शिक्षित बेरोज़गारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
शिक्षित बेरोज़गारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है। यह एक गंभीर समस्या है जो बहुत तेजी से बढ़ रही है। आज मैट्रिक, स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रीधारी भी रोजगार पाने में असमर्थ है। एक अध्यन से पता चला है कि मैट्रिक कि तुलना में स्नातक और स्नातकोत्तर युवकों में बेरोजगार की समस्या अत्यधिक गंभीर रूप लेती जा रही है।
यह स्थिति अत्यंत गंभीर स्थिति है जिसके निम्नलिखित कारण है-
(i) शहरी बेरोज़गारी का एक प्रमुख कारण रोजगार केंद्रित शिक्षा का अभाव है। हमारी शिक्षा व्यवसायोन्मुख और व्यवहारिक न होकर केवल पाठ्यपुस्तक पर आधारित हो गई है।
(ii) जनसँख्या तीव्र गति से बढ़ रही है परन्तु रोजगार के अवसर उतनी तीव्रता से नहीं बढ़ रहे है। अतः नौकरी कम है और दावेदार अधिक।
(iii) एक तरफ तकनीकी तौर पर योग्य व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी की कमी है, जबकि दूसरी तरफ आर्थिक संवृद्धि के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल की कमी है।



