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भवानी प्रसाद मिश्र

Question
CBSEENHN11012278

पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?

Solution

पिता के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं को उकेरा गया है

1. पिता पूर्णत: स्वस्थ हैं। बुढ़ापे ने उन्हें कभी नहीं सताया।

2. वे दौड़ लगाते तथा दंड लगाते हैं।

3. वे इतने साहसी हैं कि उनके आगे मौत भी घबराती है।

4. वे धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। प्रतिदिन गीता का पाठ करते हैं।

5. वे भावुक प्रवृत्ति के हैं। अपने पाँचवें बेटे को याद करके उनकी आँखें भर आती हैं।

6. वे अपने बेटों-बेटियों से बहुत स्नेह करते हैं।

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हे सजीले हरे सावन,
हे कि मेरे पुण्य पावन,
तुम बरस लो वे न बरसें,
पाँचवें को वे न तरसें,
मैं मजे में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,

किंतु उनसे यह न कहना
उन्हें देते धीर रहना,
उन्हें कहना लिख रहा हूँ,
उन्हें कहना पढ़ रहा हूँ।
काम करता हूँ कि कहना,
नाम करता हूँ कि कहना,
चाहते हैं लोग कहना,
मत करो कुछ शोक कहना,

और कहना मस्त हूँ मैं,
कातने में व्यस्त हूँ मैं,
वजन सत्तर सेर मेरा,
और भोजन ढेर मेरा,
कूदता हूँ, खेलता हूँ,
दू:ख डट कर ठेलता हूँ,
और कहना मस्त हूँ, मैं,
यों न कहना अस्त हूँ मैं,
हाय रे, ऐसा न कहना,
है कि जो वैसा न कहना,
कह न देना जागता हूँ,
आदमी से भागता हूँ,

कह न देना मौन हूँ मैं,
खुद ना समझुँ कौन हूँ मैं,
देखना कुछ बक न देना,
उन्हें कोई शक न देना,
हे सजीले हरे सावन,
हे कि मेरे पुण्य पावन,
तुम बरस लो वे न बरसें,
पाँचवें को वे न तरसें।,

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मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?

पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?

निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बस’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए।

मैं मजे में हूँ सही है

घर नहीं हूँ बस यही है

किंतु यह बस बड़ा बस है,

इसी बस से बस विरस है।

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