निम्नलिखित की व्याख्या करें:-
बंबई की बहुत सारी फ़िल्में शहर में बाहर से आने वालों की ज़िन्दगी पर आधारित क्यों होती थी?
(i) फिल्म उद्योग में काम करने वाले ज़्यादातर लाहौर, कलकत्ता, मद्रास आदि दूसरे शहरों से आए थे। इतनी सारी जगहों से आए लोगों के कारण ही फ़िल्म उद्योग का ऐसा राष्ट्रीय स्वरूप बना था।
(ii) लाहौर से आए लोगों ने हिंदी फ़िल्म उद्योग के विकास में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
(iii) बंबइया फ़िल्मों ने भी शहर को सपने और हक़ीक़त, झोपड़पट्टी और दमकते बंगलों की दुनिया वाली मिली-जुली छवि देने में अहम भूमिका अदा की है।