निन्नलिखित काव्य-पंक्तियों में निहित सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती।
अह, आँखों में नाचा करती
उजड़ गई जो सुख की खेती।
भाव-सौंदर्य- किसान को अपनी उजरी गाय अत्यधिक प्रिय थी। वह अपना दूध उसके सिवाय किसी और को नहीं निकालने देती थी। वह गाय भी उसके पास से चली गई। उसका सारा सुख समाप्त हो गया। अब तो वह सुख की खेती उसकी। स्मृति बनकर ही रह गई।
शिल्प-सौंदर्य
-इन पंक्तियों में ‘स्मृति बिंब’ उभारा गया है। किसान को रह-रहकर अपने सुखद क्षणों का स्मरण हो आर:? है।
- ‘किसे-कब’-में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।
- ‘सुख खेती उजड़ जाना, मुहावरे का सटीक प्रयोग किया गया है।
- भाषा सरल एवं सुबोध है।