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सुमित्रानंदन पंत

Question
CBSEENHN11012263

निन्नलिखित काव्य-पंक्तियों में निहित सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती।
अह, आँखों में नाचा करती
उजड़ गई जो सुख की खेती।

Solution

भाव-सौंदर्य- किसान को अपनी उजरी गाय अत्यधिक प्रिय थी। वह अपना दूध उसके सिवाय किसी और को नहीं निकालने देती थी। वह गाय भी उसके पास से चली गई। उसका सारा सुख समाप्त हो गया। अब तो वह सुख की खेती उसकी। स्मृति बनकर ही रह गई।

शिल्प-सौंदर्य

-इन पंक्तियों में ‘स्मृति बिंब’ उभारा गया है। किसान को रह-रहकर अपने सुखद क्षणों का स्मरण हो आर:? है।

- ‘किसे-कब’-में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।

- ‘सुख खेती उजड़ जाना, मुहावरे का सटीक प्रयोग किया गया है।

- भाषा सरल एवं सुबोध है।

Some More Questions From सुमित्रानंदन पंत Chapter

बिका दिया घर द्वार
महाजन ने न ब्याज की कौड़ी छोड़ी,
रह-रह आखों में चुभती वह
कुर्क हुई बरधों की जोड़ी!
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?
अह, आँखों में नाचा करती
उजड़ गई जो सुख की खेती!

बिना दवा दर्पन के धरनी
स्वरग चली-आँखें आतीं भर,
देख-रेख के बिना दुध मुँही
बिटिया दो दिन बाद गई मर!
घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मंगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन!

खैर, पैर की जूती, जोरू
न सही एक, दूसरी आती
पर जवान लड़के की सुध कर
साँप लौटते, फटती छाती।
पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गगड़वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।

अंधकार की गुहा सरीखी
‘उन आँखों से’ डरता है मन।

(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है?

(ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?

(ग) कवि को ‘उन आँखों से’ डर क्यों लगता है?

(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है?

(ड) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता, क्या तब भी वह कविता लिखता?

कविता में किसान की पीड़ा के लिए कीन्हें जिम्मेदार बताया गया है?

‘पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर रक चमक है लाती’ में किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है?

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -

घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,

संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें -

पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।

किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें।