निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
भक्तिन का दुर्भाग्य भी उससे कम हठी नहीं था, इसी से किशोरी से युवती होते ही बड़ी लड़की भी विधवा हो गई। भइयहू से पार न पा सकने वाले जेठों और काकी को परास्त करने के लिए कटिबद्ध जिठौतों ने आशा की एक किरण देख पाई। विधवा बहिन के गठबंधन के लिए बड़ा जिठौत अपने तीतर लड़ाने वाले साले को बुला लाया, क्योंकि उसका हो जाने पर सब कुछ उन्हीं के अधिकार में रहता। भक्तिन की लड़की भी माँ से कम समझदार नहीं थी, इसी से उसने वर को नापसंद कर दिया। बाहर के बहनोई का आना चचेरे भाइयों के लिए सुविधाजनक नहीं था, अत: यह प्रस्ताव जहाँ-का-तहाँ रह गया। तब वे दोनों माँ-बेटी खूब मन लगाकर अपनी संपत्ति की देख-भाल करने लगीं और मान न मान मैं तेरा मेहमान की कहावत चरितार्थ करने वाले वर के समर्थक उसे किसी-न-किसी प्रकार की पदवी पर अभिषिक्त करने का उपाय सोचने लगे।
1. भक्तिन का दुर्भाग्य क्या था? उसके दुर्भाग्य में किसे, क्या दिखाई दिया?
2. जिठौत ने क्या उपाय ढूँढ निकाला?
3. उस प्रस्ताव का क्या हश्र हुआ?
4. इसका माँ-बेटी तथा वर के समर्थकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
1. भक्तिन का दुर्भाग्य बड़ा ही हठी था। अभी उसकी बड़ी लड़की किशोरी से युवती बन ही रही थी कि उसका पति मर गया और वह असमय ही विधवा हो गई। उसके इस दुर्भाग्य में जिठौतों (जेठ के पुत्रों) को आशा की यह किरण दिखाई दी कि वे विधवा. बहन का पुनर्विवाह कराकर उसकी माँ की संपत्ति पर कब्जा कर सकेगें।
2. जिठौत ने यह उपाय सोचा कि वह अपने तीतर लड़ाने। वाले साले के साथ अपनी विधवा बहन का विवाह करा दे। इससे सब कुछ उन्हीं के अधिकार में आ जाता।
3. तीतर लड़ाने वाले साले से विधवा बहन के विवाह का प्रस्ताव जहाँ-का-तहाँ रह गया। भक्तिन की लड़की ने वर को नापसंद कर दिया। बाहर के बहनोई का आना चचेरे भाइयों को भी सुविधाजनक नहीं था।
4. माँ-बेटी खूब मन लगाकर अपनी संपत्ति की देखभाल करने लगीं। वर के समर्थक उसे किसी-न-किसी-प्रकार उस विधवा लड़की का पति बनाने के प्रयास में जुट गए।