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यात्रियों के नज़रिए

Question
CBSEHHIHSH12028292

इब्न बतूता और बर्नियर ने जिन दृष्टिकोणों से भारत में अपनी यात्राओं के वृत्तांत लिखे थे, उनकी तुलना कीजिए तथा अंतर बताइए।

Solution

इब्न बतूता और बर्नियर दोनों ही विदेशी यात्री हैं। इन दोनों ने ही भारत में अपनी यात्रियों का वृत्तांत विस्तार से लिखा हैं।इब्न बतूता ने बड़े पैमाने पर भारत में यात्राएँ की, उसने भारत की विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए, वहाँ की आस्थाओं, पूजास्थलों तथा राजनीतिक गतिविधियों के बारे में लिखा। उदाहरण के तोर पर उसे वहाँ जो कुछ विचित्र लगता था, उसका वह विशेष रूप से वर्णन करता था। इब्न बतूता की चित्रण की विधियों के कुछ बेहतरीन उदाहरण उन तरीकों में मिलते हैं जिनसे वह नारियल और पान, दो ऐसी वानस्पतिक उपज जिनसे उसके पाठक पूरी तरह से अपरिचित थे, का वर्णन करता है। इब्न बतूता के लिखने का दृष्टि-कोण आलोचनात्मक प्रतीत होता हैं।
     दूसरी ओर, बर्नियर ने भारतीय समाज की त्रुटियों को उजागर करने पर ज़ोर दिया हैं। वह भारत में जो कुछ देखता था उसकी तुलना सामान्य रूप से यूरोप तथा विशेष रूप से फ्रांस में व्याप्त स्थितियों से करने लगता था। उसने अपने वृत्तांत में यही दिखाने का प्रयास किया हैं कि विकास कि दृष्टि से भारत यूरोप कि तुलना में पिछड़ा हुआ हैं 

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Some More Questions From यात्रियों के नज़रिए Chapter

इब्न बतूता द्वारा दास प्रथा के संबंध में दिए गए साक्ष्यों का विवेचन कीजिए।

सती प्रथा के कौन से तत्वों ने बर्नियर का ध्यान अपनी ओर खींचा?

जाति व्यवस्था के संबंध में अल-बिरूनी की व्याख्या पर चर्चा कीजिए।

क्या आपको लगता है कि समकालीन शहरी केंद्रों में जीवन-शैली की सही जानकारी प्राप्त करने में इब्न बतूता का वृत्तांत सहायक है? अपने उत्तर के कारण दीजिए।

यह बर्नियर से लिया गया एक उद्धरण है:

ऐसे लोगों द्वारा तैयार सुंदर शिल्पकारीगरी के बहुत उदाहरण हैं जिनके पास औज़ारों का अभाव है और जिनके विषय में यह भी नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने किसी निपुण कारीगर से कार्य सीखा है।
कभी-कभी वे यूरोप में तैयार वस्तुओं की इतनी निपुणता से नकल करते हैं कि असली और नकली के बीच अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है। अन्य वस्तुओं में भारतीय लोग बेहतरीन बंदके और ऐसे सुंदर स्वर्णाभूषण बनाते हैं कि संदेह होता है कि कोई यूरोपीय स्वर्णकार कारीगरी के इन उत्कृष्ट नमूनों से बेहतर बना सकता है। मैं अकसर इनके चित्रों की सुंदरता मृदुलता तथा सूक्ष्मता से आकर्षित हुआ हूँ।
उसके द्वारा अलिखित शिल्प कार्यों को सूचीबद्ध कीजिए तथा इसकी तुलना अध्याय में वर्णित शिल्प गतिविधियों से कीजिए।

चर्चा कीजिए कि बर्नियर का वृत्तांत किस सीमा तक इतिहासकारों को समकालीन ग्रामीण समाज को पुनर्निर्मित करने में सक्षम करता है?

इब्न बतूता और बर्नियर ने जिन दृष्टिकोणों से भारत में अपनी यात्राओं के वृत्तांत लिखे थे, उनकी तुलना कीजिए तथा अंतर बताइए।