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सुमित्रानंदन पंत

Question
CBSEENHN11012258

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -

पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।

Solution

संदर्भ-पंत जी की कविता ‘वे आँखें’ की ये पंक्तियाँ किसान के लुट-पिट जाने की स्थिति से पूर्व की दशा की ओर संकेत करती हैं।

आशय-किसान यद्यपि हर समय दुखी रहता है। उसकी आँखों में वेदना झलकती रहती है। इसके बावजूद कभी -कभी उसकी आँखों में क्षण - भर के लिए चमक आ जाती है। यह चमक तब आती है जब वह सुख के पुराने क्षणों का स्मरण करता है। उसका यह सुखद भाव तुरंत गायब भी हो जाता है और वह तीखी नोंक के समात चुभने लगता है।

Some More Questions From सुमित्रानंदन पंत Chapter

‘पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर रक चमक है लाती’ में किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है?

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -

घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -

पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।

किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें।

‘वे आँखें’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।

इस कविता पर किस वाद का प्रभाव है?

निन्नलिखित काव्य-पंक्तियों में निहित सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन,
भरा दूर तक उनमें दारुण
दैन्य दुख का नीरव रोदन।

निन्नलिखित काव्य-पंक्तियों में निहित सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती।
अह, आँखों में नाचा करती
उजड़ गई जो सुख की खेती।