विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए।
(क) जमींदार।
(ख) कानून व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक।
(ग) राजनीतिक दल का नेता।
(क) जमींदार: विशाल शहरी आबादी के होने से लोगों के लिए रहने का स्थान नहीं मिलता। अत: ज़मींदार लोग गरीब लोगों के लिए घटिया और सस्ते किस्म के कमरे बनवाते हैं।
ऐतिहासिक उदाहरण: औद्योगिक क्रांति के बाद लोग काफ़ी संख्या में शहरों की तरफ़ रुख करने लगे तो लंदन जैसे पुराने शहर नाटकीय रूप से बदलने लगे। फैक्ट्रि या वर्कशॉप मालिक प्रवासी कामगारों को रहने की जगह नहीं देते थे। फलस्वरूप जिनके पास ज़मीन थीं ऐसे अन्य लोग ही इन नवागतुंकों के लिए सस्ते और सामान्यत: असुरक्षित टेनमेंट्स बनाने लगे।
(ख) पुलिस अधीक्षक: विशाल आबादी के होने से शहर में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं। पुलिस कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हो जाती है।
ऐतिहासिक उदाहरण: जैसे-जैसे लंदन बढ़ा, वहाँ अपराध भी बढ़ने लगे। लंदन में कम से कम 20000 अपराधी रहते थे। कई लोग अपराधों से ही अपनी आजीविका चलाते थे। मकानों की छतों से सीसा चुरा लेते थे, दुकानों से खाने की चीज़ें उठा लेते थे, लंदन की सड़कों पर ठगों और जालसाजों, जेबकतरों और छोटे-मोटे चोरों की भरमार रहती थी। अपराधियों के इन कारनामों से पुलिस बहुत चिंतित रहती थी।
(ग) राजनीतिक दल का नेता: राजनीतिक दल के नेता के लिए शहर की विशाल जनसंख्या एक अवसर भी थी और एक खतरा भी।
ऐतिहासिक उदहारण: गरीबों लोगों की माँग थी कि उन्हें ग़रीबी से आज़ादी दिलाई जाए। लंदन के हज़ारों गोदी कामगारों ने हड़ताल कर दी और शहर भर में जुलूस निकाले। हज़ारों हड़ताली शहर में जुलूस निकाल रहे थे, परंतु न तो किसी की जेब कटी और न कोई खिड़की टूटी। 12 दिन तक चली इस हड़ताल में मज़ूदरों की माँग थी कि गोदी कामकगारों कि यूनियन को मान्यता दी जाए। शहर में बहुत सारे लोगों को एक साथ राजीनीतिक कार्रवाइयों में खींचा जा सकता था। इस तरह शहर की विशाल जनसंख्या एक अवसर भी थी और एक खतरा भी।