शारीरिक क्रियाओं के लिए व्यवहार परिवर्तन की अवस्थाओं का वर्णन करो।
व्यवहार में परिवर्तन हेतु विभिन्न लोग पाँच अवस्थाओं से होकर गुजरते हैं। कुछ लोग इन पाँच अवस्थाओं के बाद तथा इन अवस्थाओं के बीच में कभी भी पीछे की ओर जा सकते हैं।
व्यवहार परिवर्तन की पाँच अवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है:
- अवस्था I: इस अवस्था में एक व्यक्ति अपनी समस्या से या तो परिचित ही नहीं होता या फिर कोई भी समस्या होने से इंकार करता है। व्यक्ति अपनी समस्याओं के लिए परिस्थितियों को दोषी ठहराता है जैसे- मैं अपना वजन नहीं घटा सकता क्योंकि मेरी पत्नी बड़ा स्वादिष्ट खाना बनाती है।
- अवस्था II: इन अवस्था में व्यक्ति परिवर्तन करने की सोचने लगता है। व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन के कुछ कारण देखने लगता है लेकिन कुछ करने के लिए हिचकिचाहट महसूस करता है। जैसे व्यक्ति स्वीकार लेता है कि उसे पतला होने की जरूरत है लेकिन पतला होने के लिए किये गये प्रयासों से हिचकिचाहट महसूस करता है।
- अवस्था III: इन अवस्था में व्यक्ति अपना व्यवहार परिवर्तन करने का निर्णय कर लेता है और वह व्यवहार परिवर्तन के तरीकों के बारे में सोचने लगता है। इस अवस्था के दौरान व्यक्ति अपना उद्देश्य प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे परिवर्तन करने लगता है। लेकिन इस अवस्था में व्यक्ति पूर्ण रूप से अवांछित व्यवहार को नहीं छोड़ पाता है अर्थात् भार घटाने के लिए समोसे या तली हुई चीजों से परहेज नहीं कर पाता है।
- अवस्था IV: समस्या व्यवहार को हल करने के लिए इस अवस्था में व्यक्ति पर्याप्त कदम उठाता है। इसमें व्यक्ति व्यवहार परिवर्तन हेतु लालच छोड़ देता है। अर्थात् तली हुई चीजों का बिलकुल त्याग कर देता है।
- अवस्था V: इस अवस्था में व्यक्ति अपने द्वारा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों को बनाए रखता है। इस अवस्था तक व्यक्ति अपने व्यवहार में पूर्णत: परिवर्तन कर चुका होता है लेकिन बीच-बीच में उसे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इस अवस्था को बनाए रखना सबसे कठिन होता है।



