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आलो - आँधारि

Question
CBSEENHN11012403

बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो उसका जीवन कैसा होता, कल्पना करें और लिखें।

Solution

बेबी की जिंदगी में तातुश के परिवार ने आकर उसकी जिंदगी ही बदलकर रख दी। यदि यह परिवार उसकी जिंदगी में न आता तो बेबी भी अन्य घरेलू नौकरों की तरह नारकीय जीवन बिता रही होती। तब न उसके बच्चे पड़ रहे होते और न उन्हें सही खाना ही मिल रहा होता। शायद वे आवारा बन गए होते। बेबी को भी शारीरिक तथा मानसिक शोषण का शिकार होना पड़ सकता था। उसे गंदी बस्ती में रहने को विवश होना पड़ता।

Some More Questions From आलो - आँधारि Chapter

‘आलो-आँधारि’ रचना बेबी की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दों को समेटे है।’ किन्हीं दो मुख्य समस्याओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

‘तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो’ -जेठू का यह कथन रचना-संचार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?

बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो उसका जीवन कैसा होता, कल्पना करें और लिखें।

बेबी जब सुनील के बताए पते पर काम ढुँढ्ने गई तब उसने वहाँ क्या देखा?

बेबी की दिनचर्या कैसे चलने लगी?

एक दिन हठात् तातुश ने बेबी के बारे में क्या पूछा?

तातुश ने बेबी से किस बात पर अपनी अप्रसन्नता प्रकट की?

बाथरूम की समस्या को लेकर बेबी क्यों परेशान रहती थी? उसका समाधान कैसे हुआ?

एक दिन लेखिका (बेबी) किस समस्या में फँस गई? तब उसने क्या सोचा?

तातुश ने बेबी के रहने की समस्या का क्या समाधान निकाला? साया को इससे क्या फायदा हुआ?