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अपू के साथ ढाई साल

Question
CBSEENHN11012005

पैसों की कमी के कारण और कौन-से दृश्य को शुटिंग करने में मुश्किल आई? यह काम कब हो सका?

Solution

पैसों की कमी के कारण ही बारिश का दृश्य चित्रित करने में बहुत मुश्किल आई थी । बरसात के दिन आए और गए, लेकिन लेखक के पास पैसे नहीं थे, इस कारण शुटिंग बंद थी । आखिर जब हाथ में पैसे आए, तब अकबर का महीना शुरू हो गया था और तभी शूटिंग का काम शुरू हो सका ।

Some More Questions From अपू के साथ ढाई साल Chapter

पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?

अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उनमें से 'कंन्टिन्यूइटी नदारद हो जाती है-इस कथन के पीछे क्या भाव है?

किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शुटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है?

फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस प्रकार फिल्माया गया?

बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?

किसी फिल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सूचीबद्ध कीजिए ।

तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि..... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि..... इत्यादि । ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शुटिंग के समय की असलियत फिल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है ।

मान लीजिए कि आपको अपने विद्यालय पर एक डॉक्यूमैंट्री फिल्म बनानी है । इस तरह की फिल्म में आप किस तरह के दृश्यों को चित्रित -करेंगे? फिल्म बनाने से पहले और बनाते समय किन बातों पर ध्यान देंगे?

पथेर पांचाली फिल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं । यदि आधी फिल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें ।

पठित पाठ के आधार पर यह कह पाना कहां तक उचित है कि फिल्म को सत्यजित राय एक कला-माध्यम के रूप में देखते हैं, व्यावसायिक-माध्यम के रूप में नहीं?