क्या निराश हुआ जाए

Question
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जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?

Solution

वर्तमान में समाज में ईमानदार और मेहनत करके अपना निर्वाह करने वाले को मूर्ख समझा जाता है। धोखा-धड़ी, झूठ और फरेब से काम करने वाले लोग फल-फूल रहे हैं। सच्चाई केवल डरपोक व कमजोर लोगों के लिए ही रह गई है। परिश्रमी, ईमानदार व सच बोलने वाले को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए जीवन के महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था कम हो गई है।

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Some More Questions From क्या निराश हुआ जाए Chapter

आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए?

आपने इस लेख में एक बस की यात्रा के बारे में पढ़ा। इससे पहले भी आप एक बस यात्रा के बारे में पढ़ चुके हैं। यदि दोनों बस-यात्राओं के लेखक आपस में मिलते तो एक-दूसरे को कौन-कौन सी बातें बताते? अपनी कल्पना से उनकी बातचीत लिखिए।

लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?

यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिन्हों में से कौन-सा चिह लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए। - , । . ! ? . ; - , …. ।
 ● “आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

“हमारे महान मनीषियों के सपनों का भारत है और रहेगा।” आपके विचार से हमारे महान विद्वानों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे? लिखिए।

आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिए? लिखिए।

दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।

पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।

जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?

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