बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था। और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं।
(क) ये संवाद कहानी के किस प्रसगं में आए हैं?
(ख) इससे लोगों की किस मानसिकता का पता चलता है?
(क) यह संवाद सेक्रेटरिएट के दो क्लर्को का है। जब सेक्रेटेरिएट के लॉन में आँधी आने के कारण जामुन का एक पेड़ गिर पड़ा और उसके नीचे एक आदमी दब गया तब उसे देखने वहाँ के बाबू एकत्रित हो गए। उन्हें उस व्यक्ति की कोई चिंता न थी बल्कि वे पेड़ की जामुनों का गुणगान कर रहे थे।
(ख) इससे लोगों की इस मानसिकता का पता चलता है कि वे घोर स्वार्थी किस्म के हैं। वे संवेदनाहीन हैं। उन्हें पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति का दुख नजर नहीं आता। उन्हें तो सिर्फ अपना स्वार्थ दिखाई देता है। यह संसार उपयोगितावादी है।