क्या निराश हुआ जाए

Question
CBSEENHN8000678

लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?

Solution

'क्या निराश हुआ जाए’-लेखक के शीर्षक के मायने हैं कि मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए, समाज में अगर अराजकता के तत्त्व बढ़ रहे हैं तो मानवीय भाव भी जिंदा हैं। जिनके सहारे भारत की मानवता कभी मिट नहीं सकती। हम इसका अन्य शीर्षक दे सकते हैं-आशावादी।

 

Some More Questions From क्या निराश हुआ जाए Chapter

“हमारे महान मनीषियों के सपनों का भारत है और रहेगा।” आपके विचार से हमारे महान विद्वानों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे? लिखिए।

आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिए? लिखिए।

दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।

पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।

जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?

धर्म-भीरु लोग कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच क्यों नहीं करते?

भ्रष्टाचार के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करना किस बात को प्रमाणित करता है?

‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

चरम और परम किसे माना गया है?

कंडक्टर बस को छोड्कर साइकिल पर कहाँ गया?