इब्न बतूता और बर्नियर ने जिन दृष्टिकोणों से भारत में अपनी यात्राओं के वृत्तांत लिखे थे, उनकी तुलना कीजिए तथा अंतर बताइए।
इब्न बतूता और बर्नियर दोनों ही विदेशी यात्री हैं। इन दोनों ने ही भारत में अपनी यात्रियों का वृत्तांत विस्तार से लिखा हैं।इब्न बतूता ने बड़े पैमाने पर भारत में यात्राएँ की, उसने भारत की विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए, वहाँ की आस्थाओं, पूजास्थलों तथा राजनीतिक गतिविधियों के बारे में लिखा। उदाहरण के तोर पर उसे वहाँ जो कुछ विचित्र लगता था, उसका वह विशेष रूप से वर्णन करता था। इब्न बतूता की चित्रण की विधियों के कुछ बेहतरीन उदाहरण उन तरीकों में मिलते हैं जिनसे वह नारियल और पान, दो ऐसी वानस्पतिक उपज जिनसे उसके पाठक पूरी तरह से अपरिचित थे, का वर्णन करता है। इब्न बतूता के लिखने का दृष्टि-कोण आलोचनात्मक प्रतीत होता हैं।
दूसरी ओर, बर्नियर ने भारतीय समाज की त्रुटियों को उजागर करने पर ज़ोर दिया हैं। वह भारत में जो कुछ देखता था उसकी तुलना सामान्य रूप से यूरोप तथा विशेष रूप से फ्रांस में व्याप्त स्थितियों से करने लगता था। उसने अपने वृत्तांत में यही दिखाने का प्रयास किया हैं कि विकास कि दृष्टि से भारत यूरोप कि तुलना में पिछड़ा हुआ हैं