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क्या निराश हुआ जाए
व्यक्तिवाचक - भारतवर्ष, कविवर रविंद्रनाथ ठाकुर।
जातिवाचक - देश, आदमी, व्यक्ति, दरिद्रजनों, लोग, महिलाओं, रेलवे स्टेशन, परिवार, बच्चे, ड्राइवर, बस, कंडक्टर। भाववाचक-मन, गुण, दोष, झूठ, फरेब, आस्था, लोभ, मोह, क्रोध, पवित्र, सेवा, भयभीत, व्याकुल, लायक, मनुष्यता, दया, माया।
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दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
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