तातुश की बातें सुनकर बेबी को क्या लगता था?
तातुश की बातें सुन बेबी को बहुत माया होती। वह सोचती इस तरह से तो कभी उसके बाबा-माँ ने भी उसे नहीं समझाया। लगता है पिछले जीवन में वह सचमुच उसके बाबा ही थे, नहीं तो उसके अच्छे-बुरे की इतनी चिंता क्यों करते! थोड़ी देर बाद तातुश ने फिर कहा, “तुम्हें मैंने लिखने-पढ़ने का जो काम दिया है तुम वही करती रहो। तुम जितना समय यहाँ-वहाँ के काम में लगाओगी उतना लिखने-पढ़ने में लगाओ। तुम देखोगी एक दिन वही तुम्हारे काम आएगा। और कुछ करने की क्या जरूरत?”