काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
किस दानावल की ज्वालाएँ हैं दीखीं?
भाव सौंदर्य - कवि ने यहाँ पर अपनी प्रश्नात्मक शैली से कोयल के कष्ट का अनुमान लगा रहा है। कोयल ने ऐसा क्या देख लिया है जिसके कारण वह इतनी व्यथित है।
शिल्प सौंदर्य - भाषा में सहजता और सरलता है। भाषा तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली है। दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।