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कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी?
कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगता है जैसे कोयल उसके लिए कोई संदेशा लेकर आई है। सन्देश शायद महत्वपूर्ण है नहीं तो कोयल सुबह होने तक का इंतज़ार करती।
कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?
कवि ने कोयल के बोलने की निम्न संभावनाएँ बताई हैं -
1. कोकिला कोई संदेशा पहुँचाना चाहती है।
2. उसने दावानल की लपटें देख लीं है।
3. समस्या अत्यंत गंभीर है इसलिए वह सुबह होने की प्रतीक्षा नहीं कर पाती है।
4. क्रांतिकारीयों के मन में देश-प्रेम की भावना को और मजबूत करने आई है।
किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों?
अंग्रेजी शासन की तुलना कवि ने तम के प्रभाव से की है क्योंकि अँग्रेज शासन प्रणाली अन्धकार की तरह काली है। यहाँ अन्धकार का मतलब अन्याय से है। वे हमारे देशवासियों पर अनेक प्रकार के जुल्म ढा रहे थे।
कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।
कविता के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि तत्कालीन समाज में अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय कैदियों को तरह तरह की यातनाएँ दी जाती थी। जैसे:-
1. अँधेरी कोठरियों में कैदियों को जंजीरों से बाँध कर रखा जाता था।
2. कोठरियाँ भी काफी छोटी होती थी।
3. खाने को भी कम दिया जाता था।
4. कैदियों से पशुओं की तरह काम करवाया जाता था।
5. जेल में अमानवीय यातनाएँ दी जाती थी।
6. क्रांतिकारियों को चोर, लुटेरे और डाकूओं के साथ रखा जाता था।
भाव स्पष्ट कीजिए।
मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
मृदुल वैभव की रखवाली-सी से कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज़ से है। आज के इस कष्टमय संसार में कुछ मृदुलता और सरसता बची है तो वह कोयल की आवाज़ में ही बची है। किन्तु उसकी आवाज़ में मिठास होने के बाद भी जब वह वेदना पूर्ण आवाज़ में चीख़ उठती है तो कवि उससे उसकी वेदना का कारण पूछता है।
भाव स्पष्ट कीजिए -
हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ , खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।
अंग्रेज़ी सरकार देश के स्वाधीनता सैनानियों से पशुओं के समान परिश्रम करवाते हैं जिससे इन लोगों का स्वाभिमान और देश के प्रति देश प्रेम की भावना ख़त्म हो जाए। कवि के पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। परन्तु सैनानी इससे दु:खी नहीं होते तथा अंग्रेज़ी सरकार के अत्याचार को सहते हुए उनकी अकड़ को समाप्त कर देना चाहते हैं।
अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?
अद्धरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को अनेकों अंदेशे होते है जैसे कोयल पागल तो नहीं हो गयी है, या कोई सन्देश लेकर आईं हैं, या शायद वह किसी कष्ट में है, या वह किसी की कैद में है जो उससे पेट भर खाने को नहीं देता या यह भी हो सकता है कि वह क्रांतिकारियों के दुःख से द्रवित होकर चीख रही हो।
कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है?
कोयल की स्वतंत्रता से कवि को ईर्ष्या हो रही है। वह आकाश में स्वतंत्रता से उड़ान भर रही है और कवि का जीवन जेल की काल कोठरी के अन्धकार में बंद है। कोयल गाकर अपने आनंद को प्रकट कर सकती है पर कवि के लिए तो रोना भी एक बड़ा गुनाह है जिसकी उससे सजा मिल सकती है।
कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?
कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की कुछ मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं। कोयल हरी-भरी डालियों पर बैठकर अपने मधुर स्वर से सारी सृष्टि को गुंजायमान करती थी, उसके मधुर गीतों में खुशियाँ झलकती थी, स्वतंत्रता पूर्वक आकाश में विचरण करती थी परन्तु अब वह अपनी इन विशेषताओं को नष्ट करने पर तुली है। वह बावली सी प्रतीत हो रही है।
हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?
कवि के लिए हथकड़ियाँ गौरव की बात है। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण अँगरेज़ सरकार ने हथकड़ियाँ पहनाई हैं। कवि अँग्रेज सरकार द्वारा पहनाई गई उन बेड़ियों को बंधन नहीं समझता है क्योंकि उन्होंने ने किसी गलत कार्य के लिए ये बेड़ियाँ नहीं पहनी है। ये तो देश भक्ति का प्रतिक है।
'कलि तू .....ऐ आली!' - इन पंक्तियों में 'काली' शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।
इन कविता की पंक्तियों में कवि ने नौ बार काली शब्द का प्रयोग किया है। शब्द तो एक ही है परन्तु भिन्न -भिन्न अर्थों में इसका प्रयोग किया गया है। कही पर यह शब्द अँग्रेज सरकार के काले शासन को संबोधित कर रहा है तो कहीं वातावरण की कालिमा और निराशा को उजागर कर रहा है। तो कही इसका अर्थ निराशा के रूप में किया गया है।
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
किस दानावल की ज्वालाएँ हैं दीखीं?
भाव सौंदर्य - कवि ने यहाँ पर अपनी प्रश्नात्मक शैली से कोयल के कष्ट का अनुमान लगा रहा है। कोयल ने ऐसा क्या देख लिया है जिसके कारण वह इतनी व्यथित है।
शिल्प सौंदर्य - भाषा में सहजता और सरलता है। भाषा तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली है। दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!
देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी!
भाव-सौंदर्य - यहाँ पर कवि और कोयल के जीवन का तुलनात्मक वर्णन हुआ है। कवि ने अपने तथा कोयल के जीवन की विषमताओं की ओर संकेत किया है।
शिल्प-सौंदर्य -कवि ने यहाँ तुकबंदी का प्रयोग किया है। तेरी मेरी, वह गुनाह में स्वर मैत्री तथा अनुप्रास अलंकार है। सरल भाषा का प्रयोग किया है।
कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है?
कवि ने कोयल के भिन्न स्वर के कारण यहाँ कोकिला की ही बात की है। यहाँ कोकिला भारत माता का प्रतीक है। कोकिला रात के समय नहीं बोलती है।अत: रात को उसका इस प्रकार से करुण स्वर में गाना आने वाले किसी संकट का प्रतीक है। तथा वह अन्य पक्षियों से अधिक मधुर तथा भिन्न है।
आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा?
ब्रिटिश सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों में कोई अंतर नहीं समझती थी। उनके लिए दोनों अपराधी एक जैसे दोषी ही थे। सरकार क्रांतिकारियों की आज़ादी की माँग को दबाना चाहती थी। स्वतंत्रता सैनानियों के मनोबल को तोड़ने के लिए तथा भारत पर अपनी सत्ता कायम रखने के लिए वे दोनों के साथ समान व्यवहार करती थी।
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