लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?
'क्या निराश हुआ जाए’-लेखक के शीर्षक के मायने हैं कि मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए, समाज में अगर अराजकता के तत्त्व बढ़ रहे हैं तो मानवीय भाव भी जिंदा हैं। जिनके सहारे भारत की मानवता कभी मिट नहीं सकती। हम इसका अन्य शीर्षक दे सकते हैं-आशावादी।