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आलो - आँधारि

Question
CBSEENHN11012412

तातुश की बातें सुनकर बेबी को क्या लगता था?

Solution

तातुश की बातें सुन बेबी को बहुत माया होती। वह सोचती इस तरह से तो कभी उसके बाबा-माँ ने भी उसे नहीं समझाया। लगता है पिछले जीवन में वह सचमुच उसके बाबा ही थे, नहीं तो उसके अच्छे-बुरे की इतनी चिंता क्यों करते! थोड़ी देर बाद तातुश ने फिर कहा, “तुम्हें मैंने लिखने-पढ़ने का जो काम दिया है तुम वही करती रहो। तुम जितना समय यहाँ-वहाँ के काम में लगाओगी उतना लिखने-पढ़ने में लगाओ। तुम देखोगी एक दिन वही तुम्हारे काम आएगा। और कुछ करने की क्या जरूरत?”

Some More Questions From आलो - आँधारि Chapter

इस पाठ से घरों में काम करने वालों के जीवन की जटिलताओं का पता चलता है। घरेलू नौकरों को और किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? इस पर विचार कीजिए।

‘आलो-आँधारि’ रचना बेबी की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दों को समेटे है।’ किन्हीं दो मुख्य समस्याओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

‘तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो’ -जेठू का यह कथन रचना-संचार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?

बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो उसका जीवन कैसा होता, कल्पना करें और लिखें।

बेबी जब सुनील के बताए पते पर काम ढुँढ्ने गई तब उसने वहाँ क्या देखा?

बेबी की दिनचर्या कैसे चलने लगी?

एक दिन हठात् तातुश ने बेबी के बारे में क्या पूछा?

तातुश ने बेबी से किस बात पर अपनी अप्रसन्नता प्रकट की?

बाथरूम की समस्या को लेकर बेबी क्यों परेशान रहती थी? उसका समाधान कैसे हुआ?

एक दिन लेखिका (बेबी) किस समस्या में फँस गई? तब उसने क्या सोचा?