कवि ने पिता के मन की तुलना किससे की है?
कवि ने ‘पिता’ कविता में पिता के मन की तुलना बरगद के वृक्ष से की है। कवि के पिताजी भावुक और सरल हैं। जैसे-बरगद के वृक्ष को थोडी-सी चोट लगने पर दूध निकलने लगता है वैसे ही पिताजी भी थोड़े कष्ट से द्रवित हो जाते हैं।