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आलो - आँधारि

Question
CBSEENHN11012414

बंधु को चिट्टी लिखते समय बेबी किस सोच में पड़ गई?

Solution

बेबी सोच में पड़ गई कि कभी किसी को चिट्टी-विट्टी लिखी नहीं। यदि लिखे भी तो बस जैसे-तैसे दूसरों के लिए कुछ प्रेम-पत्र! कुछ समझ में नहीं आता कैसे लिखेगी, क्या लिखेगी। कितना गलत लिखेगी, कितना सही, इसका भी तो कोई ठिकाना नहीं! उसने तातुश से पूछा, उन्हें क्या बोलकर लिखेगी? तातुश बोले, ‘यह तुम्हीं सोचकर देखो।’ बस इतना ध्यान रखना कि वह मुझसे एक वर्ष बड़े हैं। बेबी ने कहा, ‘मैं उन्हें जेठू बोलकर लिखूँगी।’ तातुश बोले, ‘तुम्हारी जैसी मरजी।’ बेबी ने जेठू बोलकर ही अपनी चिट्टी लिखी। चिट्टी लिखने का सिर-पैर वह जानती नहीं थी फिर भी जैसे बन पड़ा लिखा।

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‘तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो’ -जेठू का यह कथन रचना-संचार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?

बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो उसका जीवन कैसा होता, कल्पना करें और लिखें।

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बेबी की दिनचर्या कैसे चलने लगी?

एक दिन हठात् तातुश ने बेबी के बारे में क्या पूछा?

तातुश ने बेबी से किस बात पर अपनी अप्रसन्नता प्रकट की?

बाथरूम की समस्या को लेकर बेबी क्यों परेशान रहती थी? उसका समाधान कैसे हुआ?

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बेबी जब अपने लड़के से मिलने गई तो उसे वहाँ क्या देखकर दुख हुआ?