शारीरिक शिक्षा के द्वारा नेता बनने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेताओं में दो प्रकार के गुण होते हैं - जन्मजात गुण व अर्जित गुण। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से अर्जित गुणों का सफलतापूर्वक विकास इस प्रकार किया जा सकता है जिससे कि ज़्यादा से ज़्यादा शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी एवं कुशल नेता बन सके:
- छात्रों का विश्लेषण करना: इस क्षेत्र में नेताओं को बनाने के लिए छात्रों का विश्लेषण अर्थात् किसी छात्र में नेतृत्व के कौन-से कौशल पहले से ही सुविकसित हैं तथा किन कौशलों को अभी विकसित किये जाने की आवश्यकता है, करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित प्रश्नों की सहायता ली जा सकती है:
- क्या स्पष्ट रूप से निर्देशन कर पाते हैं तथा जिनका वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या उन्हें प्रोत्साहित कर पाते है?
- जिन विद्यार्थियों का वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या वे अभिप्रेरित होते हैं तथा एकाग्र होकर आगे बढ़ते हैं।
- नेतृत्व के गुणों में और अधिक सुधार लाने वाले विद्यार्थियों की पहचान करना: इसके उपरान्त जिन छात्रों अथवा छात्रों के समूह के नेतृत्व के गुणों में सुधार लाने की आवश्यकता है, उन्हें पहचानें।
- नेतृत्व कौशल के विकास हेतु विभिन्न पद्धतियाँ अपनाना। नेतृत्व कौशल हेतु विभिन्न पद्धतियाँ:
- छात्रों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ प्रदान करने का अवसर प्रदान करना।
- खेल क्रियाकलापों का पर्यवेक्षण व प्रबंधन करवाना।
- विभिन्न खेलों में टीम का कप्तान बनाकर।
- विभिन्न प्रकार की समितियों का सदस्य बनाकर।
- कार्यालयीन कामकाज तथा समूह तैयारी का कार्यभार देकर।
- खेल पर्वों पर विभिन्न आयोजनों द्वारा अध्यापकों को तथा प्रशिक्षक को क्लब चलाने में और टीम के संचालन में सहायता करने का अवसर प्रदान करना।
- नेतृत्व सम्बन्धी कुछ पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना।
- विद्यार्थियों को उनके कौशल विकसित करते रहने के अवसर प्रदान करवाना तथा चुनौती तथा जटिलता प्रस्तुत करने वाले नेतृत्व के विभिन्न अवसर प्रदान करना।
- नेतृत्व विद्यार्थियों को अलग पहचान देना (टोपी व जैकेट तथा Badge लगाकर जैसे Head Girl व Head Body बनाकर अलग से पहचान देना।
- छात्रों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ प्रदान करने का अवसर प्रदान करना।
- विद्यार्थियों में विश्वास तथा भरोसा रखना: किसी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों के विकास के लिए उसमें भरोसा तथा विश्वास दर्शाना चाहिए जिससे विद्यार्थी और अच्छा करने के लिए अभिप्रेरित हो।
- पुरस्कार द्वारा: छात्रों को पुरस्कार देकर भी उनमें नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।
- सुधार करने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से भी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।



