‘वे आँखें’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
‘वे आँखें’ कविता में कवि ने किसान की दुरावस्था? मार्मिक चित्रण किया है। उसे स्वाधीन भारत में भी उपेक्षा के सिवाय कुछ नहीं मिला। उसकी दशा दिन-प्रतिदिन बिगड़ती ही चली गई है। पहले जमींदार उसका शोषण करता है, फिर महाजन उसका घर-बार तक बिकवा देता है। वह कहीं का नहीं रहता। पत्नी इलाज के अभाव में मर जाती है। पुत्र को जमींदार के कारिंदे मार देते हैं, पुत्रवधू को कोतवाल परेशान करता है अत: वह कुएँ में डूब मरती है। किसान को बीच मँझधार में छोड़ दिया गया है। उसके गाय-बैलों तक को छीन लिया गया है। उसकी दशा दयनीय हो गई है।