क्या निराश हुआ जाए

Question
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यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिन्हों में से कौन-सा चिह लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए। - , । . ! ? . ; - , …. ।
 ● “आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

Solution
'क्या निराश हुआ जाए’ के बाद हम प्रश्न चिह अर्थात् ‘क्या निराश हुआ जाए?’ लगाना सही समझेंगे। क्योंकि समाज में गलत कार्य चोरी, डकैती. ठगी, भ्रष्टाचार आदि को देखकर विचलित नहीं होना चाहिए। यह तो सदा से ही समाज मै व्याप्त रहे हैं। मनुष्य तो वह है जो इनके बावजूद भी समाज में सकारात्मक कार्यो को बढ़ावा दे और समाज का रुख मोड़कर अपने पथ का स्वयं निर्माण करे।
आदर्शो की बातें करना तो आसान होता हैं, पर उन पर चलना बहुत कठिन है’-यह कथन पूर्णतया सत्य है क्योंकि किसी को उपदेश देना तो बहुत आसान है उन्हीं उपदेशों पर स्वयं खरा उतरना अत्यधिक कठिन। यह कहना कि ‘सच बोलना चाहिए’ बहुत आसान है लेकिन क्या हर व्यक्ति सच बोलकर ही जीवन व्यतीत कर रहा है? नहीं! अपनी सुविधा हेतु प्रत्येक मनुष्य झूठ बोलने से चूकता नहीं। किसी से फोन पर बात न करके यह कहलवाना भी कि ‘वे घर पर नहीं हैं’ भी झूठ बोलना ही है। झूठ चाहे छोटा हो या बड़ा झूठ तो झूठ ही कहलाता है।

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आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिए? लिखिए।

दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।

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