संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।
संदर्भ-पंत जी की कविता ‘वे आँखें’ की ये पंक्तियाँ किसान के लुट-पिट जाने की स्थिति से पूर्व की दशा की ओर संकेत करती हैं।
आशय-किसान यद्यपि हर समय दुखी रहता है। उसकी आँखों में वेदना झलकती रहती है। इसके बावजूद कभी -कभी उसकी आँखों में क्षण - भर के लिए चमक आ जाती है। यह चमक तब आती है जब वह सुख के पुराने क्षणों का स्मरण करता है। उसका यह सुखद भाव तुरंत गायब भी हो जाता है और वह तीखी नोंक के समात चुभने लगता है।