रिवर रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई केआधार पर वर्गीकरण कजिए।
रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई केआधार पर वर्गीकरण निम्नलिखित हैं:
- श्रेणी I: इस श्रेणी में बहते जल की आसान लहरों पर रॉफ्टिंग की जाती है, जिसमें अधिक कौशल की आवश्यकता नहीं पड़ती। नौसिखिए नौकाचालक अधिकतर इसी श्रेणी के जल प्रवाह में रॉफ्टिंग करते हैं।
- श्रेणी II: इस श्रेणी में बहते जल की थोड़ी अशांत लहरों के साथ-साथ कुछ चट्टानें भी हो सकती हैं। इसमें थोड़े से कौशल और अनुभव की आवश्यकता पड़ती है।
- श्रेणी III: इस श्रेणी में अंशात लहरों के साथ-साथ कुछ कठिन मुहाने भी होते हैं। इस प्रकार की लहरों में रॉफ्टिंग के लिए अनुभव तथा चप्पू चलाने में दक्षता की आवश्यकता होती है।
- श्रेणी IV: इस श्रेणी में लहरे बड़ी और चट्टानों से टकराने के कारण बहुत अशांत होती है। इसमें रॉफ्टिंग के लम्बे अनुभव तथा तीव्र कौशलों की आवश्यकता होती है।
- श्रेणी V: यह अत्यधिक कठिनाई वाला स्तर है। इसमें बड़ी-बडी लहरें हो सकती हैं। इसमें जल की मात्रा भी विशाल हो सकती है। इसमें चट्टानें भी बड़ी होती हैं । इसमें सूक्ष्म कौशल की आवश्यकता होती हैं। इस स्तर की रॉफ्टिंग केवल अनुभवी प्रतिभागियों को ही करनी चाहिए।
- श्रेणी VI: इस स्तर पर रॉफ्टर विशाल लहरों का सामना करने की आशा कर सकता है। यह स्तर अत्याधिक कठिन होता है। जिसमें अत्यधिक शारीरिक क्षमता तथा मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। इस स्तर की रॉफ्टिंग में चोट लग सकती है तथा मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे स्तर की रॉफ्टिंग का सफलतापूर्वक बिना किसी चोट अथवा मृत्यु के पूर्ण होना या तो सौभाग्यवश पूरा होना माना जाता है या फिर अत्यधिक कौशल के कारण।



