इब्न बतूता द्वारा दास प्रथा के संबंध में दिए गए साक्ष्यों का विवेचन कीजिए।
इब्न बतूता द्वारा दास प्रथा के सन्दर्भ में अनेक साक्ष्य दिए गए हैं। उसके अनुसार बाजारों में दास किसी भी अन्य वस्तु की तरह खुलेआम बेचे जाते थे और नियमित रूप से भेंटस्वरूप दिए जाते थे:
- जब इब्न बतूता सिंध पहुँचा तो उसने सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक के लिए भेंटस्वरूप ''घोड़े, ऊँट तथा दास '' खरीदे।
- जब वह मुल्तान पहुँचा तो उसने गवर्नर को ''किशमिश के बादाम के साथ एक दास और घोड़ा भेंट के रूप में दिए'।
- इब्न बतूता बताता है कि मुहम्मद- बिन-तुगलक ने नसीरुद्दीन नामक एक धर्मोपदेशक के प्रवचन से इतना प्रसन्न हुआ कि उसे ''एक लाख टके (मुद्रा) तथा दो सौ दास'' दे दिए।
- इब्न बतूता के अनुसार, पुरुष दास का प्रयोग घरेलू श्रम जैसे: बाग बगीचों की देखभाल, पशुओं की देखरेख, महिलाओं व पुरुषों को पालकी या डोली में एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए होता था।
- दासियाँ शाही महल, अमीरों के आवास पर घरेलू कार्य, करने व संगीत गायन के लिए खरीदी जाती थीं। वह बताता हैं कि शादी में इन दासियों ने बहुत उच्च-कोटि के कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे। सुल्तान अपने अमीरों पर नज़र रखने के लिए दासियों को भी नियुक्त करता था।