनमें भागीदारी होने को पुष्टि कर लेनी चाहिए।
    11. अतिरिक्त देख भाल: शारिरिक क्रियाओं का निर्धारण करते से पूर्व दुर्घटना से बचाने वाले सभी तत्वों की समीक्षा जरूर कर लेनी चाहिए।

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