अपने परिवार से लेकर तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तों की कौन-सी सच्चाई उजागर होती है?
अपने परिवार से लेकर तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तों की यह सच्चाई सामने आई कि मुसीबत की घड़ी में कोई किसी का साथ नहीं देता। यदि विवाहिता लड़की किसी कारण से पति का घर छोड्कर पिता के घर आ जाए तो उसे वहाँ भी सम्मान नहीं मिलता। लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। सभी रिश्ते स्वार्थ पर टिके हैं। पर इसी समाज में तातुश जैसे व्यक्ति भी हैं जो परोपकारी स्वभाव के हैं। वे बेबी को अपनी बेटी मानकर उसके सभी तरह के दुख-दर्दो को दूर करते हैं तथा उसे लेखिका के रूप में प्रतिष्ठित करने का हरसंभव प्रयास करते हैं।