सुमित्रानंदन पंत
किसान के पिछले सुरस ये हो सकते हैं-
(1) उसका घर भरा-पूरा था’ उसमें पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू सभी थे।
(2) उसके खेत में भरपूर फसल लहलहाती थी।
(3) उसके पास बैलों की जोड़ी थी।
(4) उसके पास दुधारू गाय थी।
(5) इन सब चीजों से उसे सुख मिल रहा था।
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खैर, पैर की जूती, जोरू
न सही एक, दूसरी आती
पर जवान लड़के की सुध कर
साँप लौटते, फटती छाती।
पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गगड़वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।
(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है?
(ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?
(ग) कवि को ‘उन आँखों से’ डर क्यों लगता है?
(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है?
(ड) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता, क्या तब भी वह कविता लिखता?
कविता में किसान की पीड़ा के लिए कीन्हें जिम्मेदार बताया गया है?
संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?
संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।
किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें।
‘वे आँखें’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
इस कविता पर किस वाद का प्रभाव है?
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